जयपुर. प्रदेश में चल रहे बिजली संकट में सुधार के साथ ही अब एक और राहत भरी खबर है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित पर्चा कोल ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने के लिए केंद्रीय वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से क्लीयरेंस मिल गई है. जिसके चलते अब इस नए ब्लॉक में खनन कार्य आरंभ करने में आ रही बाधा दूर हो गई है. जल्द ही यहां खनन कार्य आरंभ होने पर प्रदेश में कोयले की कमी दूर होगी.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला ने इस मामले में शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉक्टर सुबोध अग्रवाल और विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. और इस दौरान आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. कल्ला ने बताया कि इस कॉल ब्लॉक में खनन शुरू होने से प्रदेश के थर्मल आधारित बिजली ताप घरों को आवश्यक कोयला मिल जाएगा.
डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हेक्टेयर क्षेत्र का छत्तीसगढ़ के सरगुजा परसा कोल ब्लॉक 2015 में आवंटित किया गया था. लंबे समय से केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की स्वीकृति नहीं मिलने से कोयले का उत्पादन शुरु नहीं हो पा रहा था. अब राज्य सरकार के प्रयासों से बायोडायवर्सिटी असेसमेंट स्टडी ने केन्द्र को रिपोर्ट भिजवाकर स्वीकृति का दबाव बनाया था. जिसके परिणाम स्वरुप अब केन्द्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है.
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वहीं उर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 841 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के इस ब्लॉक से कोयले का उत्पादन आरंभ होने पर राज्य को प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले मिलेंगे. एक मोटे अनुमान के अनुसार इस ब्लॉक में 5 मिलियन टन कोयले के उत्पादन की संभावना है. इसके साथ ही इस कोल ब्लॉक में 30 साल में 150 मिलियन टन कोयले का भण्डार होने की संभावना है. इससे प्रदेश के तापीय विद्युत गृहों के लिए राज्य कोल ब्लॉकों से भी अधिक कोयला मिलने लगेगा.