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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान, खाद्य तेलों और सब्जियों के दाम बढ़ने से बिगड़ा घर का बजट

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Published : Apr 7, 2022, 8:04 PM IST

पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी (rising prices of petrol and diesel) से आम आदमी परेशान हो गया है. पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के कारण सब्जी, फल, खाद्य तेलों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. वहीं व्यापारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन चार्ज महंगा होने के कारण कीमतें बढ़ रही हैं.

vegetables and mustard oil price hike
महंगाई से लोग परेशान

जयपुर. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से अब आम जनता त्रस्त हो गई है. आमजन का कहना है कि पहले कोरोना और अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों (rising prices of petrol and diesel) के बाद घर का बजट बिगड़ने लगा है. यहां तक कि राजधानी जयपुर में सब्जियों के दाम में भी जबरदस्त उछाल आया है. खासकर नींबू के दम तो 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं. इसके अलावा अन्य सब्जियों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से सभी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं.

बीते 17 दिनों से प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है और बीते 17 दिनों में पेट्रोल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. वहीं डीजल के दाम भी ₹100 प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुके हैं जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ने लगा है. राजधानी जयपुर में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड 118 रुपए प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुकी है. इसके अलावा हाल ही में घरेलू गैस सिलेंडर पर तकरीबन ₹50 और कमर्शियल सिलेंडर पर तकरीबन ₹253 की बढ़ोतरी भी की गई थी.

महंगाई से लोग परेशान

पढ़ें. संसद में गूंजा महंगाई का मुद्दा, राज्य सभा में विपक्ष ने सरकार से की चर्चा की मांग

पेट्रोल रिकॉर्ड स्तर पर
बीते 17 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. पहली बार पेट्रोल की कीमत ₹118 लीटर पहुंची है जो अपने आप में रिकॉर्ड है. बीते 17 दिनों में पेट्रोल पर तकरीबन 10 रु 9 पैसे की बढ़ोतरी हो चुकी है जबकि डीजल पर 9 रु 39 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है. बढ़ती तेल की कीमतों के कारण धीरे-धीरे माल बढ़ने लगातार बढ़ोतरी होने लगी है और खासकर राज्य के बाहर से आने वाली वस्तुएं सबसे अधिक महंगी हो रही है जिनमें खाद्य तेलों से लेकर सब्जियां तक शामिल है. आंकड़ों की बात करें तो बीते 3 साल में पेट्रोल तकरीबन 49 फीसदी और गैस तकरीबन 42 फ़ीसदी महंगी हो चुकी है.

vegetables and mustard oil price hike
पेट्रोल की कीमतें आसमान पर

पढ़ें. Youth Congress Protest in Jaipur: यूथ कांग्रेस ने रस्सियों से खींची कार, सिलेंडर की निकाली शव यात्रा

नींबू ₹400 प्रति किलो
पेट्रोल ही नहीं इस बार सब्जियों की कीमतें भी नए रिकॉर्ड बना रही है. खासकर राजधानी जयपुर में नींबू के भाव ₹400 प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं. जयपुर फल और सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना टर्मिनल मार्केट के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. खासकर मंडियों में नींबू के दाम सबसे अधिक है. तंवर का कहना है कि इस बार तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आमतौर पर अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं रहती. गर्मी के कारण नींबू की मांग अचानक बढ़ने लगी और फसल खराब होने के कारण मंडियों में आवक कम हो रही है. स्थानीय फसल खराब होने के कारण दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से नींबू की आवक हो रही है लेकिन बीते वर्ष के मुकाबले आवक आधी रह गई है.

vegetables and mustard oil price hike
रसोई गैस के दाम बढ़े

नींबू के अलावा हरी मिर्च लगभग ₹100 किलो, भिंडी 65 से 70 रुपए किलो ग्वार की फली 70 से 75 रुपए किलो, खीरा 20 से 25 रुपए और करेला लगभग 40 रुपए प्रति किलो थोक भाव में मंडियों में बिक रहा है, व्यापारियों का मानना है कि आवक कम होने के अलावा बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम के कारण भी सब्जियों की कीमत लगातार बढ़ रही है. क्योंकि जयपुर मंडी में आमतौर पर जयपुर के आसपास के क्षेत्रों से सब्जियों की आवक होती है.

पढ़ें. किसकी थाली में कितना दम.....मोदी ने कोरोना के खिलाफ बजवाई थी थाली, अब कांग्रेस का महंगाई के खिलाफ होगा 'थाली बजाओ अभियान'

खाद्य वस्तुएं भी महंगी
बढ़ती तेल की कीमतों के बाद इसका असर खाद्य वस्तुओं पर भी देखने को मिल रहा है. बीते 3 सालों की बात करें तो खाद्य तेल तकरीबन 100 फ़ीसदी महंगा हो चुका है. जबकि चावल, आटा और दालें भी लगभग 50 से 100 फ़ीसदी महंगी हो चुकी हैं. सरसों तेल की बात करें तो बीते 3 साल में सरसों तेल की कीमत 80 फ़ीसदी बढ़ चुकी है. मौजूदा समय में सरसों तेल ₹200 प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं रिफाइंड तेल बाजार में ₹150 प्रति लीटर है. बीते 3 साल में रिफाइंड तेल 100 फ़ीसदी महंगा हो चुका है. जबकि बीते 3 साल में आटा 18 फ़ीसदी, चावल 20 फ़ीसदी, दालें 20 फ़ीसदी और सब्जियां लगभग 30 से 40 फ़ीसदी महंगी हो चुकी हैं.

जयपुर. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से अब आम जनता त्रस्त हो गई है. आमजन का कहना है कि पहले कोरोना और अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दामों (rising prices of petrol and diesel) के बाद घर का बजट बिगड़ने लगा है. यहां तक कि राजधानी जयपुर में सब्जियों के दाम में भी जबरदस्त उछाल आया है. खासकर नींबू के दम तो 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं. इसके अलावा अन्य सब्जियों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से सभी वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं.

बीते 17 दिनों से प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है और बीते 17 दिनों में पेट्रोल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. वहीं डीजल के दाम भी ₹100 प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुके हैं जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ने लगा है. राजधानी जयपुर में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड 118 रुपए प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुकी है. इसके अलावा हाल ही में घरेलू गैस सिलेंडर पर तकरीबन ₹50 और कमर्शियल सिलेंडर पर तकरीबन ₹253 की बढ़ोतरी भी की गई थी.

महंगाई से लोग परेशान

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पेट्रोल रिकॉर्ड स्तर पर
बीते 17 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. पहली बार पेट्रोल की कीमत ₹118 लीटर पहुंची है जो अपने आप में रिकॉर्ड है. बीते 17 दिनों में पेट्रोल पर तकरीबन 10 रु 9 पैसे की बढ़ोतरी हो चुकी है जबकि डीजल पर 9 रु 39 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है. बढ़ती तेल की कीमतों के कारण धीरे-धीरे माल बढ़ने लगातार बढ़ोतरी होने लगी है और खासकर राज्य के बाहर से आने वाली वस्तुएं सबसे अधिक महंगी हो रही है जिनमें खाद्य तेलों से लेकर सब्जियां तक शामिल है. आंकड़ों की बात करें तो बीते 3 साल में पेट्रोल तकरीबन 49 फीसदी और गैस तकरीबन 42 फ़ीसदी महंगी हो चुकी है.

vegetables and mustard oil price hike
पेट्रोल की कीमतें आसमान पर

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नींबू ₹400 प्रति किलो
पेट्रोल ही नहीं इस बार सब्जियों की कीमतें भी नए रिकॉर्ड बना रही है. खासकर राजधानी जयपुर में नींबू के भाव ₹400 प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं. जयपुर फल और सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना टर्मिनल मार्केट के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. खासकर मंडियों में नींबू के दाम सबसे अधिक है. तंवर का कहना है कि इस बार तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आमतौर पर अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं रहती. गर्मी के कारण नींबू की मांग अचानक बढ़ने लगी और फसल खराब होने के कारण मंडियों में आवक कम हो रही है. स्थानीय फसल खराब होने के कारण दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से नींबू की आवक हो रही है लेकिन बीते वर्ष के मुकाबले आवक आधी रह गई है.

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रसोई गैस के दाम बढ़े

नींबू के अलावा हरी मिर्च लगभग ₹100 किलो, भिंडी 65 से 70 रुपए किलो ग्वार की फली 70 से 75 रुपए किलो, खीरा 20 से 25 रुपए और करेला लगभग 40 रुपए प्रति किलो थोक भाव में मंडियों में बिक रहा है, व्यापारियों का मानना है कि आवक कम होने के अलावा बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम के कारण भी सब्जियों की कीमत लगातार बढ़ रही है. क्योंकि जयपुर मंडी में आमतौर पर जयपुर के आसपास के क्षेत्रों से सब्जियों की आवक होती है.

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खाद्य वस्तुएं भी महंगी
बढ़ती तेल की कीमतों के बाद इसका असर खाद्य वस्तुओं पर भी देखने को मिल रहा है. बीते 3 सालों की बात करें तो खाद्य तेल तकरीबन 100 फ़ीसदी महंगा हो चुका है. जबकि चावल, आटा और दालें भी लगभग 50 से 100 फ़ीसदी महंगी हो चुकी हैं. सरसों तेल की बात करें तो बीते 3 साल में सरसों तेल की कीमत 80 फ़ीसदी बढ़ चुकी है. मौजूदा समय में सरसों तेल ₹200 प्रति लीटर बिक रहा है. वहीं रिफाइंड तेल बाजार में ₹150 प्रति लीटर है. बीते 3 साल में रिफाइंड तेल 100 फ़ीसदी महंगा हो चुका है. जबकि बीते 3 साल में आटा 18 फ़ीसदी, चावल 20 फ़ीसदी, दालें 20 फ़ीसदी और सब्जियां लगभग 30 से 40 फ़ीसदी महंगी हो चुकी हैं.

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