जयपुर. पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने सदन में यह जानकारी दी और कहा कि पिछले दिनों जब वो फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए तब उन्होंने चिकित्सकों बुलाकर एक दवा चढ़वाई, लेकिन उस दवा के बाद उनकी हालत और खराब हो गई. तब चिकित्सकों बुलाने और जांच में यह पता चला कि जो दवा चढ़ाई गई वो फंगस वाली थी. राठौड़ ने कहा कि तब मैंने विधानसभा में यह (Calling Attention in Rajasthan Vidhan Sabha) ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया.
राठौड ने कहा कि आज प्रदेश में 1000 करोड़ की दवाइयां लोग ठीक होने के लिए खा लेते हैं, लेकिन उनमें से ही कई आमानक होती है जिससे वे और बीमार पड़ जाते हैं. राठौड़ ने कहा कि इन औषधियों की जांच के लिए राजस्थान में एकमात्र प्रयोगशाला केवल जयपुर में ही है. उन्होंने कहा कि विभाग के पास 108 स्पेक्टर है और हर महीने प्रत्येक 6 नमूने लेता है, लेकिन आज भी इस प्रयोगशाला में जो नमूने जांच के लिए पेंडिंग पड़े हैं, वो 6 हजार से अधिक हैं.
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बात आप खुद मान चुके हैं कि पिछले दिनों जांच के दौरान 352 दवाइयों के सैंपल अनसेफ पाए गए. उन पर सख्त कार्रवाई करने के लिए जो केंद्र के नियम हैं, आपके ड्रग कंट्रोलर उसकी पालना भी नहीं करते.
मैं खुद भी काबिल मंत्री नहीं रहा, उम्मीद है आप ने प्रसादी नहीं ली होगी : राजेन्द्र राठौड़ ने हाल ही में एसीबी के गिरफ्त में आई ड्रग कंट्रोलर के मामले में कहा कि विभाग में जिस प्रकार की प्रसादी बढ़ती है मुझे उम्मीद है कि आप उस पर शादी में शामिल नहीं होंगे. राठौड़ ने यह भी कहा कि आप बहुत ताकतवर मंत्री हो, क्योंकि आपने डेपुटेशन को बंद कर दिया जो मैं मंत्री रहते हुए भी पहले बंद नहीं कर पाया. राजेन्द्र राठौड ने कहा, मैं भी चिकित्सा मंत्री रहा लेकिन खुद को काबिल मंत्री नहीं मानता. क्योंकि तब भी तीन नई प्रयोगशाला खोली जानी थी वो नहीं खोली जा सकी और आज भी नहीं खोली जा सकी, लेकिन आप से काफी उम्मीदें हैं. आप इस मामले में सख्त कार्रवाई करें और मिलावटी दवाइयों पर रोक लगाएं.
मिलावटी खाद्य सामग्री से हो रहा कैंसर, सख्त सजा का प्रावधान : वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में प्रदेश में लगातार बढ़ रही खाद्य पदार्थों और औषधियों में में मिलावट पर चिंता जताई. कटारिया ने कहा कि आज ग्रामीण इलाकों में हर 10 मकान के बाद आने वाले एक मकान में कैंसर का मरीज मिल जाएगा. जिस प्रकार से मिलावट हो रही है उसके बाद कैंसर जैसी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं.
कटारिया ने कहा कि मिलावटखोरों को जल्द सजा मिले, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का इस्तेमाल होना चाहिए. लेकिन दुख इस बात का है कि मिलावट के मामलों में जितने भी लोग पकड़ में आए, उनमें से अधिकतर बच गए. कटारिया ने कहा कि शुद्ध के लिए युद्ध नाम तो अच्छा लगता है, लेकिन जब अभियान के बाद भी शुद्ध ना मिले तो यह अभियान किस काम का.
बड़े मिलावटखोरों की होगी धरपकड़, बनाएंगे रणनीति : स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सदस्यों की चिंता वाजिब है, लेकिन हमने निदेशालय का गठन भी कर दिया है और इसमें (Parsadi Lal Meena on Drug Adulteration) आईएस ने काम भी संभाल लिया और जल्द ही दिशा में काम शुरू होगा. मंत्री ने कहा कि नियमों में अनसेफ नमूना होने पर ही सजा का प्रावधान है, वरना जुर्माना होता है. मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद भी बढ़ाए और अब प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़ा रहे हैं.
मीणा के अनुसार सरकार के इसी प्रयास के चलते साल 2017-18 में जहां 10.48 प्रतिशत नमूने अमानक पाए जाते थे वहीं साल 2020-21 में 2.41 प्रतिशत और साल 2021-22 में 1.7 प्रतिशत ही रह गया है. मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा जहां नकली और मिलावटी दवाई और खाद्य पदार्थ बनते हैं सीधे वहां पहुंच कर ही कार्रवाई हो, ताकि बड़े मिलावटखोर को सलाखों के पीछे जा सकें और सरकार इस दिशा में पूरा काम कर रही है.