जयपुर. कोरोना संकट के दौर में सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला अब सरकार के गले की फांस बन गया है. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इस बारे में आगे फैसला करने की बात कही है. लेकिन सरकार के इस फैसले से अभिभावक खुश नहीं हैं. संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा संकुल का घेराव करने की घोषणा की है. इसके तहत 30 जुलाई को संयुक्त अभिभावक संघ के बैनर तले शिक्षा संकुल का घेराव किया जाएगा.
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू का कहना है कि प्रदेश के अभिभावक स्कूल खोलने के फैसले से अचंभित हैं. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल संचालकों के दबाव में पहले शिक्षा मंत्री 2 अगस्त से स्कूल खोलने की घोषणा करते हैं. फिर अगले ही दिन मुख्यमंत्री पांच मंत्रियों की कमेटी बनाकर आगे फैसला लेने की बात कहते हैं. इससे अभिभावक और विद्यार्थी भ्रमित हो रहे हैं. उनका कहना है कि फीस एक्ट 2016 और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना को लेकर भी सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है.
प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में बिना किसी फैसले के ही शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने 2 अगस्त से स्कूल खोलने की घोषणा कर दी. जिसका बाद में मुख्यमंत्री ने खंडन किया. इससे साफ दिख रहा है कि शिक्षा मंत्री निजी स्कूल संचालकों के दबाव में आकर काम कर रहे हैं. संयुक्त अभिभावक संघ की मांग है कि शिक्षा मंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें या मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करें.
22 जुलाई को कैबिनेट की बैठक के बाद गोविंद डोटासरा ने मीडिया के सामने 2 अगस्त से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की घोषणा की थी. अगले ही दिन मुख्यमंत्री ने पांच मंत्रियों की कमेटी बनाने की घोषणा की थी और बताया था कि इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल खोलने को लेकर फैसला करने की बात कही थी.