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राजस्थान पर 'पंजाब इफेक्ट' : कैप्टन के इस्तीफे के बाद राजस्थान में बढ़ी सियासी बेचैनी, सवाल ये कि पायलट को क्या मिलेगा ? - लोकेश शर्मा ओएसडी

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफे का असर राजस्थान की राजनीति में भी नजर आ रहा है. राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है. सवाल यह कि सचिन पायलट को आलाकमान से क्या मिलेगा और केबिनेट एक्सपेंशन अब कितना दूर है.

राजस्थान में सचिन को लेकर क्या फैसला होगा
राजस्थान में सचिन को लेकर क्या फैसला होगा
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Published : Sep 18, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 7:05 PM IST

जयपुर. पंजाब कांग्रेस में उठापटक के दौर के बीच आज कैप्टन अमरिंदर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राजस्थान कांग्रेस में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि प्रदेश की राजनीतिक उठापटक में कांग्रेस आलाकमान क्या निर्णय लेगा ?

राजस्थान में भी हालात पंजाब से मिलते जुलते ही हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे सचिन पायलट के बीच चल रहा शीत युद्ध सबके सामने है. हालांकि साल 2020 में शुरू हुई सियासी उठापटक के बाद से अब तक सचिन पायलट पार्टी में रहकर ही अपनी बात उठा रहे हैं. सचिन पायलट बार-बार यह भी कह रहे हैं कि राजस्थान में सरकार रिपीट करवानी है तो सत्ता में विकेंद्रीकरण आवश्यक है.

जबकि राजस्थान में पिछले 2 महीने से केबिनेट एक्सपेंशन की एक्सरसाइज अब तक पूरी नहीं हो सकी है. इसके पीछे मुख्यमंत्री के अस्वस्थ होने का हवाला जरूर दिया जा रहा है, लेकिन सच यही है कि केबिनेट एक्सपेंशन और संगठन विस्तार में देरी कांग्रेस में अंदरूनी असंतोष को बढ़ा रही है.

पढ़ें- स्पीकर-मंत्री में चले व्यंग्य बाण : ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देने उठे धारीवाल..जोशी ने कहा-मेरे पास लालचंद कटारिया का नाम, परमीशन लीजिये

केबिनेट एक्सपेंशन कब, पायलट को क्या मिलेगा ?

राजस्थान में केबिनेट विस्तार पर चर्चाएं लंबे समय से हो रही हैं. प्रदेश प्रभारी अजय माकन को कहना पड़ा कि मुख्यमंत्री के अस्वस्थ होने के चलते केबिनेट एक्सपेंशन रुका हुआ है, लेकिन सवाल यही है कि केबिनेट एक्सपेंशन में सचिन पायलट के हाथ क्या लगेगा ? जानकार मानते हैं कि पार्टी केबिनेट विस्तार या संगठन में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से पहले सचिन पायलट की राजस्थान या केंद्रीय कांग्रेस में भूमिका तय करेगी.

पंजाब में भले ही मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया हो लेकिन राजस्थान में अभी नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है. साथ ही बीते 1 माह से यह चर्चा चल रही है कि सचिन पायलट को उनकी पुरानी भूमिका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद दोबारा मिल सकता है. सचिन पायलट को लेकर अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है कि उन्हें राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए या राष्ट्रीय कांग्रेस में कोई भूमिका दी जाए.

राजस्थान में सचिन को लेकर क्या फैसला होगा
मुख्यमंत्री के ओएसडी का ट्वीट

मुख्यमंत्री के ओएसडी ने लिखी 'बाड़ ही खेत खाए' कहावत

इधर पंजाब में सियासी उठापटक तेज हुई और दशकों से पंजाब कांग्रेस का चेहरा रहे अमरिंदर सिंह को अपना पद छोड़ना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम से ठीक पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का एक ट्वीट भी चर्चाओं में है. लोकेश शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत खाए उस फसल को कौन बचाए'. लोकेश शर्मा के इस ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

जयपुर. पंजाब कांग्रेस में उठापटक के दौर के बीच आज कैप्टन अमरिंदर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राजस्थान कांग्रेस में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि प्रदेश की राजनीतिक उठापटक में कांग्रेस आलाकमान क्या निर्णय लेगा ?

राजस्थान में भी हालात पंजाब से मिलते जुलते ही हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे सचिन पायलट के बीच चल रहा शीत युद्ध सबके सामने है. हालांकि साल 2020 में शुरू हुई सियासी उठापटक के बाद से अब तक सचिन पायलट पार्टी में रहकर ही अपनी बात उठा रहे हैं. सचिन पायलट बार-बार यह भी कह रहे हैं कि राजस्थान में सरकार रिपीट करवानी है तो सत्ता में विकेंद्रीकरण आवश्यक है.

जबकि राजस्थान में पिछले 2 महीने से केबिनेट एक्सपेंशन की एक्सरसाइज अब तक पूरी नहीं हो सकी है. इसके पीछे मुख्यमंत्री के अस्वस्थ होने का हवाला जरूर दिया जा रहा है, लेकिन सच यही है कि केबिनेट एक्सपेंशन और संगठन विस्तार में देरी कांग्रेस में अंदरूनी असंतोष को बढ़ा रही है.

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केबिनेट एक्सपेंशन कब, पायलट को क्या मिलेगा ?

राजस्थान में केबिनेट विस्तार पर चर्चाएं लंबे समय से हो रही हैं. प्रदेश प्रभारी अजय माकन को कहना पड़ा कि मुख्यमंत्री के अस्वस्थ होने के चलते केबिनेट एक्सपेंशन रुका हुआ है, लेकिन सवाल यही है कि केबिनेट एक्सपेंशन में सचिन पायलट के हाथ क्या लगेगा ? जानकार मानते हैं कि पार्टी केबिनेट विस्तार या संगठन में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से पहले सचिन पायलट की राजस्थान या केंद्रीय कांग्रेस में भूमिका तय करेगी.

पंजाब में भले ही मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया हो लेकिन राजस्थान में अभी नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है. साथ ही बीते 1 माह से यह चर्चा चल रही है कि सचिन पायलट को उनकी पुरानी भूमिका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद दोबारा मिल सकता है. सचिन पायलट को लेकर अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है कि उन्हें राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए या राष्ट्रीय कांग्रेस में कोई भूमिका दी जाए.

राजस्थान में सचिन को लेकर क्या फैसला होगा
मुख्यमंत्री के ओएसडी का ट्वीट

मुख्यमंत्री के ओएसडी ने लिखी 'बाड़ ही खेत खाए' कहावत

इधर पंजाब में सियासी उठापटक तेज हुई और दशकों से पंजाब कांग्रेस का चेहरा रहे अमरिंदर सिंह को अपना पद छोड़ना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम से ठीक पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का एक ट्वीट भी चर्चाओं में है. लोकेश शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरूर किया जाए, बाड़ ही खेत खाए उस फसल को कौन बचाए'. लोकेश शर्मा के इस ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

Last Updated : Sep 18, 2021, 7:05 PM IST
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