जयपुर. एक बार फिर राज्य में शराबबंदी को लेकर आंदोलन किया जाएगा. शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने 15 नवंबर से मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनिश्चितकालीन अनशन और आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार शराबबंदी के लिए आंदोलन के लिए स्थान की अनुमति नहीं दे रही है.
शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने बताया कि अनशन करना उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन सरकार उनके अनशन के लिए कोई स्थान के लिए अनुमति नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि 15 नवंबर से वह शराबबंदी को लेकर आंदोलन करेंगी. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कर रही है. पूनम अंकुर छाबड़ा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार भी स्थान नहीं दिया जाता है तो वे मुख्यमंत्री आवास के बाहर ही 15 नवंबर से शराबबंदी को लेकर अनशन और आंदोलन करेगी.
पढ़ें. अजमेर-जोधपुर डिस्कॉम बिजली उपभोक्ताओं को भी हर महीने मिलेगा बिल, अधिकारियों को सख्त आदेश
बता दें कि शराबबंदी को लेकर प्रदेश में समय-समय पर आंदोलन होते रहे हैं. शराबबंदी को लेकर सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है और यह कमेटी शराबबंदी वाले राज्यों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगी, लेकिन 2 साल से ज्यादा का समय होने के बावजूद भी अभी तक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है. जिसके चलते भी शराबबंदी के लिए आंदोलन करने वालों में नाराजगी है. पूनम अंकुर छाबड़ा गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू है. भाजपा शासन के समय शराबबंदी को लेकर अनशन के दौरान गुरुशरण छाबड़ा की मौत हो गई थी. इसे लेकर कांग्रेस ने मुद्दा बनाया था. अब भाजपा का आरोप है कि इस मामले में कांग्रेस सरकार कोई सुध नहीं ले रही.