जयपुर/हरिद्वार: स्नान पर रोक लगने के बाद गंगा सभा संत समाज और व्यापारियों ने अपना आक्रोश दिखाया था. इसको देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा अस्थि विसर्जन और कर्मकांड कराने आने वाले यात्रियों को छूट दी गई है. आज हर की पैड़ी और तमाम गंगा घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर भारी भीड़ देखने को नहीं मिल रही है.
पुलिस प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर व्यवस्था की गई है. बॉर्डर और हर की पौड़ी सहित तमाम गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है. अस्थि विसर्जन और कर्मकांड कराने वाले यात्रियों को ही पुलिस प्रशासन द्वारा हर की पैड़ी में प्रवेश दिया जा रहा है.
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एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय का कहना है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगाई गई है. प्रशासन का अनुमान था इस स्नान में काफी भीड़ हो सकती और कोरोना का प्रकोप भी बढ़ सकता है. इसी को देखते हुए एसएसपी हरिद्वार के निर्देश पर बॉर्डर पर भी फोर्स तैनात की गई है.
इसके साथ ही हर की पौड़ी और तमाम गंगा घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है. सिर्फ अस्थि विसर्जन और कर्मकांड कराने वालों को ही इसमें छूट दी गई है.
पुलिस की रोक के बावजूद भी कई श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि आज कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है. हमें गंगा स्नान करके काफी अच्छा लगा. ठंड काफी है. गंगा घाटों पर अभी भीड़ ज्यादा नहीं है. हमने मां गंगा का स्नान कर मन्नत मांगी है कि कोरोना महामारी जल्दी खत्म हो. श्रद्धालुओं का कहना है कि हर की पौड़ी क्षेत्र में हमें आने से नहीं रोका गया. यहां पर पुलिस भी मौजूद नहीं है. यात्री का कहना है कि हमारे द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन किया गया है. हर की पैड़ी पर इतनी भीड़ नहीं है. इस कारण स्नान भी आराम से हो रहा है.
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कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर हर की पैड़ी और तमाम गंगा घाटों पर हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाती थी. मगर इस बार कोरोना महामारी के कारण हरिद्वार जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर रोक लगा दी. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बॉर्डर पर ही रोकने की व्यवस्था की गई है. मगर गंगा सभा व्यापारी और संत समाज के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर अस्थि विसर्जन और कर्मकांड पर आने आने वाले श्रद्धालुओं को अनुमति दी. इसी कारण हर की पौड़ी और तमाम गंगा घाटों पर इतनी भीड़ नहीं है, जो हर बार कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर हुआ करती थी.