चाकसू (जयपुर). बल्लूपुरा गांव के लोग अपनी ग्राम पंचायत को चाकसू में जोड़ने की मांग कर रहे हैं. प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया, चुनाव में हिस्सा लेने की अपील की लेकिन लोगों पर कोई असर नहीं हुआ.
दरअसल इस गांव के लोग परिसीमन को लेकर संतुष्ट नहीं हैं. लोगों ने चुनाव बहिष्कार को लेकर बैठक की. ग्राम पंचायत बल्लूपुरा में 25 जुलाई को सरपंच पद के लिए चुनाव होने हैं. इसको लेकर चाकसू उपखंड अधिकारी राजेश कुमार मीणा, कोटखावदा तहसीलदार मुकेश मीणा, चाकसू पंचायत समिति विकास अधिकारी कृष्णा माहेश्वरी बल्लूपुरा पंचायत के रायपुरा खुर्द गांव पहुंचकर ग्रामीणों से समझाइश की और 19 जुलाई को प्रत्याशियों द्वारा नामांकन भरने के लिए प्रेरित किया.
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ग्राम पंचायत बल्लूपुरा को कोटखावदा से हटाकर चाकसू में नही जोड़ा जाएगा, तब तक सभी चुनावों का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि परिसीमन के बाद छोटे-मोटे कामों के लिए 20 से 25 किलोमीटर दूर कोटखावदा जाना पड़ेगा. इससे लोगों को आवागमन की समस्या होगी.
बाड़ा पदमपुरा, बरखेड़ा, शिवदासपुरा, डाहर आदि पंचायतों की सीमा बल्लूपुरा ग्राम पंचायत की सीमा से जुड़ी हुई है. ग्रामीणों को सीधा कोटखावदा जाने के लिए रास्ता नहीं है. सीधा बसों का जुड़ाव भी नहीं है. ऐसे में कोई भी कार्य करवाने के लिए आने-जाने में भारी परेशानी होगी. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक वेदप्रकाश सोलंकी व उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन कुछ नही हुआ.
आखिर ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय तो जनप्रतिनिधि समस्याओं को दूर करने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव बाद यहां वादों को पूरा करने कोई नही आता.
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत पुर्नगठन के तहत 2 दिसंबर 2019 को बल्लूपुरा का पुर्नगठन कर मुख्य गांव सहित रायपुरिया खुर्द को जोड़कर नवसृजित पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ दिया गया. ग्रामीणों ने पंचायत को कोटखावदा में जोड़ने के खिलाफ 7 दिसंबर 2019 व 5 फरवरी 2020 को चाकसू उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर पंचायत को पुनः चाकसू में जोड़ने की मांग की थी.
वहीं, जिला कलक्टर, विधायक, पंचायत राज मंत्री को भी ज्ञापन देकर एक स्वर में नवसृजित पंचायत समिति कोटखावदा से हटाकर चाकसू में जोड़ने के लिए अवगत करा चुके हैं, लेकिन किसी ने सुनवाई नही की.
बल्लूपुरा ग्राम पंचायत के लोग पूर्व में हुए पंचायत परिसीमन के कारण नाराज होकर इस बार भी चुनाव बहिष्कार पर अड़े हुए है, जबकि 25 जुलाई यानी 10 दिन बाद यहाँ सरपंच पद के लिए चुनाव होने हैं.