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अपनी ही पार्टी के राज में NSUI का RU प्रशासन के खिलाफ 'हल्ला बोल', पुलिस से धक्का-मुक्की...जानें पूरा माजरा - Rajasthan Gehlot Government

अपनी ही पार्टी के राज (Gehlot Government) में एनएसयूआई ने राजस्थान विश्वविद्यालय (RU) प्रशासन के खिलाफ शुक्रवार को फीस बढ़ोतरी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मोर्चा खोल दिया. NSUI के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Rajasthan Gehlot Government
राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रदर्शन
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Published : Aug 6, 2021, 5:08 PM IST

जयपुर. फीस बढ़ोतरी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर एनएसयूआई ने जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया. इस दौरान सड़क जाम करने आ रहे छात्रों को पुलिस ने RU के गेट पर रोक दिया और गेट बंद कर दिया. मुख्य गेट पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति सचिवालय का घेराव किया और गेट का कांच तोड़ दिया.

कार्यकर्ताओं ने राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम करने के लिए बाहर आने की कोशिश की तो पुलिस ने मुख्य द्वार को बंद कर दिया. थोड़ी देर बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ता वहीं मुख्य गेट पर बैठ गए और नारेबाजी की. पुलिस ने छात्रों से समझाइश की, लेकिन वे नहीं माने. विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर नारेबाजी करने के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय का घेराव करने पहुंचे.

NSUI ने RU प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा....

यहां कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय के गेट पर चढ़ गए और गेट का शीशा तोड़ दिया. यहां भी छात्र नारेबाजी करते हुए गेट पर ही बैठ गए. इस दौरान पुलिस ने काफी समझाइश की, लेकिन एनएसयूआई के कार्यकर्ता नहीं माने और काफी देर तक नारेबाजी की. पुलिस ने आरोप भी लगाया कि एनएसयूआई बाहरी छात्रों को भी लेकर आई है.

एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता रमेश कुमार भाटी ने बताया कि पिछले सत्र में भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस के नाम पर अवैध वसूली की. कोरोना काल होने के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से पार्किंग, ट्यूशन, लाइब्रेरी फीस और छात्र संघ कार्यालय के नाम पर पैसा वसूला, लेकिन छात्र हित में उन्होंने उस फंड का उपयोग नहीं किया. मास्क, सैनिटाइजर और कचोरी-समोसे के नाम पर खर्चा बता दिया.

पढ़ें : बदला खेल रत्न पुरस्कार का नाम : राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण : वैभव गहलोत

अब विश्वविद्यालय प्रशासन नए सत्र के लिए प्रोस्पेक्टस जारी कर वही फीस वसूलने की योजना बना रहा है. भाटी ने आरोप लगाया कि बच्चों से वसूली गई फीस से विश्वविद्यालय प्रशासन कचोरी-समोसे खा रहा है और अपने खर्चे निकाल रहा है. भाटी ने अपील की कि कोरोना काल में बच्चों की माली हालत खराब हो चुकी है. इसलिए अलग-अलग मदों में ली जाने वाली फीस को कम किया जाए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्टूडेंट से भी परामर्श फीस के नाम पर एक हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है और परामर्श के नाम पर स्टूडेंट को केवल इधर-उधर भटकना पड़ता है.

अपनी ही पार्टी के राज में फीस और वित्तीय अनियमितता को लेकर विरोध जताने के सवाल पर भाटी ने कहा कि यह मामला सरकार का नहीं है. यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन से संबंध रखता है. सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि छात्रों की फीस नहीं बढ़ाई जाए, फिर भी बच्चों से अवैध वसूली की जा रही है. यह फीस वसूली सरकार के इशारे पर नहीं हो रही, यह वसूली विश्वविद्यालय अपने ही स्तर पर कर रहा है. इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन से ही एनएसयूआई फीस कम करने की मांग कर रही है.

छात्र नेता अमरदीप परिहार ने आरोप लगाया कि कुलपति बच्चों की सुनवाई नहीं करते और बच्चे अपनी समस्या को लेकर उनसे मिल भी नहीं पाते. छात्रों से अलग-अलग मदों पर ली जाने वाली फीस विश्वविद्यालय प्रशासन कहां खर्च करता है, इसकी कोई जानकारी नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन कहता है कि मास्क सैनिटाइजर बांटे गए. इस पर अमरदीप ने कहा कि मास्क और सैनिटाइजर तो एनएसयूआई ने भी खूब बांटे हैं. विवि. प्रशासन छात्र हित के लिए खर्च होने वाले फंड से लाखों के कचोरी-समोसे खा जाते हैं.

जयपुर. फीस बढ़ोतरी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर एनएसयूआई ने जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया. इस दौरान सड़क जाम करने आ रहे छात्रों को पुलिस ने RU के गेट पर रोक दिया और गेट बंद कर दिया. मुख्य गेट पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति सचिवालय का घेराव किया और गेट का कांच तोड़ दिया.

कार्यकर्ताओं ने राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम करने के लिए बाहर आने की कोशिश की तो पुलिस ने मुख्य द्वार को बंद कर दिया. थोड़ी देर बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ता वहीं मुख्य गेट पर बैठ गए और नारेबाजी की. पुलिस ने छात्रों से समझाइश की, लेकिन वे नहीं माने. विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर नारेबाजी करने के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय का घेराव करने पहुंचे.

NSUI ने RU प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा....

यहां कार्यकर्ता कुलपति सचिवालय के गेट पर चढ़ गए और गेट का शीशा तोड़ दिया. यहां भी छात्र नारेबाजी करते हुए गेट पर ही बैठ गए. इस दौरान पुलिस ने काफी समझाइश की, लेकिन एनएसयूआई के कार्यकर्ता नहीं माने और काफी देर तक नारेबाजी की. पुलिस ने आरोप भी लगाया कि एनएसयूआई बाहरी छात्रों को भी लेकर आई है.

एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता रमेश कुमार भाटी ने बताया कि पिछले सत्र में भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस के नाम पर अवैध वसूली की. कोरोना काल होने के बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से पार्किंग, ट्यूशन, लाइब्रेरी फीस और छात्र संघ कार्यालय के नाम पर पैसा वसूला, लेकिन छात्र हित में उन्होंने उस फंड का उपयोग नहीं किया. मास्क, सैनिटाइजर और कचोरी-समोसे के नाम पर खर्चा बता दिया.

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अब विश्वविद्यालय प्रशासन नए सत्र के लिए प्रोस्पेक्टस जारी कर वही फीस वसूलने की योजना बना रहा है. भाटी ने आरोप लगाया कि बच्चों से वसूली गई फीस से विश्वविद्यालय प्रशासन कचोरी-समोसे खा रहा है और अपने खर्चे निकाल रहा है. भाटी ने अपील की कि कोरोना काल में बच्चों की माली हालत खराब हो चुकी है. इसलिए अलग-अलग मदों में ली जाने वाली फीस को कम किया जाए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्टूडेंट से भी परामर्श फीस के नाम पर एक हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है और परामर्श के नाम पर स्टूडेंट को केवल इधर-उधर भटकना पड़ता है.

अपनी ही पार्टी के राज में फीस और वित्तीय अनियमितता को लेकर विरोध जताने के सवाल पर भाटी ने कहा कि यह मामला सरकार का नहीं है. यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन से संबंध रखता है. सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि छात्रों की फीस नहीं बढ़ाई जाए, फिर भी बच्चों से अवैध वसूली की जा रही है. यह फीस वसूली सरकार के इशारे पर नहीं हो रही, यह वसूली विश्वविद्यालय अपने ही स्तर पर कर रहा है. इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन से ही एनएसयूआई फीस कम करने की मांग कर रही है.

छात्र नेता अमरदीप परिहार ने आरोप लगाया कि कुलपति बच्चों की सुनवाई नहीं करते और बच्चे अपनी समस्या को लेकर उनसे मिल भी नहीं पाते. छात्रों से अलग-अलग मदों पर ली जाने वाली फीस विश्वविद्यालय प्रशासन कहां खर्च करता है, इसकी कोई जानकारी नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन कहता है कि मास्क सैनिटाइजर बांटे गए. इस पर अमरदीप ने कहा कि मास्क और सैनिटाइजर तो एनएसयूआई ने भी खूब बांटे हैं. विवि. प्रशासन छात्र हित के लिए खर्च होने वाले फंड से लाखों के कचोरी-समोसे खा जाते हैं.

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