जयपुर. राजधानी के डायमंड व्यापारी के किडनैपिंग मामले का पुलिस ने 12 घंटे में पर्दाफाश कर दिया. बुधवार को जयपुर के एक डायमंड व्यापारी प्रकाश चोपड़ा का अपहरण हुआ था. जिसके बाद आरोपियों ने व्यापारी की पत्नी को फोन कर 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकी दी थी. पुलिस ने गुरुवार को पूरे मामले का खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जांच पड़ताल में सामने आया है कि किडनैपर्स ने डायमंड व्यापारी को काफी प्रताड़ित भी किया. जिसकी वजह से व्यापारी मानसिक और शारीरिक पीड़ा से ग्रसित हो गया. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपियों ने किडनैपिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए सालासर बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना की थी.
व्यापारी के परिजनों की सूचना पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 12 घंटे में ही खुलासा कर दिया. पुलिस ने सीकर के नेछवा जंगल से व्यापारी प्रकाश चोपड़ा को बरामद कर तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. किडनैपिंग मामले का मास्टरमाइंड हॉस्टल संचालक विक्रम सिंह था. जिसने अपहरण और फिरौती की साजिश रची थी. इसके लिए विक्रम ने बदमाशों को साथ लेकर पहले रेकी करवाई और उसके बाद किडनैपिंग की वारदात को अंजाम दिया.
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पुलिस ने मामले में लाडनू निवासी विक्रम सिंह, सीकर निवासी राकेश और सुजानगढ़ निवासी हरीश सिंह को गिरफ्तार किया है. दरअसल पूरा मामला जयपुर के बजाज नगर थाना इलाके का है. पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जानकारी में सामने आया कि विक्रम गुर्जर जो सीकर जिले का रहने वाला है, वह कुछ दिनों से मौसेरे भाई राकेश गुर्जर के साथ गोपालपुरा बाईपास पर एक पीजी का संचालन का रहा है.
इस दौरान उनको लगा कि पीजी मालिक प्रकाश चोपड़ा एक पैसे वाला आदमी है. दोनों ने साजिश रचते हुए मित्र हरीश सिंह उर्फ हर्ष राजपूत को साथ लेकर अपार्टमेंट की रैकी करवाई, जिसके बाद तीनों ने योजनानुसार पीजी मालिक एवं व्यापारी प्रकाश चौपड़ा को फोन कर पीजी पर बुलाया और चोपड़ा के हाथ पैर बांधकर और मुंह पर टेप लगाकर कट्टे में बांधकर गाड़ी में डाल दिया. इसके बाद शिवदासपुरा इलाके में ले गये. जहां से उन्होंने व्यापारी के परिजनों को फोन कर पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. फिरौती मांगने के बाद पकड़े जाने के डर से विक्रम गुर्जर नाम का आरोपी वापस पीजी में आ गया.
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पुलिस थाने में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने सबसे पहले विक्रम को दबोचा. उसके बाद पुलिस ने विक्रम से पूछताछ कर उसकी निशानदेही पर सीकर जिले के नेछवा इलाके में एक सूनसान जंगल में पहुंची. जहां पुलिस ने हाथ पैर बांधकर रखे गये पीड़ित व्यापारी को आरोपियों के चंगुल से मुक्त करवाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड को भी खंगाल रही है. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.