जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोरोना वायरस की काली छाया पड़ गई है. उत्तर पश्चिम रेलवे के एक कर्मचारी को कोरोना वायरस का संदिग्ध मानते हुए जेएलएन अस्पताल अजमेर में भर्ती करवाया गया है.
जयपुर मंडल के फुलेरा रेलवे स्टेशन पर गार्ड नरेंद्र मित्तल की कल ट्रेन में तबीयत खराब होने के बाद तुरंत प्रभाव से अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. अस्पताल में कोरोना वायरस के कुछ लक्षण मानते हुए कर्मचारी नरेंद्र मित्तल को अजमेर के जेएलएन अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महासचिव मुकेश माथुर ने बताया कि फुलेरा स्टेशन पर नरेंद्र मित्तल गुड्स गार्ड के पद पर तैनात है. रविवार को गार्ड नरेंद्र मित्तल की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब हो जाने से अजमेर के जेएलएन अस्पताल में इलाज करवाया गया, जहां कर्मचारी को कोरोना वायरस का संदिग्ध मानते हुए अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया.
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रेलवे में कोरोना वायरस का संदिग्ध सामने आने पर अब रेलवे पर भी कोरोना वायरस की काली छाया पड़ गई है. ऐसे में रेलवे में लोको पायलट और गार्ड की ब्रीथ एनालाइजर की जांच पर रोक लगाने की मांग की गई है. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से ब्रीथ एनालाइजर की जांच पर रोक लगाने की मांग की है. अब रेलवे में कर्मचारी ब्रीथ एनालाइजर की जांच देने में भी कतरा रहे हैं, ताकि कहीं किसी को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो जाए. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक आनंद प्रकाश से ब्रीथ एनालाइजर की जांच पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की मांग की गई है.