Good News : परसा ईस्ट और कांते बेसन कोल ब्लॉक 2nd Phase को मिली क्लीयरेंस, जल्द शुरू होगा कोयले का उत्पादन - Parsa East Kante Basin mine in Chhattisgarh
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan Rajya Vidyut Utpadan Nigam) को पीईकेबी ब्लॉक की दूसरे चरण की भूमि में खनन कार्य शुरू करने की क्लीयरेंस मिल गई है. अब जल्द ही कोयले का उत्पादन शुरू होगा और राज्य में कोयले की किल्लत से राहत मिल सकेगी.
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जयपुर. केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने परसा ईस्ट और कांते बेसन कोल माइन (Parsa East Kante Basin mine in Chhattisgarh) सेकंड फेज की पर्यावरणीय क्लीयरेंस दे दी है. इससे अब जल्द ही कोयले का उत्पादन शुरू होगा और राज्य में कोयले की किल्लत से राहत मिल सकेगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के पीईकेबी ब्लॉक की दूसरे चरण की भूमि में खनन कार्य शुरू करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लियरेंस मिल गई है. इस क्लीयरेंस के साथ ही 1136 हेक्टेयर में खनन कार्य आरंभ करने में आ रही बाधा दूर हो गई है.
उन्होंने बताया कि पहले फेज में कोयला लगभग समाप्त होने की स्थिति में होने के कारण राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए केप्टिव कोल माइंस से कोयला की उपलब्धता प्रभावित होने लगी थी. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लगातार किए गए प्रयासों से केंद्रीय मंत्रालय से यह क्लियरेंस मिल पाई है. प्रदेश में तापीय विद्युतगृहों के लिए आसन्न कोल संकट को देखते हुए गहलोत, केन्द्र और छत्तीसगढ़ सरकार से निरंतर समन्वय बनाए हुए थे. इसी का परिणाम है कि मंत्रालय से स्वीकृति मिल सकी है.
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राज्य सरकार को परसा ईस्ट और कांता बेसिन में फेज वन में कोयले का खनन कर राज्य के विद्युत तापीय गृहों के लिए कोयला लाया जा रहा है. फेज वन में एक मोटे अनुमान के अनुसार करीब एक माह का ही कोयला रह जाने से राज्य सरकार की ओर से फेज दो में खनन कार्य आरंभ करने की क्लियरेंस के लिए दबाव बनाया हुआ था. भाटी ने बताया कि राज्य में तापीय विद्युत गृहों से बिजली के उत्पादन का भी नया रिकार्ड बना है. देशव्यापी कोयला संकट के समय भी प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई.