जयपुर. ग्रेड पे 3600 सहित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. 15 फरवरी से जयपुर के शहीद स्मारक पर संभाग वार पटवारी धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ आक्रोश जता रहे हैं. देखिये यह खास रिपोर्ट...
पटवारियों के आंदोलन से सरकार की योजनाएं तो प्रभावित हो ही रही हैं. साथ एक केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री बीमा योजना भी पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. सरकार से चौथे दौर की वार्ता विफल रहने के बाद पटवारियों ने सोमवार से पेन डाउन हड़ताल भी शुरू कर दी है.
पंजीयन, भूमि रूपांतरण और कई तरह की कर वसूलने में पटवारियों का अहम योगदान होता है और इनसे सरकार को राजस्व भी मिलता है. लेकिन पटवारियों के आंदोलन से सरकार को को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. पटवारी पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल से किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री बीमा योजना पूरी तरह से ठप हो गई हैं. इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में गिरदावरी भी पूरी तरफ से ठप पड़ी है.
प्रदेश में प्रतिदिन बेरोजगार युवा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी तहसीलों के चक्कर काटते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र बनवाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पटवारियों की रिपोर्ट के बाद ही जाति प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस आदि प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं आने वाले दिनों में कई तरह की परीक्षाएं भी होने वाली है इसके लिए भी बेरोजगारों को प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. लेकिन पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल से पटवारी सरकारी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और ना ही किसी तरह का प्रमाण पत्र बन पायेगा.
पटवारियों की प्रदेश में स्थिति
पूरे प्रदेश में 13611 पटवारियों के पद सृजित हैं. 12264 राजस्व पटवारियों के पद हैं. जिनमें से 7700 पद भरे हुए हैं. सेटलमेंट पटवारियों के 713 पद है. इनमें से 113 भरे हुए हैं. उपनिवेशन में पटवारियों के 160 पद सृजित हैं. जिनमें से 67 भरे हुए हैं. सिंचाई के 474 पटवारियों के पद सृजित है. और इनमें से 82 पद भरे हुए हैं. 7700 पटवारियों को अतिरिक्त पटवार मंडल का पदभार भी दिया हुआ था. लेकिन आंदोलन के चलते 25 जनवरी से उन्होंने उसका बहिष्कार किया हुआ है. इसके कारण अतिरिक्त पटवार मंडलों में पटवारी का काम पूरी तरह से ठप पड़ा है और वहां जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यह है मांगें
प्रदेशभर के पटवारी पिछले 14 महीनों से अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं. पटवारी ग्रेड पे 3600 के अलावा 9, 18, 27 वर्ष के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने के बाद पदोन्नति एवं वेतनमान और सरकार के साथ पूर्व में हुए समझौतों को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में पटवारियों ने कई बार मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री को ज्ञापन भी दे चुके हैं.
पढ़ें- वसुंधरा की धार्मिक यात्रा पर राठौड़ का बयान- मैं नहीं जाऊंगा साथ, डोटासरा ने ली चुटकी
वर्तमान में पटवारियों को 2400 ग्रेड पे मिल रही है. अपनी मांगों को लेकर पटवारी राजस्व मंडल अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च में निकाल चुके हैं. 15 फरवरी को जयपुर में हजारों की संख्या में पटवारी पैदल मार्च में शामिल हुए थे. उन्होंने विधानसभा तक पैदल मार्च निकाला था तभी से वे शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं.
प्रदेश के पटवारियों का राजस्थान पटवार संघ के अलावा कोई संगठन नहीं है. राजस्थान पटवार संघ के बैनर तले ही प्रदेश के पटवारी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद सरकार से पटवारियों की चार दौर की वार्ता हो चुकी है और पटवारियों ने 28 फरवरी तक सरकार को अल्टीमेटम भी दिया था. पहले दो दौर की वार्ता विफल रही तीसरी वार्ता सकारात्मक रही और रविवार को चौथे दौर की वार्ता विफल रही. इसके बाद रविवार को पटवारियों ने पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत कर दी.
इस हफ्ते काम होने के आसार कम
प्रदेश का पटवारी जनता से सीधे जुड़े हुए कई काम करता है और 1 से 4 मार्च तक पेन डाउन हड़ताल के चलते जनता का कोई काम नहीं किया जाएगा. इस दौरान पटवारी किसी भी सरकारी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पटवारी उपवास करेंगीं. चार दिन की पेन डाउन हड़ताल के बाद 5 मार्च को वर्किंग डे रहेगा और उसके बाद शनिवार और रविवार का अवकाश होगा. इस तरह से इस हफ्ते पटवारी जनता का कोई काम नहीं कर पाएंगे, जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जयपुर 6 की बात की जाए तो यहां सभी तरह के प्रमाण पत्रों के लिए 500 आवेदन आते हैं. प्रदेश भर में एक पटवारी औसतन 10 प्रमाणपत्रों की प्रतिदिन रिपोर्ट करता है.
9 मार्च से पूर्ण कार्य बहिष्कार
राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया की सरकार चाहती है कि पटवारी और जनता परेशान हो. सरकार हमें लेकर संवेदनशील नहीं है और लगातार हमें गुमराह किया जा रहा है. हमसे किसी सक्षम स्तर पर वार्ता नहीं की गई इसीलिए पेन डाउन हड़ताल का निर्णय किया गया और 9 मार्च से पूरे प्रदेश में पटवारी पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
पटवारियों ने राजस्व विभाग को लेकर भी आक्रोश जताया कहा कि हमें लेकर राजस्व विभाग नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है. विभाग के मुखिया हमसे बात नहीं करते, वे हमें पिछड़ा हुआ समझते हैं.
मीडिया प्रभारी होशियार सिंह ने कहा एक और तो सरकार किसान हितेषी बनती है दूसरी ओर किसानों के काम करने वाले पटवारियों के साथ उनका रवैया सही नहीं है. वार्ता में सरकार कोरोना हवाला देकर ग्रेड पे 36 नहीं बढ़ा रहे. जबकि कोरोना काल में ही जनप्रतिनिधियों ने अपना भत्ता 20000 से बढ़ाकर 50 हजार कर लिया. उन्होंने कहा कि पटवारी 36 विभागों का काम करता है इसलिए उसकी ग्रैड पे 3600 होनी चाहिए. पटवारी विमला मीणा ने कहा कि जब तक ग्रेड पे 3600 नहीं मिलेगी वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे.
पटवारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य
- जमाबंदी तैयार करना
- खसरा-गिरदावरी करना
- भूमि रूपांतरण, नामांतरण दर्ज करना
- खतरा परिवर्तनशील तैयार करना
- राजस्व वसूली का कार्य करना
- सीमा ज्ञान पत्थरगढ़ी का कार्य करना
- नक्शे में तरमीम कार्य करना
- संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की जांच एवं निस्तारण करना
- पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का भौतिक सत्यापन
- विभिन्न प्रकरणों में मौका निरीक्षण करना
- राजस्व रिकार्ड की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाना
- पशु गणना करना
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सहयोग करना
- जनसुनवाई कार्यक्रम में उपस्थित रहना
- लघु सिंचाई गणना करना, खाद्य सुरक्षा आवेदनों की जांच करना
- जाति प्रमाण पत्र एवं ईडब्ल्यूएस आवेदनों की जांच करना
- आगजनी दुर्घटना या किसी आपदा आदि की सूचना देना
- कुर्की और नीलामी प्रक्रिया में सहयोग करना
- बाल विवाह रोकथाम कार्य करना
- पंचायती राज विभाग का सहयोग करना पंजीयन करना
- पीएम सम्मान निधि के किसानों का सत्यापन करना
- क्रॉप कटिंग ऑनलाइन करना
- कोरोना की गाइड लाइन की पालना कराना
- सरकार की हर महत्वकांक्षी योजना को धरातल पर लागू करवाना
- धारा 91 और कई तरह के करों की वसूली आदि
फिलहाल पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल के चलते गांवों में ये सभी कार्य प्रभावित होंगे. पटवारी संघ की मांग है कि उनकी मांगों को सरकार प्राथमिकता से सुने और हल निकाले ताकि आम जन को परेशानियों का सामना न करना पड़े.