जयपुर. उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि गंगानगर जिले में, बिना भूमि रूपान्तरण के संचालित 29 ईंट भट्टों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में अधिकारियों को इन ईंट भट्टाें का भूमि रूपान्तरण करवाने अथवा रूपान्तरण नहीं करने पर इन्हें बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
परसादी लाल मीणा प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा वर्ष 2016 से जनवरी 2021 तक ईंट भट्टों का नियमित निरीक्षण किया गया है. जिले में आबादी क्षेत्र में ईंट भट्टों के संचालन की कोई शिकायत नहीं मिली है. ईंट भट्टे गांव की सीमा के एक किलोमीटर दूर तक संचालित हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले विधायक जगदीश चन्द्र के मूल प्रश्न के जवाब में मीणा ने बताया कि जिला श्रीगंगानगर में कुल 403 ईंट भट्टे संचालित हैं. उप श्रम आयुक्त श्रीगंगानगर द्वारा वर्ष 2016 से जनवरी 2021 तक 14 ईंट भट्टों की जांच की गई. सेन्ट्रल इंस्पेक्शन सिस्टम के तहत श्रम निरीक्षक एवं फैक्ट्री एवं बायलर निरीक्षक द्वारा 14 ईंट भट्टों पर संयुक्त निरीक्षण किया गया, जिसमें कोई बाल श्रमिक नहीं पाया गया.
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उन्होंने बताया कि RSPCB बीकानेर द्वारा जिले में वर्ष 2016 से जनवरी 2021 तक 256 ईंट भट्टों का निरीक्षण किया गया, जिनमें सभी ईंट भट्टों में निर्धारित मानकों के अनुरूप चिमनी की ऊंचाई व गुरुत्वीय अवक्षेपण कक्ष स्थापित पाए गए. यद्यपि सभी ईंट भट्टों पर उचित प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था पाई गई तथापि जो ईंट भट्टे प्रदुषण नियंत्रण मण्डल की संचालन सम्मति के बिना कार्यरत हैं, उन्हे नोटिस जारी किए गए. उसके अलावा श्रीगंगानगर जिले में कुल 403 ईंट भट्टे संचालित हैं, जिनमें से 374 ईंट भट्टों का भूमि रूपांतरण करवा लिया गया है और 29 ईंट भट्टों का भूमि रूपांतरण संबंधित विभाग में प्रक्रियाधीन हैं.
मीणा ने बताया कि कृषि भूमि पर संचालित हो रहे भट्टाें की सूचना प्राप्त होने पर जल संसाधन विभाग द्वारा ऎसा भू-भाग जिस पर ईंट भट्टा स्थापित है, उसकी सिंचाई हेतु पानी की बारी को विवर्जित किया जाता है.