जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान के 2 मई से दोबारा शिविर शुरू (Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan restart from 2 May) होंगे. इससे पहले नगरीय निकायों को 20 अप्रैल तक स्थानीय स्तर पर लंबित लेआउट प्लान/जोनल प्लान का नियमानुसार अनुमोदन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पेंडिंग प्रकरणों के निपटारे के निर्देश जारी किए गए हैं.
नगरीय निकायों में प्राप्त 2 लाख 49 हजार 161 आवेदनों में से 1 लाख 76 हजार 153 पट्टे जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी 44 हजार 676 आवेदन पेंडिंग है. 2 अक्टूबर, 2021 से शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर लगाए जा रहे शिविर जनवरी में स्थगित कर दिए गए थे. इस दौरान राज्य सरकार ने पेंडिंग प्रकरणों के निपटारे के निर्देश जारी किए थे. बावजूद इसके नगरीय निकायों में 44 हजार 676 प्रकरण पेंडिंग हैं.
वर्ग | प्राप्त आवेदन | स्वीकृत | अस्वीकृत | पेंडिंग प्रकरण |
कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाएं | 94311 | 73340 | 9348 | 11623 |
69 ए | 87177 | 57081 | 6954 | 23142 |
कच्ची बस्ती नियमन | 8214 | 2470 | 3845 | 1899 |
स्टेट ग्रांट एक्ट | 46679 | 31997 | 7621 | 7061 |
EWS/ LIG/60 वर्गमी | 938 | 873 | 30 | 35 |
फ्री होल्ड पट्टा | 11842 | 10392 | 534 | 916 |
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चूंकि अब राज्य सरकार अभियान के शिविरों को 2 मई से दोबारा शुरू करने जा रही है. ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग ने नगरीय निकायों में इन पेंडिंग प्रकरणों का निस्तारण करने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर लंबित लेआउट प्लान/ जोनल प्लान के नियमानुसार अनुमोदन करने की कार्रवाई 20 अप्रैल तक करने के निर्देश जारी किए हैं. ताकि राज्य सरकार की आगामी शिविरों में प्राप्त आवेदनों का समय पर निस्तारण किया जा सके. वहीं नगरीय निकायों की ओर से अब तक निरस्त किए गए 28 हजार 332 आवेदनों की फाइल को भी दोबारा खोल, इन आवेदनों में जो भी कमी है, उससे जुड़े दस्तावेज मंगवा कर दोबारा उचित श्रेणी में आवेदन कराए जाने के भी निकाय प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं. उधर, जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में महापौर और कमिश्नर के बीच विवाद का खामियाजा अभियान को भुगतना पड़ा है. समय पर एंपावर्ड कमेटी की बैठक नहीं होने की वजह से प्रदेश के सभी निगमों में ग्रेटर नगर निगम सबसे फिसड्डी चल रहा है. जबकि निगमों में हेरिटेज निगम पहले पायदान पर है.