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केरल: मॉर्चरी ले जाने के दौरान जिंदा हुआ मरीज स्वस्थ होकर घर लौटा - DEAD MAN COMES ALIVE

केरल में एक चमत्कारिक घटना सामने आई थी. डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद एक मरीज अचानक जिंदा हो गया था.

Kannur Man Presumed Dead Recovers and Returns Home After Hospital Treatment
कन्नूर के अस्पताल के बाहर का दृश्य (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2025, 5:15 PM IST

कन्नूर: कन्नूर के मूल निवासी पवित्रन को डॉक्टरों द्वारा मृत मान लिए जाने के बाद मॉर्चरी ले जाते समय वह अचानक जीवित हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब वह स्वस्थ हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

डॉ. पूर्णिमा राव के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम ने पवित्रन का इलाज किया और उसे वापस जीवनदान मिला. डॉ. पूर्णिमा ने कहा कि उनके इलाज के सिर्फ दो दिन बाद ही पवित्रन की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ. डॉ. पूर्णिमा राव ने कहा, 'हम दो दिन के भीतर ही उसे आईसीयू से जेनरल वार्ड में ले जाने में सफल हो गए. उसने कल से बात करना शुरू कर दिया. इससे हमें भी खुशी हुई.'

पवित्रन छह दिनों से गैस्ट्रो आईसीयू में था. कई बीमारियों से पीड़ित पवित्रन की ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने के बाद हालत गंभीर हो गई थी. तबीयत में सुधार होने के बाद पवित्रन को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. वह शुक्रवार शाम को अपनी पत्नी सुधा के साथ घर लौट आया. पवित्रन को मंगलुरु के एक अस्पताल से कन्नूर के मुर्दाघर ले जाते समय जीवित पाया गया.

पवित्रन को 13 तारीख की रात को मृत मान लिया गया था. पवित्रन सांस की गंभीर तकलीफ और किडनी की बीमारी के कारण मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर था. डॉक्टरों ने यह कहकर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी कि वह 10 मिनट से अधिक जीवित नहीं रह पाएगा.

इसके बाद परिवार साढ़े तीन घंटे का सफर तय करके रात में एकेजी अस्पताल पहुंचा. अस्पताल के कर्मचारी जयन और अनूप उसे शवगृह ले जाने के लिए स्ट्रेचर के साथ एंबुलेंस में थे. उन्होंने महसूस किया कि उसका शरीर हिल रहा है. उसे तुरंत इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया. कन्नूर के एकेजी अस्पताल में 11 दिनों के इलाज के बाद पवित्रन अब लोगों को पहचान रहा है और छोटे-छोटे वाक्य बोल रहा है.

ये भी पढ़ें- 'मृत' घोषित व्यक्ति को शवगृह ले जाते समय आ गया होश, मंजर देख हैरान रह गए लोग

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कन्नूर: कन्नूर के मूल निवासी पवित्रन को डॉक्टरों द्वारा मृत मान लिए जाने के बाद मॉर्चरी ले जाते समय वह अचानक जीवित हो गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब वह स्वस्थ हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

डॉ. पूर्णिमा राव के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम ने पवित्रन का इलाज किया और उसे वापस जीवनदान मिला. डॉ. पूर्णिमा ने कहा कि उनके इलाज के सिर्फ दो दिन बाद ही पवित्रन की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ. डॉ. पूर्णिमा राव ने कहा, 'हम दो दिन के भीतर ही उसे आईसीयू से जेनरल वार्ड में ले जाने में सफल हो गए. उसने कल से बात करना शुरू कर दिया. इससे हमें भी खुशी हुई.'

पवित्रन छह दिनों से गैस्ट्रो आईसीयू में था. कई बीमारियों से पीड़ित पवित्रन की ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने के बाद हालत गंभीर हो गई थी. तबीयत में सुधार होने के बाद पवित्रन को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. वह शुक्रवार शाम को अपनी पत्नी सुधा के साथ घर लौट आया. पवित्रन को मंगलुरु के एक अस्पताल से कन्नूर के मुर्दाघर ले जाते समय जीवित पाया गया.

पवित्रन को 13 तारीख की रात को मृत मान लिया गया था. पवित्रन सांस की गंभीर तकलीफ और किडनी की बीमारी के कारण मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर था. डॉक्टरों ने यह कहकर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी कि वह 10 मिनट से अधिक जीवित नहीं रह पाएगा.

इसके बाद परिवार साढ़े तीन घंटे का सफर तय करके रात में एकेजी अस्पताल पहुंचा. अस्पताल के कर्मचारी जयन और अनूप उसे शवगृह ले जाने के लिए स्ट्रेचर के साथ एंबुलेंस में थे. उन्होंने महसूस किया कि उसका शरीर हिल रहा है. उसे तुरंत इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया. कन्नूर के एकेजी अस्पताल में 11 दिनों के इलाज के बाद पवित्रन अब लोगों को पहचान रहा है और छोटे-छोटे वाक्य बोल रहा है.

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