जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया और इसमें आम जनता से लेकर सरकारी कर्मचारियों को कई सौगातें दी गई हैं. लेकिन मदरसा पैरा टीचर्स मुख्यमंत्री के इस बजट से खासा नाराज हैं. अपनी नाराजगी के चलते मदरसा पैरा टीचर्स ने विधायक अमीन कागजी के घर धरना शुरू कर दिया (Para Teachers protest at Amin Kagzi residence) है. दूसरी तरफ उर्दू शिक्षा बजट, उर्दू शिक्षकों की भर्ती, मदरसा पैरा टीचर्स भर्ती को लेकर घोषणा नहीं होने से भी अल्पसंख्यकों में नाराजगी है.
दरअसल प्रदेश के मदरसा पैरा टीचर्स लंबे समय से नियमितिकरण की मांग कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने आंदोलन के साथ प्रदेशभर में जनप्रतिनिधियों के घर धरना प्रदर्शन भी किए. शहीद स्मारक पर मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैरा टीचर्स और शिक्षाकर्मियों का धरना लंबे समय तक चला. इन्होंने अपने परिजनों के साथ कई बार महापड़ाव भी डाला. सरकार से उनकी कई दौर की वार्ता भी हुई, जो विफल रहीं. इसके बाद उनकी मुख्यंमत्री से मुलाकात हुई. सीएम से आश्वासन मिलने के बाद मदरसा पैरा टीचर्स ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था.
अब मुख्यमंत्री की ओर से आज पेश किए गए बजट से मदरसा पैरा टीचर्स काफी नाराज हैं. बजट में मदरसा पैरा टीचर्स के मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन वे इससे खुश नहीं हैं. उनकी मांग नियमितीकरण की थी, इसलिए उन्होंने बुधवार को जालुपुरा स्थित किशनपोल विधायक अमीन कागजी के घर धरना शुरू कर दिया है. विधायक के घर शुरू हुए धरने में मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैरा टीचर्स और शिक्षाकर्मी संघर्ष समिति के पदाधिकारी, संरक्षक शमशेर भालू खान और मदरसा पैरा टीचर्स भी मौजूद हैं.
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि मदरसा पैरा टीचर्स का मानदेय 20 फीसदी बढ़ाया गया है, जबकि चुनाव घोषणा पत्र में इन्हें नियमित करने का वादा किया था. प्रदेश में रजिस्टर्ड मदरसों में 5671 मदरसा पैरा टीचर्स कार्यरत हैं. कायमखानी ने कहा कि बजट में 500 मदरसों में स्मार्ट क्लास रूम बनाने की घोषणा है. जबकि प्रदेश में 3550 रजिस्टर्ड मदरसे हैं, जहां 1 लाख 78 हजार 500 स्टूडेंट्स स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. उर्दू शिक्षा पर बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया. पूर्व में की गई बजट घोषणाओं का आज तक क्रियान्वयन नहीं हुआ. इससे पहले बजट घोषणाओं में उर्दू शिक्षकों व मदरसा पैरा टीचर्स के साथ मदरसा कंप्यूटर पैराटीचर भर्ती की घोषणा भी की गई थी, जो आज तक पूरी नहीं हुई. 6 हजार मदरसा शिक्षा सहायक भर्ती 2013 का परिणाम आज घोषित नहीं किया गया.
अमीन कायमखानी ने कहा कि बजट 2021-22 में तृतीय भाषा के लिए उर्दू शिक्षकों के 1000 पदों की घोषणा पर भी अभी तक अमल नहीं हुआ. प्राथमिक स्तर की उर्दू शिक्षा के लिए 2021-22 के बजट में प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के पद सर्जित करने और 25 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण की घोषणा पर भी अमल नहीं हुआ. स्कूल फैसिलिटी ग्रांट की तर्ज पर मदरसों में भी ग्रांट की घोषणा की उम्मीद अल्पसंख्यकों को थी, लेकिन बजट में इन मांगो पर भी निराशा ही हाथ लगी है. वक्फ बोर्ड तथा वक्फ विकास परिषद को भी नजरअंदाज किया गया.