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मुख्यमंत्री गहलोत ने 11 विधायकों को दी राजनीतिक नियुक्ति, लेकिन सुविधाएं मिलने में फंस रहा यह पेच

सीएम गहलोत ने 44 आयोगों और बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति दे दी है. इसमें 11 विधायकों को भी नियुक्ति दी गई है, लेकिन इन विधायकों को नाम के लिए पद और ऑफिस तो मिल सकता है, लेकिन वेतन भत्ते समेत (MLA Facilities After Political Appointment in Rajasthan) अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी.

political appointments in rajasthan congress
सुविधाएं मिलने में फंस रहा पेच
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Published : Feb 10, 2022, 10:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार ने 3 साल से ज्यादा लंबे इंतजार के बाद भले ही 44 आयोगों और बोर्ड में 58 नेताओं को राजनीतिक नियुक्ति दे दी है. इन 58 नेताओं में 11 विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्ति दी गई है. लेकिन अब इन 11 विधायकों को मिली राजनीतिक नियुक्ति का हाल भी मुख्यमंत्री के सलाहकारों की तरह ही होने वाला है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार (Gehlot Government Political Decision) विधायक को मंत्री के अलावा कोई लाभ का पद नहीं दिया जा सकता है.

ऐसे में जिन विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई है, उन्हें नाम के लिए पद और बैठने के लिए ऑफिस तो मिल सकता है. लेकिन वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं विधायकों को नहीं दी जा सकती हैं. केवल वेतन भत्ते ही नहीं, बल्कि विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति मिलने के बावजूद कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा भी नहीं मिल सकता. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि भले ही मुख्यमंत्री ने विधायकों से किए गए वादे को पूरा करने के लिए बीच का रास्ता निकालते हुए राजनीतिक नियुक्ति दे दी. लेकिन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आने के चलते इन विधायकों को सुविधाएं और कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा नहीं मिल सकता.

पढे़ं : जोगिंदर सिंह और कृष्णा पूनिया ने कहा कि ईमानदारी से निभाएंगे नई जिम्मेदारी, खाचरियावास ने कहा- झूठ बोलते हैं राजेंद्र राठौड़

तो फिर संसदीय सचिवों को भी केवल नाम का ही मिलेगा पद : राजनीतिक नियुक्तियों में 11 विधायकों को मौका मिलने के बाद अब कहा जा रहा है कि राजस्थान में जल्द ही करीब 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है. लेकिन पहले मुख्यमंत्री के छह सलाहकार और फिर 11 राजनीतिक नियुक्ति पाए विधायकों के बाद संसदीय सचिव (Power of Parliamentary Secretaries in Rajasthan) बनाए जाने में भी विधायकों के सामने यही ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का नियम दिक्कत पैदा करेगा. भले ही संसदीय सचिव बना दिए जाएं, लेकिन उन्हें ऑफिस के अलावा किसी तरीके की सुविधाएं मिल सकेंगी, इस पर संशय है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक उठापटक के समय विधायकों से यह वादा किया था कि वह सरकार बचाने के बदले में उनके गार्जियन की तरह काम करेंगे. कोई भी विधायक बिना पद के नहीं रहेगा. अब मुख्यमंत्री ने अपना वादा निभाते हुए 29 मंत्रियों के साथ ही 6 विधायकों को सलाहकार और 11 विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां भी दे दी है. इसमें अगर 15 संसदीय सचिव भी जुड़ जाएंगे तो फिर यह संख्या सत्ता खेमे के निर्दलीय विधायकों समेत कुल 120 विधायकों में से 62 की हो जाएगी, जो बताती है कि मुख्यमंत्री ने करीब 51 फीसदी विधायकों को पद दे दिया है.

पढ़ें : मेघवाल के निधन के बाद पहली बार नहीं था चूरू का सरकार में मंत्री...अब इन तीन को मिली नियुक्ति

इन विधायकों को मिली राजनीतिक नियुक्ति...

  • महादेव सिंह खण्डेला - अध्यक्ष, किसान आयोग
  • दीपचंद खैरिया - उपाध्यक्ष, किसान आयोग
  • रफीक खान - अध्यक्ष, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग
  • खिलाड़ी लाल बैरवा - अध्यक्ष, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग
  • मेवाराम जैन - अध्यक्ष, राजस्थान गौ सेवा आयोग
  • हाकम अली - अध्यक्ष, राजस्थान वक्फ विकास परिषद
  • लाखन मीणा - अध्यक्ष, डांग क्षेत्रीय विकास मंडल
  • जोगेन्द्र अवाना - अध्यक्ष, देवनारायण बोर्ड
  • कृष्णा पूनिया - अध्यक्ष, राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद
  • लक्ष्मण मीणा - अध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग
  • रमीला खड़िया - उपाध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग

इन छह विधायकों को बनाया गया मुख्यमंत्री का सलाहकार...

  • राजकुमार शर्मा, कांग्रेस विधायक
  • रामकेश मीणा, निर्दलीय विधायक
  • संयम लोढ़ा, निर्दलीय विधायक
  • डॉ. जितेंद्र सिंह, कांग्रेस विधायक
  • दानिश अबरार, कांग्रेस विधायक
  • बाबूलाल नागर, निर्दलीय विधायक

जयपुर. राजस्थान सरकार ने 3 साल से ज्यादा लंबे इंतजार के बाद भले ही 44 आयोगों और बोर्ड में 58 नेताओं को राजनीतिक नियुक्ति दे दी है. इन 58 नेताओं में 11 विधायकों को भी राजनीतिक नियुक्ति दी गई है. लेकिन अब इन 11 विधायकों को मिली राजनीतिक नियुक्ति का हाल भी मुख्यमंत्री के सलाहकारों की तरह ही होने वाला है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार (Gehlot Government Political Decision) विधायक को मंत्री के अलावा कोई लाभ का पद नहीं दिया जा सकता है.

ऐसे में जिन विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई है, उन्हें नाम के लिए पद और बैठने के लिए ऑफिस तो मिल सकता है. लेकिन वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं विधायकों को नहीं दी जा सकती हैं. केवल वेतन भत्ते ही नहीं, बल्कि विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति मिलने के बावजूद कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा भी नहीं मिल सकता. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि भले ही मुख्यमंत्री ने विधायकों से किए गए वादे को पूरा करने के लिए बीच का रास्ता निकालते हुए राजनीतिक नियुक्ति दे दी. लेकिन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आने के चलते इन विधायकों को सुविधाएं और कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा नहीं मिल सकता.

पढे़ं : जोगिंदर सिंह और कृष्णा पूनिया ने कहा कि ईमानदारी से निभाएंगे नई जिम्मेदारी, खाचरियावास ने कहा- झूठ बोलते हैं राजेंद्र राठौड़

तो फिर संसदीय सचिवों को भी केवल नाम का ही मिलेगा पद : राजनीतिक नियुक्तियों में 11 विधायकों को मौका मिलने के बाद अब कहा जा रहा है कि राजस्थान में जल्द ही करीब 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है. लेकिन पहले मुख्यमंत्री के छह सलाहकार और फिर 11 राजनीतिक नियुक्ति पाए विधायकों के बाद संसदीय सचिव (Power of Parliamentary Secretaries in Rajasthan) बनाए जाने में भी विधायकों के सामने यही ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का नियम दिक्कत पैदा करेगा. भले ही संसदीय सचिव बना दिए जाएं, लेकिन उन्हें ऑफिस के अलावा किसी तरीके की सुविधाएं मिल सकेंगी, इस पर संशय है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक उठापटक के समय विधायकों से यह वादा किया था कि वह सरकार बचाने के बदले में उनके गार्जियन की तरह काम करेंगे. कोई भी विधायक बिना पद के नहीं रहेगा. अब मुख्यमंत्री ने अपना वादा निभाते हुए 29 मंत्रियों के साथ ही 6 विधायकों को सलाहकार और 11 विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां भी दे दी है. इसमें अगर 15 संसदीय सचिव भी जुड़ जाएंगे तो फिर यह संख्या सत्ता खेमे के निर्दलीय विधायकों समेत कुल 120 विधायकों में से 62 की हो जाएगी, जो बताती है कि मुख्यमंत्री ने करीब 51 फीसदी विधायकों को पद दे दिया है.

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इन विधायकों को मिली राजनीतिक नियुक्ति...

  • महादेव सिंह खण्डेला - अध्यक्ष, किसान आयोग
  • दीपचंद खैरिया - उपाध्यक्ष, किसान आयोग
  • रफीक खान - अध्यक्ष, राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग
  • खिलाड़ी लाल बैरवा - अध्यक्ष, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग
  • मेवाराम जैन - अध्यक्ष, राजस्थान गौ सेवा आयोग
  • हाकम अली - अध्यक्ष, राजस्थान वक्फ विकास परिषद
  • लाखन मीणा - अध्यक्ष, डांग क्षेत्रीय विकास मंडल
  • जोगेन्द्र अवाना - अध्यक्ष, देवनारायण बोर्ड
  • कृष्णा पूनिया - अध्यक्ष, राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद
  • लक्ष्मण मीणा - अध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग
  • रमीला खड़िया - उपाध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग

इन छह विधायकों को बनाया गया मुख्यमंत्री का सलाहकार...

  • राजकुमार शर्मा, कांग्रेस विधायक
  • रामकेश मीणा, निर्दलीय विधायक
  • संयम लोढ़ा, निर्दलीय विधायक
  • डॉ. जितेंद्र सिंह, कांग्रेस विधायक
  • दानिश अबरार, कांग्रेस विधायक
  • बाबूलाल नागर, निर्दलीय विधायक
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