जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर के आदेश पर रोक लगाई है. तबादला होने के बावजूद कमिश्नर वीपी सिंह ने आदेश जारी करते हुए 10 राजस्व अधिकारियों को उपायुक्त पद पर लगाया था. जबकि ग्रेटर नगर निगम में उपायुक्त के केवल 12 ही पद है. ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद अब इस आदेश को स्थगित किया गया है.
ग्रेटर नगर निगम से जाते-जाते विजय पाल सिंह ने स्वायत्त शासन विभाग के आदेश का हवाला देते हुए, जयपुर ग्रेटर नगर निगम के अधिकारियों का पदस्थापन किया. साथ ही उपायुक्त और राजस्व अधिकारियों को कार्यभार सौंपा. हालांकि इस आदेश में शामिल किए गए राजस्व अधिकारियों को उपायुक्त बनाए जाने का फैसला चर्चा का विषय भी रहा. दरअसल, जयपुर नगर निगम में उपायुक्त के केवल 12 ही पद है, और विजयपाल सिंह ने तबादला होने के बाद अधिकारियों का कार्यभार बांटने का जो आदेश जारी किया, उसमें 20 अधिकारियों को उपायुक्त पद पर लगा दिया गया. इनमें से 10 राजस्व अधिकारी है.
ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम का राजस्व इकट्ठा करने के लिए ग्रेटर नगर निगम में महज तीन राजस्व अधिकारी ही रह गए. ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने संज्ञान लेते हुए आयुक्त एवं प्रशासक नगर निगम जयपुर ग्रेटर द्वारा जारी आदेश को तुरंत प्रभाव से स्थगित करने के निर्देश दिए. साथ ही संबंधित मूल पत्रावली तत्काल परीक्षण के लिए भिजवाए जाना सुनिश्चित करने, और उपायुक्त के स्वीकृत पदों का विवरण भी संलग्न कर भिजवाने के निर्देश जारी किए गए.