जयपुर. विधानसभा का सत्र शुरू होने के साथ ही राजधानी जयपुर में धरना-प्रदर्शन और महापड़ाव का दौर भी शुरू हो गया है. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ (Rajasthan Vidyarthi Mitra Panchayat Sahayak Sangh) के बैनर तले राजस्थान के पंचायत सहायकों और विद्यार्थी मित्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जयपुर में अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, वे पीछे नहीं हटेंगे.
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने विद्यार्थी मित्रों और पंचायत सहायकों को सम्मानजनक मानदेय देने और नियमित करने का भरोसा दिलाया था लेकिन सत्ता में आने के बाद अभी तक कांग्रेस ने उनकी मांग पूरी नहीं की है. बल्कि उनकी मांगों को कमेटी बनाकर उलझा दिया है. कई बैठकों के बाद भी अभी तक उनकी मांगों को लेकर कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है.
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इससे प्रदेश के 27 हजार विद्यार्थी मित्रों और पंचायत सहायकों में रोष है. उनका कहना है कि सरकार के ढुलमुल रवैये से परेशान विद्यार्थी मित्र और पंचायत सहायकों ने गुरुवार से जयपुर में 22 गोदाम पर अनिश्चितकालीन महापड़ाव (Vidyarthi Mitra Mahapadav in Jaipur) डाला है. अब अपनी मांगें पूरी होने तक विद्यार्थी मित्र और पंचायत सहायक पीछे नहीं हटेंगे.
सरकार ने नहीं दी अनुमति, फिर भी शुरू किया महापड़ाव
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए राजस्थान सरकार (Gehlot Government) के गृह विभाग ने बुधवार को प्रदेश में भीड़ इकट्ठा करने वाले आयोजनों पर रोक लगा दी है. इसके चलते विद्यार्थी मित्रों और पंचायत सहायकों को भी महापड़ाव की अनुमति नहीं मिली है. इसके बावजूद प्रदेशभर से जयपुर में विद्यार्थी मित्र और पंचायत सहायक जुटे हैं और महापड़ाव शुरू कर दिया है.