जयपुर. आज के मीडिया को आईने में देखने की जरूरत है, कि क्या देश में हो रहा है और क्या नहीं. अगर इससे एक पत्रकार को कोई सरोकार नहीं है तो वह पत्रकारिता नहीं कर रहा. यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी का. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन थानवी ने सेशन 'चौथा स्तंभ द फोर्थ स्टेज' पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मीडिया का काम पत्रकारिता करना है. देश की आजादी में पत्रकारों का बड़ा योगदान है. अगर देश में कुछ घट रहा है तो उसे दिखाने और समझाने की जरूरत है मीडिया को ना कि सोशल मीडिया को.
साथ ही उन्होंने कहा कि हिन्दू मुस्लिम के नाम पर हमारी राजनीति लड़ा रही है लोगों को, लेकिन हम उसका हिस्सा क्यों बन रहे है. थानवी ने कहा कि जेएनयू की सच्चाई को किसी ने सामने नहीं रखा. जेएनयू में लगे टुकड़े टुकड़े के नारों को एक न्यूज चैनल ने रिश्वत लेकर आवाज को डब किया लेकिन वो सचाई किसी न्यूज़ चैंनल ने नहीं दिखाई. जेएनयू के बाद कितने विश्विद्यालयों को निशाना बनाया गया.
एक सवाल के जवाब में थानवी ने कहा कि देश चलता रहेगा लेकिन सवाल यह है कि जो कोई किसी के खिलाफ बोलता है तो उसकी आवाज क्यों दबाई जाती है. थानवी ने कहा कि आज बिना इमरजेंसी के इमरजेंसी जैसे हालात है. उन्होंने कहा कि छात्रों की आवाज दबा कर उन्हें बदनाम किया जा रहा है.
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थानवी ने कहा कि एनआरसी और सीएए पर पीएम मोदी ने देश से झूठ बोला, जिसको मीडिया ने नहीं उजागर किया बल्कि लोगों ने सोशल मीडिया पर मोदी का एनआरसी को लेकर वीडियो उजागर किया. मीडिया की विश्वनीयता तब अर्जित होगी जब वे अपनी आंखें खुली रखेंगे. अगर आप किसी विचारधारा के साथ पत्रकारिता कर रहे है तो वे पत्रकारिता नहीं है. वहीं, सेशन के दौरान हितेश शंकर और अतुल ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आज देश में कुछ तो बदलाव हो रहा है. इस सरकार की सोच बदली है, इसमें फैसले लेने की ताकत तो है.