जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान अवधि में आमजन को राहत प्रदाने करने के लिए 15 जनवरी, 2002 के बाद और 20 अगस्त, 2015 से पूर्व नीलाम किये गये संस्थानिक भूखण्ड, फार्म हाऊस भूखण्ड और रिसोर्ट के भूखण्डों में पुर्नग्रहण राशि (Recovery amount) नीलामी के समय की आरक्षित दर से देय होगी. वहीं दूसरे प्रकरणों की तरह 31 दिसम्बर, 2019 तक गणना कर राशि ली जाएगी.
राज्य सरकार ने नीलामी के भूखंडों के रिकवरी अमाउंट को लेकर स्थिति स्पष्ट की है. ऐसे भूखण्ड जो निकायों की ओर से संस्थानिक, फार्म हाऊस और रिसोर्ट/मोटल के लिए निलामी से विक्रय किये गये हैं, उनमें लैंड कवर्ड एरिया काफी कम रहता है. (उदाहरण के लिए, फार्म हाउस और रिसोर्ट में 10 या 20 प्रतिशत और लीज राशि नीलामी के समय की आरक्षित दर पर देय होती है।) ऐसे भूखण्डों के लिए 2015 के समय की आरक्षित दर काफी अत्यधिक हो जाती है और इसे व्यावहारिक करने के लिए सुझाव दिये गये हैं.
इसी तरह नीलामी पर बेचे गये संस्थानिक भूखण्डों के संबंध में भी समस्या है. ऐसे प्रकरणों में अभियान के दौरान राहत देने और समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से फैसला लिया गया है कि रिसोर्ट/मोटल के साथ-साथ संस्थानिक भूखण्डों की निलामी के समय की आरक्षित दर पर पुर्नग्रहण राशि देय होगी.
वहीं अब कच्ची बस्ती में जारी किए जाने वाले पट्टे भी 99 वर्षीय लीज के आधार पर दिए जाएंगे. वर्ष 2004 तक की सर्वेशुदा कच्ची बस्तियों में पहले किसी प्रकरण में पट्टे अल्प अवधि 5 वर्ष या अन्य किसी अवधि के जारी किए गए हैं, तो ऐसे पट्टों को समर्पित कर 99 वर्षीय लीज पर पट्टे (Lease deed for 99 years for slums in Jaipur) मिल सकेंगे. इसके लिए आवेदक को एकमुश्त लीज राशि जमा करानी होगी.