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जयपुर में गायत्री जयंती पर पंचकुंडीय महायज्ञ कर कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए दी गई आहुतियां

जयपुर में सोमवार को गायत्री जयंती के मौके पर ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजित हुआ. पंचकुंडीय महायज्ञ में कोरोना महामारी से मुक्ति और विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां दी गई.

गायत्री जयंती, कोरोना महामारी, Jaipur News
जयपुर में गायत्री जयंती पर कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए भी दी गई आहुतियां
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Published : Jun 2, 2020, 1:10 AM IST

जयपुर. राजधानी में सोमवार को वेदमाता गायत्री जयंती मनाई गई. ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में मुख्य आयोजन के रूप में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजित हुआ. यज्ञ में शक्तिपीठ में रहने वाले परिजनों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां दी.

पढ़ें: Exclusive: मैं किसानों के बिल और ऋण माफी के पक्ष में नहीं, बल्कि उनकी आय बढ़ाने के पक्ष में हूं: मंत्री आंजना


शक्तिपीठ के व्यवस्थापक महेश शर्मा ने बताया कि इससे पहले मां गायत्री का पंचामृत से अभिषेक कर नवीन पीली पोशाक धारण कराई गई. वहीं, गुरुसत्ता पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और भगवती देवी शर्मा ने मां गायत्री का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन किया. गायत्री और महामृत्युंजय महामंत्र के साथ कोरोना महामारी से मुक्ति की कामना की गई. साथ ही आदित्य भगवान को भी विशिष्ट मंत्रों के साथ आहुतियां अर्पित की गई. इसके अलावा गलता गेट और खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर स्थित गायत्री मंदिर में भी गायत्री जयंती मनाई गई.

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मानसी गंगा का स्नान कर मनाया गंगा दशहरा
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी को ही पतित पावनी मां गंगा के धराधाम पर उतरने का पर्व गंगा दशहरा भी श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया. श्रद्धालुओं ने भागीरथी का ध्यान करते हुए घरों में गंगाजल मिश्रित जल से स्नान कर पाप मुक्त करने की प्रार्थना की. वहीं, गोविंददेव जी मंदिर के पीछे गंगापोल जी, स्टेशन रोड और चौड़ा रास्ता स्थित गंगा माता मंदिर में विशेष आयोजन हुए. गंगा दशमी को तीर्थ स्नान का विधान है. लेकिन, लॉकडाउन के कारण श्रद्धालु तीर्थ स्थलों पर नहीं जा सके. इसलिए मां गंगा का ध्यान करते हुए मानसी गंगा स्नान किया गया.

जयपुर. राजधानी में सोमवार को वेदमाता गायत्री जयंती मनाई गई. ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में मुख्य आयोजन के रूप में पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजित हुआ. यज्ञ में शक्तिपीठ में रहने वाले परिजनों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां दी.

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