जयपुर. राजस्थान सरकार जिस साइकिल स्टैंड प्रोजेक्ट को बंद करने का मन बना चुकी थी, अब उसे फिर से दोबारा गति दी जा रही है. राजधानी में 20 जगह स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत साइकिल स्टैंड बनाए जा रहे हैं. जिनमें सात तो बनकर तैयार हो चुके हैं. हर स्टैंड पर 15 साइकिल होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जब ईटीवी भारत ने साइकिल स्टैंड्स की हकीकत खंगाली तो इन स्टैंड्स की हकीकत कुछ और ही सामने आई.
सड़कों पर बढ़ते जाम और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देशभर के 95 स्मार्ट शहरों में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए एक चैलेंज दिया है. जिसमें जयपुर भी हिस्सा ले रहा है. ऐसे में शहर के नागरिकों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 20 स्थानों पर साइकिल स्टैंड भी बनाए जा रहे हैं. जहां आईडी प्रूफ देकर 10 रुपए प्रति घंटे की शुल्क से किराए पर साइकिल मिलेगी. इन साइकिल स्टैंड्स का 69.20 लाख रुपए की लागत से निर्माण किया जा रहा है. राजधानी में अब तक 7 साइकिल स्टैंड शुरू किए जा चुके हैं, जबकि 4 जल्द शुरू होंगे.
वहीं अब लोगों की साइकिलिंग में दिलचस्पी बढ़ी है. आमजन धीरे-धीरे ही सही साइकिलिंग और पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं. अब जयपुर में साइकिल स्टैंड साइकिल प्रेमियों के लिए अच्छी पहल हो सकती है. अगर उसे सही से संचाालित किया जा सके लेकिन राजधानी में जो स्टैंड बनकर तैयार हो चुके हैं, उनमें ही अव्यवस्था देखने को मिल रही है.
प्राइवेट कंपनी ग्रीन ओ सॉल्यूशन और ईएमजी इंडस्ट्रीज के साथ एमओयू कर राजधानी में साइकिल स्टैंड्स का निर्माण शुरू किया गया है. इस पहल के पीछे यही मंशा है कि स्मार्ट सिटी में साइकिल का उपयोग बढ़े. जिससे पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी निभाई जा सकी. वहीं आमजन किफायती रेट पर साइकिल राइडिंग कर सकें, लेकिन ईटीवी भारत ने जब स्टैंड का जायजा लिया तो हकीकत दावे से दूर नजर आई.
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राजधानी के अल्बर्ट हॉल के पीछे स्थित साइकिल स्टैंड पर 15 में से महज 5 जबकि रामबाग सर्किल पर 12 साइकिल मौजूद थी. शिक्षा संकुल साइकिल स्टैंड पर साइकिल तो पर्याप्त थी, लेकिन स्टैंड के गेट पर ताला जड़ा हुआ था.
वहीं न्यू गेट पर बने साइकिल स्टैंड पर मौजूद साइकिलों में अधिकतर के पैडल और ब्रेक गायब थे. यही नहीं साइकिल के टायर में हवा भरने वाले पंप की खुद हवा निकली हुई थी. हल्की-फुल्की मरम्मत के लिए बनाए गए टूल बॉक्स से टूल्स नदारद थे.
हालांकि, साइकिल स्टैंड के इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार की कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन अब जब लाखों रुपए खर्च कर प्रोजेक्ट शुरू किया ही गया है तो जरूरत है कि आम जनता को सुरक्षित साइकिलिंग के लिए उपयुक्त साइकिल भी उपलब्ध कराई जाए.