जयपुर. प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना शुरू करने की घोषणा पर भी सियासत शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा है कि देर आए लेकिन दुरुस्त आए. उन्होंने कहा कि नाम बदलकर ही सही लेकिन हमारी अन्नपूर्णा रसोई योजना को जनता की मांग पर फिर से शुरू करना ही पड़ा.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जारी की गई बयान में कहा कि हमारी योजनाओं का नाम बदलने में प्रदेश सरकार और कांग्रेस माहिर है. यही कारण है कि अब 'अन्नपूर्णा रसोई' का नाम बदलकर इंदिरा रसोई योजना कर दिया गया है. राजे ने कहा कि जनता की मांग पर सरकार को अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू करना ही पड़ी, अब चाहे नाम बदलकर ही क्यों ना करें. राजे ने इस दौरान प्रदेश सरकार को नसीहत भी दी कि नाम नहीं अपने आप को बदलो, नहीं तो जनता सब के सब बदल डालेगी.
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गौरतलब है कि सोमवार को ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोई भूखा ना सोए, इस संकल्प के साथ एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की घोषणा की है. इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा.
बता दें कि इस योजना पर राज्य सरकार प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी. योजना के संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग भी होगी.