जयपुर . देश की आजादी से बाद से अब तक हुए तमाम चुनावों को देख चुके 93 वर्षीय समाजवादी नेता पंडित रामकिशन शर्मा ने कहा है कि पहले राजनेताओं का चरित्र बहुत ऊंचा होता था. लेकिन, अब राजनीति में व्यक्तिगत लाभ उठाने वाले लोग आ गए हैं. शर्मा जयपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही राजनीति के बदलते स्वरूप पर चर्चा की.
ईटीवी से बातचीत के दौरान रामकिशन शर्मा ने कहा कि देश में 1952 में हुए पहले चुनाव में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े हुए लोगों ने चुनाव लड़ा था. उस वक्त राजनीति का स्वरूप अलग था. जबकि, अब लोकतंत्र में लोक लिहाज खत्म हो गया है. उन्होंने बताया कि पहले त्याग पर वोट मिलता था. अब जात और पैसा पर वोट मिलता है. वर्तमान राजनीति में मुद्दे लुप्त होने की बात कहते हुए कहते हैं कि कि सरकार द्वारा किए गए वादों पर चर्चा होनी चाहिए. कौन से वादे पूरे हुए और कौन से वादे अधूरे रह गए. उनका कारण बताया जाना चाहिए. यही नहीं चुनाव के दौरान किए गए वादों को राजनीतिक दल कैसे पूरा करेंगे, इसके बारे में भी जनता को सवाल करना चाहिए.
शर्मा ने कहा कि देश में अब उनके दौर के समाजवादी नेता इक्का-दुक्का ही रह गए हैं. समाजवादी पार्टी के जो कार्यक्रम शुरू किए गए थे, वह भी परिवर्तन की वजह से अब अमल नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने परिस्थितियों के अनुसार प्रधानमंत्रियों के द्वारा कार्य किए जाने की बात कही. साथ ही कहा कि इस देश को इस लोकसभा चुनाव में ऐसा प्रधानमंत्री मिलना चाहिए जो देश से बेरोजगारी, किसानों की समस्या और जात-पात को खत्म कर सके.