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जयपुर में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जनहित में याचिका दायर - हाईकोर्ट

राजनीतिक पार्टियां इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा लेती है जिसे लेकर जयपुर में मंगलवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि मार्च, मई और नवंबर माह में जारी इलेक्टरल बॉन्ड को सार्वजनिक किया जाए और इस अवधि में दलों को बॉन्ड के जरिए दिए गए चंदे की रिकवरी की जाए.

जयपुर की खबर, Electoral bond
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जनहित में याचिका दायर
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Published : Dec 10, 2019, 10:02 PM IST

जयपुर. शहर में 10 दिसंबर को राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा लेने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से पेश इस जनहित याचिका में बॉन्ड जारी करने के प्रावधान में अतिरिक्त माह जोड़ने की चुनौती दी गई है.

जनहित याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने साल 2018 में अधिसूचना जारी कर प्रावधान किया था कि एसबीआई बैंक से जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह में दस-दस दिन के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाएंगे.

पढ़ें- गहलोत 'राज' के 1 साल: सरकार को घेरने में BJP भी नहीं रही पीछे, लेकिन मिले ये जख्म

वहीं, बाद में चुनावों को देखते हुए इसमें मार्च, मई और नवंबर माह भी जोड दिए गए. याचिका में कहा गया कि बॉन्ड की राशि को आयकर से मुक्त किया गया है. वहीं इसे लेने वाले या जिसे बॉन्ड दिया जाएगा, उसकी सूचना सार्वजनिक करने का प्रावधान नहीं किया गया है. इस याचिका में गुहार की गई है कि मार्च, मई और नवंबर माह में जारी इलेक्टरल बॉन्ड को सार्वजनिक किया जाए और इस अवधि में दलों को बॉन्ड के जरिए दिए गए चंदे की रिकवरी की जाए.

जयपुर. शहर में 10 दिसंबर को राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा लेने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से पेश इस जनहित याचिका में बॉन्ड जारी करने के प्रावधान में अतिरिक्त माह जोड़ने की चुनौती दी गई है.

जनहित याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने साल 2018 में अधिसूचना जारी कर प्रावधान किया था कि एसबीआई बैंक से जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह में दस-दस दिन के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाएंगे.

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वहीं, बाद में चुनावों को देखते हुए इसमें मार्च, मई और नवंबर माह भी जोड दिए गए. याचिका में कहा गया कि बॉन्ड की राशि को आयकर से मुक्त किया गया है. वहीं इसे लेने वाले या जिसे बॉन्ड दिया जाएगा, उसकी सूचना सार्वजनिक करने का प्रावधान नहीं किया गया है. इस याचिका में गुहार की गई है कि मार्च, मई और नवंबर माह में जारी इलेक्टरल बॉन्ड को सार्वजनिक किया जाए और इस अवधि में दलों को बॉन्ड के जरिए दिए गए चंदे की रिकवरी की जाए.

Intro:जयपुर, 10 दिसंबर। राजनीति पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा लेने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है। पब्लिक अगेस्ट करप्शन संस्था की ओर से पेश इस जनहित याचिका में बॉन्ड जारी करने के प्रावधान में अतिरिक्त माह जोडने को चुनौती दी गई है।Body:जनहित याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018 में अधिसूचना जारी कर प्रावधान किया था कि एसबीआई बैंक से जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह में दस-दस दिन के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाएंगे। वहीं बाद में चुनावों को देखते हुए इसमें मार्च, मई और नवंबर माह भी जोड दिए गए। याचिका में कहा गया कि बॉन्ड की राशि को आयकर से मुक्त किया गया है। वहीं इसे लेने वाले या जिसे बॉन्ड दिया जाएगा, उसकी सूचना सार्वजनिक करने का प्रावधान नहीं किया गया है। याचिका में गुहार की गई है कि मार्च, मई और नवंबर माह में जारी इलेक्टरल बॉन्ड को सार्वजनिक किया जाए और इस अवधि में दलों को बॉन्ड के जरिए दिए गए चंदे की रिकवरी की जाए।Conclusion:
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