जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. फोन टैपिंग से जुड़े भाजपा विधायकों के स्थगन प्रस्ताव को स्पीकर सीपी जोशी द्वारा खारिज किए जाने से नाराज भाजपा विधायकों ने वेल में आकर जमकर हंगामा किया. इस बीच भाजपा विधायक और स्पीकर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी.
दरअसल, शून्यकाल में किन स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. उसकी जानकारी जब स्पीकर सीपी जोशी ने सदन में थी तब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हुए और कहा के अध्यक्ष महोदय आपसे विनम्रता पूर्वक निवेदन है कि जो फोन टैपिंग वाला मामला है, बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि पिछली बार सरकारी मुख्य सचेतक ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी उसमें फोन टैपिंग के कारण से ही कुछ लोगों के विरुद्ध गिरफ्तारी का काम भी हुआ. हम केवल इस कारण से कि वह फोन टैपिंग किसने कराई, किस अधिकार से कराई और उस अधिकार के कारण जब एफआईआर दर्ज कराई गई तो यह सिद्ध हो गया कि किसी सरकारी एजेंसी ने ही फोन टेप कराया होगा. हम यही जानना चाह रहे हैं कि वह फोन टेपिंग किसे द्वारा हुई जिसके बाद यह मुकदमा दर्ज हुआ.
पढ़ें : राम मंदिर निर्माण में पूरी मदद करेंगे, अयोध्या के लिए रोडवेज की बस भी चालू करूंगा : खाचरियावास
कटारिया ने यह भी कहा कि जिस रेफरेंस से मुकदमा दर्ज हुआ उसका कारण फोन टैपिंग कराई जाती है. लेकिन यह काम अधिकृत रूप से सरकार या होम डिपार्टमेंट अभियुक्तों को ढूंढने के लिए या फिर कोई इस प्रकार का कारक हो जिसे ढूंढने के लिए यह जरूरी हो, उसके लिए एक अधिकृत तरीके से होम डिपार्टमेंट स्वीकृति लेकर लोगों के फोन रिकॉर्ड कर सकता है. यह अधिकार उसके पास सुरक्षित भी है. लेकिन जो एफआईआर की गई, क्या उस अधिकार के तहत फोन टेपिंग हो सकते हैं या नहीं. यही हम जानना चाहते हैं. इसलिए हम इस विषय को आपके माध्यम से सदन के अंदर चर्चा कराना चाहते हैं. यही हमारी भावना है.
नहीं करता मैं अलाउड : स्पीकर
इस पर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने कटारिया को कहा कि आप सीनियर सदस्य हैं और सदन में नेता प्रतिपक्ष के साथ ही मंत्री भी रह चुके हैं. पहले तो आप यह समझ ले कि इस पर स्थगन प्रस्ताव है क्या? जोशी ने कहा कि आप के कई सदस्य जिनमें कालीचरण सराफ, राजेन्द्र राठौड़ सहित कुछ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाया. जोशी ने इन भाजपा विधायकों द्वारा लगाए गए स्थगन प्रस्ताव को भी सदन में पढ़कर सुनाया और यह भी कहा कि आप इस बात को समझिए कि इसमें आपने स्थगन के जरिए यह सवाल पूछे हैं.
आपके उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी अपने स्थगन प्रस्ताव में लिखा है कि प्रदेश में चुने हुए जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्रियों के बिना अनुमति उनके फोन टेप करना उनकी निजता पर हमला है. लेकिन इन प्रस्तावों में कहीं पर भी यह नहीं लिखा कि किस के फोन टेप हुए और किसकी निजता पर हमला हुआ. इसलिए मैं इस प्रकार के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए परमिशन नहीं दे सकता.
स्पीकर सीपी जोशी ने यह भी कहा कि जो सवाल पूर्व में विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन लगाया था और उसका जो उत्तर आया वह भी सामान्य है. जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि किन नियमों और स्वीकृति से फोन टैपिंग की व्यवस्था होती है. लेकिन उसके उत्तर में कहीं पर भी यह नहीं लिखा कि किस व्यक्ति के फोन टेप हुए. ऐसे में जो स्थगन लगाए गए हैं उसे में चर्चा के लिए अलाउ नहीं करूंगा और मैंने इस संबंध में अध्यक्ष की व्यवस्था दे दी है.
भाजपा विधायक वेल में करने लगे नारेबाजी...
स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी के इस जवाब को सुनकर नाराज भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. तब स्पीकर सीपी जोशी ने सख्ती के साथ कहा कि माननीय नेता प्रतिपक्ष इस प्रकार की परंपरा ना डालें. अध्यक्ष व्यवस्था के खिलाफ में बहस को अलाउड नहीं करूंगा. क्योंकि जो परंपरा आप डाल रहे हो वह गलत है और संसदीय इतिहास में आप काला अध्याय लगा रहे हो.
हंगामे के बीच चलता रहा सदन, फिर आधे घंटे के लिए हुआ स्थगित...
इस बीच भाजपा विधायकों के हंगामे के दौरान ही सदन की कार्रवाई भी चलती रही और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा सहित कई विधायकों ने भी अपनी-अपनी बात रखी. लेकिन जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने भाजपा विधायकों से अनुदान मांगों में बोलने का मन है या नहीं यह भी पूछ लिया और इसके लिए समय देते हुए आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.