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जयपुर: बिड़ला ऑडिटोरियम में लोगों ने देखा साल का अंतिम सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण के चलते गुरुवार को जयपुर के बिड़ला साइंस सेंटर में प्रोजेक्शन के माध्यम से सूर्यग्रहण को दिखाए जाने की विशेष व्यवस्था की गई. इस दौरान जयपुर के कई लोग सूर्यग्रहण को देखने के लिए वहां पर पहुंचे.

People saw the last solar eclipse, साल का अंतिम सूर्य ग्रहण
बिड़ला ऑडिटोरियम में लोगों ने देखा साल का अंतिम सूर्यग्रहण
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Published : Dec 26, 2019, 1:22 PM IST

जयपुर.गुरुवार को बीएम बिड़ला साइंस सेंटर में सूर्यग्रहण की विस्तृत जानकारी दी गई. बड़ी संख्या में जुटे लोगों को एक प्रोजेक्शन के जरिए सूर्यग्रहण दिखाया गया. ग्रहण को लेकर वैज्ञानिक तथ्य बताए गए. बिड़ला साइंस सेंटर के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया, कि आमजन के देखने के लिए प्रोजेक्शन सिस्टम की व्यवस्था यहां पर की गई.

बिड़ला ऑडिटोरियम में लोगों ने देखा साल का अंतिम सूर्यग्रहण

पढ़ेंः देखें, देश के अलग-अलग हिस्सों से कैसा दिखा सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा

सुबह 8 बजकर 15 मिनट से चंद्रमा ने सूरज को ढंकना शुरू कर दिया था और 9 बजकर 28 मिनट पर पूर्ण सूर्यग्रहण पड़ा. जयपुर से करीब 51 प्रतिशत सूरज दिखाई दिया. जिससे रोशनी भी काफी कम हो गई थी.

संदीप ने बताया, कि जैसे-जैसे सूर्य दक्षिण की तरफ जाना शुरू होता है, वैसे ही सूर्यग्रहण का असर हो जाता है. लिहाजा दक्षिण की तरफ सूरज का ज्यादातर हिस्सा दिखाई दिया. बेंगलुरु के कोयम्बटूर में सूरज का 99 प्रतिशत हिस्सा ढंका हुआ था और वहां पर सूर्यग्रहण का सबसे ज्यादा असर भी था. भट्टाचार्य ने कहा, कि सूर्यग्रहण को वलयाकारकारी सूर्यग्रहण भी कह सकते हैं.

पढ़ेंः स्पेशलः खतरे में नौनिहाल, जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र

भारत के अलावा इन जगहों पर दिखा सूर्य ग्रहण

संदीप भट्टाचार्य के मुताबिक भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका ,मालदीव ,बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, अफगानिस्तान सहित एशिया महाद्वीप के कई देशों के अलावा अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी सूर्यग्रहण का असर दिखा. यह सूर्य ग्रहण 2 घंटे 42 मिनट की अवधि तक रहा.

जयपुर.गुरुवार को बीएम बिड़ला साइंस सेंटर में सूर्यग्रहण की विस्तृत जानकारी दी गई. बड़ी संख्या में जुटे लोगों को एक प्रोजेक्शन के जरिए सूर्यग्रहण दिखाया गया. ग्रहण को लेकर वैज्ञानिक तथ्य बताए गए. बिड़ला साइंस सेंटर के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया, कि आमजन के देखने के लिए प्रोजेक्शन सिस्टम की व्यवस्था यहां पर की गई.

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सुबह 8 बजकर 15 मिनट से चंद्रमा ने सूरज को ढंकना शुरू कर दिया था और 9 बजकर 28 मिनट पर पूर्ण सूर्यग्रहण पड़ा. जयपुर से करीब 51 प्रतिशत सूरज दिखाई दिया. जिससे रोशनी भी काफी कम हो गई थी.

संदीप ने बताया, कि जैसे-जैसे सूर्य दक्षिण की तरफ जाना शुरू होता है, वैसे ही सूर्यग्रहण का असर हो जाता है. लिहाजा दक्षिण की तरफ सूरज का ज्यादातर हिस्सा दिखाई दिया. बेंगलुरु के कोयम्बटूर में सूरज का 99 प्रतिशत हिस्सा ढंका हुआ था और वहां पर सूर्यग्रहण का सबसे ज्यादा असर भी था. भट्टाचार्य ने कहा, कि सूर्यग्रहण को वलयाकारकारी सूर्यग्रहण भी कह सकते हैं.

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भारत के अलावा इन जगहों पर दिखा सूर्य ग्रहण

संदीप भट्टाचार्य के मुताबिक भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका ,मालदीव ,बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, अफगानिस्तान सहित एशिया महाद्वीप के कई देशों के अलावा अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी सूर्यग्रहण का असर दिखा. यह सूर्य ग्रहण 2 घंटे 42 मिनट की अवधि तक रहा.

Intro:जयपुर एंकर-- सूर्य ग्रहण के चलते आज जयपुर के बिरला साइंस सेंटर में प्रोजेक्शन के माध्यम से सूर्य ग्रहण को दिखाए जाने की विशेष व्यवस्था की गई. इस दौरान जयपुर के कई लोग सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वहां पर पहुंचे. आपको बता दें कि आज सुबह के 8:06 पर शुरू हुआ था . जो कि 10:55 तक दिखाई दिया . कुल मिलाकर सूर्य ग्रहण की अवधि 2 घंटे 42 मिनट तक रही.





Body:जयपुर-- सूर्य ग्रहण के चलते आज बिरला साइंस सेंटर में एक प्रदर्शन के माध्यम से सूर्य ग्रहण को दिखाया गया. इस दौरान बड़ी तादाद में जयपुर के लोग वहां पहुंचे और सूर्यग्रहण को देखा. आपको बता दें कि सूर्यग्रहण की विस्तृत जानकारी के लिए बीएम बिरला साइंस सेंटर पर यह आयोजन किया गया था इसके अंतर्गत प्रोजेक्शन के माध्यम से सूर्य ग्रहण को दिखाने की व्यवस्था भी की गई थी उन्होंने कहा कि ग्रहण के बारे में लोगों को वैज्ञानिक तथ्यों से अवगत कराया गया इस दौरान बिरला साइंस के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि आमजन के देखने के लिए प्रोजेक्शन सिस्टम की व्यवस्था यहां पर की गई है उन्होंने कहा कि आज सुबह 8:15 से चंद्रमा ने सूरज को ढकना शुरू कर दिया था और 9:28 पर पूर्ण सूर्य ग्रहण पड़ा जिसके अंतर्गत जयपुर से करीब 51% सूरज दिखाई दिया जिससे रोशनी भी काफी कम हो गई थी संदीप बताया कि जैसे-जैसे दक्षिण की तरफ जाना शुरू होगा वैसे ही सूर्य ग्रहण का असर हो जाता है उन्होंने कहा कि यदि आमजन दक्षिण की तरफ निकलेंगे तो वहां पर सूरज का ज्यादातर हिस्सा मिलेगा संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि बेंगलुरु के कोयम्बटूर मैं सूरज का 99% हिस्सा ढका हुआ था और वहां पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर भी था भट्टाचार्य ने कहा कि सूर्यग्रहण को वलयाकार कारी सूर्यग्रहण भी कह सकते हैं

भारत के अलावा इन जगहों पर दिखा सूर्य ग्रहण

संदीप भट्टाचार्य के अनुसार भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका ,मालदीव ,बांग्लादेश, भूटान ,चीन, म्यांमार, अफगानिस्तान ,सहित एशिया महादीप के कई देशों के अलावा अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी सूर्य ग्रहण का असर देखने को मिला है . उन्होंने बताया कि यह सूर्य ग्रहण 2 घंटे 42 मिनट की अवधि तक रहा है.

Byte-- संदीप भट्टाचार्य सहायक निदेशक बिरला साइंस सेंटर


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