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Special: देशभर में PM स्वनिधि योजना में राजस्थान बेहतर, लेकिन जयपुर के 50 फीसदी स्ट्रीट वेंडर्स को नहीं मिला लाभ

कोरोना संकट की मार झेल रहे स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी-पटरी वालों) को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना बीते साल शुरू की थी, जिसमें रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी 10 हजार रुपये का ऋण दिया जाता है. लेकिन, राजधानी जयपुर सहित राजस्थान में यह योजना अभी तक भी परवान नहीं चढ़ पाई है. देखें ये खास रिपोर्ट

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
देशभर में PM स्वनिधि योजना में राजस्थान बेहतर
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Published : Mar 22, 2021, 10:24 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस ने देश के हर वर्ग तबके को प्रभावित किया. देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजरी. वैश्विक महामारी के इस दौर ने जिन वर्गों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, उनमें स्ट्रीट वेंडर्स एक हैं. शहरी इलाकों में सड़क किनारे ठेला लगाकर खाने-पीने का सामान या अन्य वस्तुएं बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को कोरोना संकट से उभारने के लिए केंद्र सरकार ने बीते साल प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी, जिसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है. लेकिन, 7 माह बाद भी पीएम स्वनिधि योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है. देखें ये खास रिपोर्ट

PM स्वनिधि योजना के तहत 50 फीसदी स्ट्रीट वेंडर्स को ही मिला लोन...

राजधानी जयपुर सहित राजस्थान में केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है. हालांकि, इस योजना की क्रियान्विति से जुड़े अधिकारियों के अपने दावे हैं, लेकिन धरातल पर जो हालात हैं. वह यह बताने के लिए काफी हैं कि कहीं न कहीं तो चूक हो रही है.

निगम और बैंक के चक्कर में टूटी उम्मीद...

राजधानी जयपुर में पांचबत्ती के पास फास्टफूड का ठेला लगाने वाले सोहनलाल खटीक का कहना है कि लोन के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें दो तीन महीने तक नगर निगम और बैंक के चक्कर काटने पड़े. उन्होंने तीन बार आवेदन किया. लेकिन, हर बार रिजेक्ट कर दिया गया. थक हारकर उन्होंने लोन मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी. बैंक में संपर्क करने पर यह कहकर उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया कि उन्हें लोन नहीं मिलेगा. हालांकि, इसके पीछे क्या कारण है, यह उन्हें नहीं बताया गया है.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
स्वनिधि योजना का मकसद...

आवेदन के 4 महीने बाद भी नहीं मिला लोन...

जयपुर के भगवानदास मार्ग पर ठेले पर हेलमेट बेचने वाले पिंटू कुमार का कहना है कि आवेदन किए हुए करीब चार महीने हो गए. लेकिन, अभी तक उन्हें लोन नहीं मिला है. बैंक में जाते हैं तो कोई न कोई कमी बताकर आवेदन रिजेक्ट करने की बात कही जाती है. नगर निगम के अधिकारियों से बात करने पर कहा जाता है कि बैंक में जाकर फोन पर बात करवा देना, लेकिन बैंक में कोई भी फोन पर बात करने तक के लिए तैयार नहीं होता. अब तक तीन बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक लोन नहीं मिल पाया है.

पढ़ें: राजस्थान में अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन....राजस्थान पहले पायदान पर

सेटिंग से मिलता है लोन...

जयपुर हेरिटेज सिटी स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बनवारी लाल शर्मा का कहना है कि जिन लोगों की बैंक में सेटिंग है, उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन मिल रहा है. चाहे वह ठेला लगा रहा है या नहीं. जबकि, जो लोग वाकई में रेहड़ी-पटरी या थड़ी-ठेले लगाकर जीवनयापन कर रहे हैं, उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोग बैंक और नगर निगम कार्यालय के बीच चक्कर लगाकर थक चुके हैं. तीन-चार बार लोन के लिए आवेदन करने और 10-15 दिन तक बैंकों के चक्कर काटने के बाद भी उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है और उन्हें लोन नहीं मिल पाता.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
कई बार आवेदन के बाद भी नहीं मिलता लोन...

दस्तावेजों का अभाव...

बनवारी लाल शर्मा का कहना है कि थड़ी-ठेले वालों के पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं होते हैं. थड़ी-ठेले वालों में ज्यादातर गरीब और अनपढ़ होते हैं, ऐसे में कई बार पर्याप्त दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं. ज्यादातर मामलों में बैंक दस्तावेजों के लिए परेशान करते हैं, इसीलिए लोन मिलने में परेशानी आ रही है. उनका साफ दावा है कि 12313 पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स में से अब तक 50 फीसदी को भी लोन नहीं मिल पाया है.

लोन प्रक्रिया तेज करने की कवायद...

जिला परियोजना अधिकारी श्रीचंद बाकोलिया का कहना है कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने 16 हजार स्ट्रीट वेंडर्स से लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन भरवाए हैं. इनमें से 12 हजार के करीब आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं. अभी तक साढ़े चार हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण दिया जा चुका है. उनका कहना है कि बैंकों के अधिकारियों से मिलकर भी ऋण देने करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
निगम और बैंक के चक्कर में टूटी उम्मीद...

देशभर में राजस्थान की स्थिति अच्छी...

स्थानीय निकाय निदेशक दीपक नंदी का कहना है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पिछले साल जुलाई में शुरू हुई थी. अगले ही महीने अगस्त में करीब 500 लोगों को लोन दे दिया गया था. अभी करीब 30 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिया जा चुका है, जबकि एक लाख से ज्यादा आवेदन बैंकों को भेजे जा चुके हैं. स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी और बैंकों के चैयरमैन के साथ भी उच्चाधिकारियों ने बैठक ली है. इस योजना की क्रियान्विति में देशभर में राजस्थान की स्थिति अच्छी है. जयपुर के 12 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स में से महज एक-डेढ़ हजार को ही लोन मिलने के सवाल पर दीपक नंदी कहते हैं कि जयपुर में अब तक ढाई हजार लोगों को लोन मिल चुका है. दोनों नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय निकायों की ओर से विशेष शिविर भी लगवाए गए हैं. इनमें स्ट्रीट वेंडर्स के लोन के आवेदन भरवाए गए हैं. इसके साथ ही बैंकों को भी सहयोग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया है कि निजी बैंकों के स्तर पर कुछ कमी रहने की जानकारी सामने आई है. उनकी ओर से आवेदनों को स्वीकार नहीं करने की बात सामने आया है. लेकिन, प्रयास है कि सभी लोगों को लोन मिले.

जयपुर. कोरोना वायरस ने देश के हर वर्ग तबके को प्रभावित किया. देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजरी. वैश्विक महामारी के इस दौर ने जिन वर्गों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, उनमें स्ट्रीट वेंडर्स एक हैं. शहरी इलाकों में सड़क किनारे ठेला लगाकर खाने-पीने का सामान या अन्य वस्तुएं बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को कोरोना संकट से उभारने के लिए केंद्र सरकार ने बीते साल प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी, जिसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है. लेकिन, 7 माह बाद भी पीएम स्वनिधि योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है. देखें ये खास रिपोर्ट

PM स्वनिधि योजना के तहत 50 फीसदी स्ट्रीट वेंडर्स को ही मिला लोन...

राजधानी जयपुर सहित राजस्थान में केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है. हालांकि, इस योजना की क्रियान्विति से जुड़े अधिकारियों के अपने दावे हैं, लेकिन धरातल पर जो हालात हैं. वह यह बताने के लिए काफी हैं कि कहीं न कहीं तो चूक हो रही है.

निगम और बैंक के चक्कर में टूटी उम्मीद...

राजधानी जयपुर में पांचबत्ती के पास फास्टफूड का ठेला लगाने वाले सोहनलाल खटीक का कहना है कि लोन के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें दो तीन महीने तक नगर निगम और बैंक के चक्कर काटने पड़े. उन्होंने तीन बार आवेदन किया. लेकिन, हर बार रिजेक्ट कर दिया गया. थक हारकर उन्होंने लोन मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी. बैंक में संपर्क करने पर यह कहकर उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया कि उन्हें लोन नहीं मिलेगा. हालांकि, इसके पीछे क्या कारण है, यह उन्हें नहीं बताया गया है.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
स्वनिधि योजना का मकसद...

आवेदन के 4 महीने बाद भी नहीं मिला लोन...

जयपुर के भगवानदास मार्ग पर ठेले पर हेलमेट बेचने वाले पिंटू कुमार का कहना है कि आवेदन किए हुए करीब चार महीने हो गए. लेकिन, अभी तक उन्हें लोन नहीं मिला है. बैंक में जाते हैं तो कोई न कोई कमी बताकर आवेदन रिजेक्ट करने की बात कही जाती है. नगर निगम के अधिकारियों से बात करने पर कहा जाता है कि बैंक में जाकर फोन पर बात करवा देना, लेकिन बैंक में कोई भी फोन पर बात करने तक के लिए तैयार नहीं होता. अब तक तीन बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक लोन नहीं मिल पाया है.

पढ़ें: राजस्थान में अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन....राजस्थान पहले पायदान पर

सेटिंग से मिलता है लोन...

जयपुर हेरिटेज सिटी स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बनवारी लाल शर्मा का कहना है कि जिन लोगों की बैंक में सेटिंग है, उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन मिल रहा है. चाहे वह ठेला लगा रहा है या नहीं. जबकि, जो लोग वाकई में रेहड़ी-पटरी या थड़ी-ठेले लगाकर जीवनयापन कर रहे हैं, उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोग बैंक और नगर निगम कार्यालय के बीच चक्कर लगाकर थक चुके हैं. तीन-चार बार लोन के लिए आवेदन करने और 10-15 दिन तक बैंकों के चक्कर काटने के बाद भी उनका आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है और उन्हें लोन नहीं मिल पाता.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
कई बार आवेदन के बाद भी नहीं मिलता लोन...

दस्तावेजों का अभाव...

बनवारी लाल शर्मा का कहना है कि थड़ी-ठेले वालों के पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं होते हैं. थड़ी-ठेले वालों में ज्यादातर गरीब और अनपढ़ होते हैं, ऐसे में कई बार पर्याप्त दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं. ज्यादातर मामलों में बैंक दस्तावेजों के लिए परेशान करते हैं, इसीलिए लोन मिलने में परेशानी आ रही है. उनका साफ दावा है कि 12313 पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स में से अब तक 50 फीसदी को भी लोन नहीं मिल पाया है.

लोन प्रक्रिया तेज करने की कवायद...

जिला परियोजना अधिकारी श्रीचंद बाकोलिया का कहना है कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने 16 हजार स्ट्रीट वेंडर्स से लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन भरवाए हैं. इनमें से 12 हजार के करीब आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं. अभी तक साढ़े चार हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण दिया जा चुका है. उनका कहना है कि बैंकों के अधिकारियों से मिलकर भी ऋण देने करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है.

PM Swanidhi scheme,  PM Swanidhi scheme details
निगम और बैंक के चक्कर में टूटी उम्मीद...

देशभर में राजस्थान की स्थिति अच्छी...

स्थानीय निकाय निदेशक दीपक नंदी का कहना है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना पिछले साल जुलाई में शुरू हुई थी. अगले ही महीने अगस्त में करीब 500 लोगों को लोन दे दिया गया था. अभी करीब 30 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को लोन दिया जा चुका है, जबकि एक लाख से ज्यादा आवेदन बैंकों को भेजे जा चुके हैं. स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी और बैंकों के चैयरमैन के साथ भी उच्चाधिकारियों ने बैठक ली है. इस योजना की क्रियान्विति में देशभर में राजस्थान की स्थिति अच्छी है. जयपुर के 12 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स में से महज एक-डेढ़ हजार को ही लोन मिलने के सवाल पर दीपक नंदी कहते हैं कि जयपुर में अब तक ढाई हजार लोगों को लोन मिल चुका है. दोनों नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं. स्थानीय निकायों की ओर से विशेष शिविर भी लगवाए गए हैं. इनमें स्ट्रीट वेंडर्स के लोन के आवेदन भरवाए गए हैं. इसके साथ ही बैंकों को भी सहयोग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया है कि निजी बैंकों के स्तर पर कुछ कमी रहने की जानकारी सामने आई है. उनकी ओर से आवेदनों को स्वीकार नहीं करने की बात सामने आया है. लेकिन, प्रयास है कि सभी लोगों को लोन मिले.

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