जयपुर. प्रदेश में पिछले दिनों शुरू हुआ बिजली का संकट थम चुका है. मौसम में बदलाव से बिजली कंपनियों को भी राहत मिली है. आलम ये है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की 2330 मेगावाट क्षमता की 8 इकाइयां बंद होने के बावजूद प्रदेश में बिजली की आपूर्ति सामान्य है.
दरअसल राजस्थान के कई जिलों में एकाएक मानसून के सक्रिय होने से बिजली की मांग और खपत दोनों में तेजी से गिरावट आई है. जिसके चलते कोयले की पर्याप्त आवक न हो पाने के बावजूद बिजली की आपूर्ति डिमांड के अनुरूप संभव हो पा रही है.
वर्तमान में राजस्थान में प्रतिदिन 2150 लाख यूनिट बिजली की खपत या कहे डिमांड है, राजस्थान उत्पादन निगम इकाइयों के जरिए इसकी आपूर्ति भी हो रही है. हालांकि करीब 5 से 10 लाख यूनिट बिजली की खरीद बाहर से हो रही है. लेकिन फिलहाल प्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं है.
उत्पादन निगम की 8 इकाईयों में उत्पादन ठप
वर्तमान में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की 2330 मेगावाट क्षमता की आठ इकाइयों में बिजली उत्पादन बंद है. इनमें कोटा थर्मल की 210 मेगावाट प्रत्येक क्षमता वाली दो इकाइयां, छबड़ा की 660 मेगावाट की एक और 250 मेगावाट प्रत्येक की तीन इकाइयां बंद है. इसी तरह सूरतगढ़ की 250 मेगावाट प्रत्येक क्षमता वाली दो इकाइयां बंद हैं. हालांकि कालीसिंध रामगढ़ और माही इकाइयों में बिजली का उत्पादन जारी है.