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वेलफेयर फंड एक्ट के विरोध में एक दिन का न्यायिक बहिष्कार - One day judicial boycott in protest

नए एडवोकेट्स वेलफेयर फंड एक्ट के विरोध में शहर के वकीलों की ओर से एक दिन का सांकेतिक न्यायिक बहिष्कार किया. वहीं, शनिवार को बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी.

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वेलफेयर फंड एक्ट के विरोध में न्यायिक बहिष्कार
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Published : Mar 13, 2020, 8:51 PM IST

जयपुर. नए एडवोकेट्स वेलफेयर फंड एक्ट के विरोध में शुक्रवार को शहर के वकीलों ने एक दिन का सांकेतिक न्यायिक बहिष्कार किया. इस दौरान वकीलों ने अदालत में पैरवी नहीं की और पक्षकारों ने स्वयं ही जाकर मुकदमों में अपना पक्ष रखा. वहीं, शनिवार को बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी.

राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अंशुमान सक्सेना ने बताया कि नए कानून के तहत वेलफेयर फंड में आजीवन अंशदान 17 हजार 500 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिए गए हैं. इसके बदले 40 साल की वकालत के बाद वकील को 1.5 लाख देने का प्रावधान है.

पढ़ें- जयपुरः अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया गया व्यापारी अस्पताल में भर्ती

इसके अलावा वकालतनामा की फीस 25 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए कर दी गई है. इस मामले में महाधिवक्ता की ओर से फीस बढ़ाने को लेकर सरकार को पत्र लिखने की बात सामने आने पर महाधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका हैं.

जयपुर. नए एडवोकेट्स वेलफेयर फंड एक्ट के विरोध में शुक्रवार को शहर के वकीलों ने एक दिन का सांकेतिक न्यायिक बहिष्कार किया. इस दौरान वकीलों ने अदालत में पैरवी नहीं की और पक्षकारों ने स्वयं ही जाकर मुकदमों में अपना पक्ष रखा. वहीं, शनिवार को बैठक कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी.

राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अंशुमान सक्सेना ने बताया कि नए कानून के तहत वेलफेयर फंड में आजीवन अंशदान 17 हजार 500 से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिए गए हैं. इसके बदले 40 साल की वकालत के बाद वकील को 1.5 लाख देने का प्रावधान है.

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इसके अलावा वकालतनामा की फीस 25 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए कर दी गई है. इस मामले में महाधिवक्ता की ओर से फीस बढ़ाने को लेकर सरकार को पत्र लिखने की बात सामने आने पर महाधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका हैं.

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