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खाचरियावास का पलटवार, कहा- राज्यपाल BJP के कार्यकर्ता नहीं प्रदेश के मुखिया हैं

राजभवन के बाहर धरने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर सवाल उठाए थे. इसको लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि BJP को भूलना नहीं चाहिए कि राज्यपाल BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं, वे संवैधानिक पद पर हैं. साथ ही खाचरियावास ने कांग्रेस के बागियों को भी सलाह दी है.

राजस्थान में कोरोना संकट, Pratap Singh Khachariwas
खाचरियावास ने BJP को घेरा
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Published : Jul 26, 2020, 10:26 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच होटल फेयर माउंट के बाहर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बयान देते हुए कहा कि राज्यपाल हमारे प्रदेश के मुखिया हैं. उनके ऊपर कोई कंकड़ भी फेंका जाएगा तो पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ऊपर लेंगे. खाचरियावास ने कहा कि जो आरोप BJP लगा रही है, वह गलत है.

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने BJP के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि BJP कह रही है कि राज्यपाल की छाती पर जाकर विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं. BJP जो भी आरोप लगा रही है, वह पूरी तरह से निराधार है. विधानसभा सत्र बुलाना हमारा अधिकार है, जिसकी मांग करने हम राज्यपाल के पास गए. राज्यपाल BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं, वे संवैधानिक पद पर हैं. BJP नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए.

खाचरियावास ने BJP को घेरा

राज्यपाल से निवेदन करना हमारा अधिकार...

खाचरियावास ने BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि राजस्थान की सरकार के परिवार के मुखिया हैं. मुखिया के घर जाकर अपना दर्द बताना, कानून की रक्षा के लिए उनसे निवेदन करना और कानून में जो अधिकार हैं उनके बारे में बता करना, हमारे अधिकार प्राप्त करना हमारा नैतिक और कानूनी अधिकार है.

राजभवन और CM निवास की दीवार एक ही है...

उन्होंने कहा कि CM ने कहा कि राजभवन पर जनता आएगी. जनता आने का मतलब यह नहीं है कि राज भवन के अंदर घुस जाएगी. राजभवन और मुख्यमंत्री निवास की दीवार एक ही है. अगर कलराज मिश्र जी के ऊपर एक भी कंकड़ आएगा तो उस कंकड़ को राजस्थान सरकार के मुखिया सीएम अशोक गहलोत सबसे पहले अपने ऊपर लेंगे.

गुलाबचंद काटरिया के बयान पर खाचरियावास का पलटवार

गुलाबचंद कटारिया के बयान पर पलटवार...

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गांधीवादी तरीके से आंदोलन करती है. गुलाबचंद कटारिया बहुत पुराने नेता हैं और वह कहते हैं कि हम राज्यपाल के छाती पर पांव दे रहे हैं. वह हमारे परिवार के सदस्य हैं, हम तो आपकी छाती पर भी पांव नहीं देंगे. यह तो आपका नेचर है. अगर राजभवन पर कोई प्रदर्शन होगा तो यह जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है. विधानसभा सत्र बुलाना यह तो हमारा कानूनी अधिकार है, गवर्नर भी संविधान से बड़े नहीं हैं. देश में जितने भी संविधानिक बॉडीज हैं. वह लोकतंत्र के संविधान से बड़े कोई नहीं है. सब संविधान के अनुसार ही काम करते हैं. BJP के लोगों को यह समझ लेना चाहिए.

यह भी पढ़ें. 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाए जाने का आग्रह...राज भवन पहुंची पत्रावली

परिवहन मंत्री ने कहा कि बीजेपी वोट के राज को खत्म करना चाहती है. विधानसभा का अध्यक्ष कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. विधानसभा के अध्यक्ष ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का सम्मान किया है. ऐसे में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की भी जिम्मेदारी है कि विधानसभा अध्यक्ष की संवैधानिक पावर का सम्मान करें.

BJP खुलकर कह दे कि हम लोकतंत्र विरोधी हैं...

खाचिरयावास ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन को लेकर कहा कि गवर्नर बीजेपी के कार्यकर्ता बनकर नहीं सोच सकते. मैं भी गवर्नर साहब से समय लेकर मुलाकात करूंगा. मेरे उनके बहुत अच्छे रिश्ते हैं. राजस्थान के 100 से भी ज्यादा विधायक राज्यपाल के पास गए तो वह वहां पर आंदोलन करने नहीं गए थे. जो भी नारा लगाया, उनके सम्मान में लगाया और लोकतंत्र के हित में लगाया. 'We want justice' यह नारा तो हम अपने परिवार के मुखिया के सामने लगा ही सकते हैं.

यह भी पढ़ें. राजस्थान सियासी उठापटक के बीच भाजपा के इन कद्दावर नेताओं की चुप्पी पर अब चर्चा आम....

परिवहन मंत्री ने कहा कि 8 करोड़ की जनता द्वारा चुने गए जनता के प्रतिनिधि राजभवन गए तो BJP उसको भी मुद्दा बना रही है. बीजेपी खुलकर कह दे कि हम लोकतंत्र के विरोधी हैं. गवर्नर बड़ा होता है. सबसे बड़ी देश में चुनी हुई सरकार हुई होती है. देश में चुनी हुई सरकार मोदी जी के नेतृत्व में बनी है. वह बड़ी है या अभी राष्ट्रपति जी कह दे कि मोदी जी ने लोकसभा का सेशन बुलाने के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उस प्रस्ताव को मैं नामंजूर करता हूं. तब बीजेपी का क्या जवाब होगा. यह भी वैसे ही है जैसे मोदी जी की सरकार को राष्ट्रपति जी मना कर दे.

राज्यपाल को सत्र बुलाना चाहिए....

वहीं खाचरियावास ने BJP को घेरते हुए कहा कि आज अशोक गहलोत की सरकार के लिए राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. मोदी जी को राष्ट्रपति मना कर दे और मोदी जी अपने सांसदों के साथ मिलने जाए और वह वहां कह दे कि वी वांट जस्टिस, तब BJP का क्या जवाब होगा यह बता दें. बीजेपी नेताओं ने भी माना है कि शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है. उन्होंने राज्यपाल से निवेदन करते हुए कहा कि राज्यपाल को मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को स्वीकार करके विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए और जनता की आवाज को समझना चाहिए.

बागी कांग्रेस के हैं तो मीटिंग में क्यों नहीं आते...

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कांग्रेस के बागियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वो कहते हैं कि हम कांग्रेस के ही हैं. फिर कांग्रेस की मीटिंग में क्यों नहीं आते हैं. यह बयान क्यों देते हैं कि कांग्रेस अल्पमत में है. अगर आप कांग्रेस के हैं तो कांग्रेस के मंचों पर आइए लेकिन BJP के षड्यंत्र में मत फंसिए.

यह भी पढ़ें. LIVE : सरकार ने राजभवन को भेजा प्रस्ताव, अब 31 जुलाई को सत्र आहूत करने का आग्रह

उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना संकट में सबसे अच्छा काम राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किया है. कांग्रेस सरकार सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन लोकतंत्र का गला घोटने का जब भी प्रयास होगा तो कांग्रेस लड़ेगी. पूरे देश में कांग्रेस ने एक बार फिर से आवाज बुलंद की है. दुख तो इस बात का है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी मौन है. कांग्रेस ना तो डरेगी और ना झुकेग. संविधान के अनुसार राजस्थान की जनता की सुरक्षा और सेवा करेगी. राज्यपाल की भी सुरक्षा और सेवा कांग्रेस करेगी.

परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार अपने रास्ते पर संविधान के अनुसार चल रही है. संविधान के अधिकारों के अनुसार हम जो मांग रहे हैं, वह गवर्नर साहब को देना चाहिए. बीजेपी ताकत और पैसे के दम पर सरकार गिराने का षडयंत्र करती है, तो उससे बड़ा पाप कुछ नहीं हो सकता.

जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच होटल फेयर माउंट के बाहर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बयान देते हुए कहा कि राज्यपाल हमारे प्रदेश के मुखिया हैं. उनके ऊपर कोई कंकड़ भी फेंका जाएगा तो पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ऊपर लेंगे. खाचरियावास ने कहा कि जो आरोप BJP लगा रही है, वह गलत है.

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने BJP के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि BJP कह रही है कि राज्यपाल की छाती पर जाकर विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं. BJP जो भी आरोप लगा रही है, वह पूरी तरह से निराधार है. विधानसभा सत्र बुलाना हमारा अधिकार है, जिसकी मांग करने हम राज्यपाल के पास गए. राज्यपाल BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं, वे संवैधानिक पद पर हैं. BJP नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए.

खाचरियावास ने BJP को घेरा

राज्यपाल से निवेदन करना हमारा अधिकार...

खाचरियावास ने BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र BJP के कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि राजस्थान की सरकार के परिवार के मुखिया हैं. मुखिया के घर जाकर अपना दर्द बताना, कानून की रक्षा के लिए उनसे निवेदन करना और कानून में जो अधिकार हैं उनके बारे में बता करना, हमारे अधिकार प्राप्त करना हमारा नैतिक और कानूनी अधिकार है.

राजभवन और CM निवास की दीवार एक ही है...

उन्होंने कहा कि CM ने कहा कि राजभवन पर जनता आएगी. जनता आने का मतलब यह नहीं है कि राज भवन के अंदर घुस जाएगी. राजभवन और मुख्यमंत्री निवास की दीवार एक ही है. अगर कलराज मिश्र जी के ऊपर एक भी कंकड़ आएगा तो उस कंकड़ को राजस्थान सरकार के मुखिया सीएम अशोक गहलोत सबसे पहले अपने ऊपर लेंगे.

गुलाबचंद काटरिया के बयान पर खाचरियावास का पलटवार

गुलाबचंद कटारिया के बयान पर पलटवार...

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गांधीवादी तरीके से आंदोलन करती है. गुलाबचंद कटारिया बहुत पुराने नेता हैं और वह कहते हैं कि हम राज्यपाल के छाती पर पांव दे रहे हैं. वह हमारे परिवार के सदस्य हैं, हम तो आपकी छाती पर भी पांव नहीं देंगे. यह तो आपका नेचर है. अगर राजभवन पर कोई प्रदर्शन होगा तो यह जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है. विधानसभा सत्र बुलाना यह तो हमारा कानूनी अधिकार है, गवर्नर भी संविधान से बड़े नहीं हैं. देश में जितने भी संविधानिक बॉडीज हैं. वह लोकतंत्र के संविधान से बड़े कोई नहीं है. सब संविधान के अनुसार ही काम करते हैं. BJP के लोगों को यह समझ लेना चाहिए.

यह भी पढ़ें. 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाए जाने का आग्रह...राज भवन पहुंची पत्रावली

परिवहन मंत्री ने कहा कि बीजेपी वोट के राज को खत्म करना चाहती है. विधानसभा का अध्यक्ष कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. विधानसभा के अध्यक्ष ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का सम्मान किया है. ऐसे में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की भी जिम्मेदारी है कि विधानसभा अध्यक्ष की संवैधानिक पावर का सम्मान करें.

BJP खुलकर कह दे कि हम लोकतंत्र विरोधी हैं...

खाचिरयावास ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन को लेकर कहा कि गवर्नर बीजेपी के कार्यकर्ता बनकर नहीं सोच सकते. मैं भी गवर्नर साहब से समय लेकर मुलाकात करूंगा. मेरे उनके बहुत अच्छे रिश्ते हैं. राजस्थान के 100 से भी ज्यादा विधायक राज्यपाल के पास गए तो वह वहां पर आंदोलन करने नहीं गए थे. जो भी नारा लगाया, उनके सम्मान में लगाया और लोकतंत्र के हित में लगाया. 'We want justice' यह नारा तो हम अपने परिवार के मुखिया के सामने लगा ही सकते हैं.

यह भी पढ़ें. राजस्थान सियासी उठापटक के बीच भाजपा के इन कद्दावर नेताओं की चुप्पी पर अब चर्चा आम....

परिवहन मंत्री ने कहा कि 8 करोड़ की जनता द्वारा चुने गए जनता के प्रतिनिधि राजभवन गए तो BJP उसको भी मुद्दा बना रही है. बीजेपी खुलकर कह दे कि हम लोकतंत्र के विरोधी हैं. गवर्नर बड़ा होता है. सबसे बड़ी देश में चुनी हुई सरकार हुई होती है. देश में चुनी हुई सरकार मोदी जी के नेतृत्व में बनी है. वह बड़ी है या अभी राष्ट्रपति जी कह दे कि मोदी जी ने लोकसभा का सेशन बुलाने के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उस प्रस्ताव को मैं नामंजूर करता हूं. तब बीजेपी का क्या जवाब होगा. यह भी वैसे ही है जैसे मोदी जी की सरकार को राष्ट्रपति जी मना कर दे.

राज्यपाल को सत्र बुलाना चाहिए....

वहीं खाचरियावास ने BJP को घेरते हुए कहा कि आज अशोक गहलोत की सरकार के लिए राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. मोदी जी को राष्ट्रपति मना कर दे और मोदी जी अपने सांसदों के साथ मिलने जाए और वह वहां कह दे कि वी वांट जस्टिस, तब BJP का क्या जवाब होगा यह बता दें. बीजेपी नेताओं ने भी माना है कि शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है. उन्होंने राज्यपाल से निवेदन करते हुए कहा कि राज्यपाल को मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को स्वीकार करके विधानसभा का सत्र बुलाना चाहिए और जनता की आवाज को समझना चाहिए.

बागी कांग्रेस के हैं तो मीटिंग में क्यों नहीं आते...

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कांग्रेस के बागियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वो कहते हैं कि हम कांग्रेस के ही हैं. फिर कांग्रेस की मीटिंग में क्यों नहीं आते हैं. यह बयान क्यों देते हैं कि कांग्रेस अल्पमत में है. अगर आप कांग्रेस के हैं तो कांग्रेस के मंचों पर आइए लेकिन BJP के षड्यंत्र में मत फंसिए.

यह भी पढ़ें. LIVE : सरकार ने राजभवन को भेजा प्रस्ताव, अब 31 जुलाई को सत्र आहूत करने का आग्रह

उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोरोना संकट में सबसे अच्छा काम राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किया है. कांग्रेस सरकार सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन लोकतंत्र का गला घोटने का जब भी प्रयास होगा तो कांग्रेस लड़ेगी. पूरे देश में कांग्रेस ने एक बार फिर से आवाज बुलंद की है. दुख तो इस बात का है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी मौन है. कांग्रेस ना तो डरेगी और ना झुकेग. संविधान के अनुसार राजस्थान की जनता की सुरक्षा और सेवा करेगी. राज्यपाल की भी सुरक्षा और सेवा कांग्रेस करेगी.

परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार अपने रास्ते पर संविधान के अनुसार चल रही है. संविधान के अधिकारों के अनुसार हम जो मांग रहे हैं, वह गवर्नर साहब को देना चाहिए. बीजेपी ताकत और पैसे के दम पर सरकार गिराने का षडयंत्र करती है, तो उससे बड़ा पाप कुछ नहीं हो सकता.

Last Updated : Jul 26, 2020, 10:56 PM IST
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