जयपुर. राजस्थान में सितंबर 2019 को बसपा के सभी 6 विधायकों जोगिंदर अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, वाजिद अली, संदीप यादव, लाखन मीणा और दीपचंद खेरिया बसपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था. लेकिन बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए इन विधायकों की दिक्कतें अभी समाप्त नहीं हुई हैं. यहां एक ओर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को इतना बड़ा समर्थन देने के बावजूद अब तक किसी भी विधायक को कोई पद नहीं मिला है.
वहीं दूसरी ओर इन सब विधायकों को अब सुप्रीम कोर्ट ने दलबदल करने पर 4 हफ्ते का समय जवाब के लिए दिया है. अगर 4 हफ्ते में इन विधायकों ने जवाब नहीं दिया तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया जाएगा. ऐसे में अब ये विधायक सुप्रीम कोर्ट में मिले अंतिम मौके पर कानूनी राय लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं.
दूसरी ओर बसपा से कांग्रेस में आए विधायक लगातार जिस तरीके से सचिन पायलट कैंप के खिलाफ अपनी बात कहते रहे हैं. इस बार भी अपनी बात पहुंचाने के लिए यह विधायक कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करने का समय मांगेंगे.
6 में से चार विधायक अभी दिल्ली पहुंच रहे हैं जिनमें राजेंद्र गुढ़ा, लाखन मीणा, संदीप यादव और वाजिब अली शामिल हैं. अब दिल्ली में यह विधायक किन नेताओं से मुलाकात करते हैं और अब जिस तरीके से यह विधायक सचिन पायलट के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं, क्या एक बार फिर वही बात दिल्ली में आला नेताओं के सामने वह करते दिखाई देंगे इस बात पर सब की नजर होगी? आज जो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक दिल्ली नहीं गए हैं उनमें जोगिंदर अवाना और दीपचंद खेरिया शामिल हैं.
विधायक बोले हमारी प्राथमिकता सदस्यता बचाना
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक अभी दिल्ली भी नहीं पहुंचे हैं ,लेकिन उससे पहले राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. अब बसपा से कांग्रेस में आए विधायक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उनको जनता ने काम के लिए विधायक चुना था और जनता के विकास के काम करवाने के लिए ही वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. ऐसे में अपनी सदस्यता बचाने के लिए भले ही उनको चाहे भाजपा के नेताओं से मदद लेनी हो या कांग्रेस के नेताओं से वह अपनी सदस्यता बचाने के लिए कुछ भी करेंगे. क्योंकि जिस जनता ने उन्हें चुनकर विधायक बनाया है उनके सपने का पूरे करने ही उनकी प्राथमिकता है.