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जयपुर में क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले भवनों का निरीक्षण, दिए ये निर्देश

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Published : Apr 9, 2020, 1:28 PM IST

जयपुर के नोडल अधिकारी ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा और जिला कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले नए अधिग्रहित भवनों और फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रारंभ होने के बाद इन सेंटर्स में क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल की शत प्रतिशत रूप से पालना की जाए.

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भवनों का निरीक्षण

जयपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जयपुर के नोडल अधिकारी ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा और जिला कलेक्टर जोगाराम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले नए अधिग्रहित भवनों, फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया. साथ ही यहां क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को रखे जाने के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल की शत प्रतिशत पालना के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में निर्देश दिए है.

शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जयपुर में कुल 98 संस्थानों को बेहतर नए क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम लेने के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. इनमें शैक्षणिक संस्थानों के होस्टल्स, होटल और धर्मशालाएं शामिल हैं. इन सभी में कुल मिलाकर करीब 4600 कमरे हैं. जिनमें अटेच टायलेट की सुविधा हैं.

जयपुर में क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले भवनों का निरीक्षण, दिए ये निर्देश

पढ़ेंः Corona Update: प्रदेश में कोरोना के 40 नए केस आए सामने...

ऐसी ही कुछ क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी सेंटर्स का उन्होंने निरीक्षण किया. जिनमें मनीपाल यूनिवर्सिटी अजमेर रोड, होटल कंचनदीप, होटल आशीष, कानजी पैलेस, होटल गोयल, शिवाज रॉयल, होटल माया इंटरनेशनल जैसे करीब एक दर्जन सेंटर्स शामिल हैं.

साथ ही उन्होंने इन सेंटर्स में समुचित व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किए गए प्रभारी अधिकारी राज्य प्रशासनिक सेवा केअशोक कुमार योगी, रामरतन शर्मा, नीरज मीणा, रामखिलाड़ी मीणा, मानसिंह मीणा को इन सेंटर्स को प्राथमिकता से तैयार रखने को कहा है. जिससे आवश्यकता होते ही लोगों को यहां लाया जा सके.

उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रारम्भ होने के बाद इन सेंटर्स में क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल की शत प्रतिशत रूप से पालना की जाए. जिसमें यहां आने वाले व्यक्तियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, उनके भोजन की समुचित व्यवस्था भी रहनी चाहिए.

पढ़ेंः नोडल अधिकारी के निर्देश का दिखा असर, रामगंज और परकोटा परिक्षेत्र में एक ही दिन में लिए 576 सैम्पल

साथ ही निर्देश दिए कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि यहां क्वॉरेंटाइन किए जाने वालों में किसी भी तरह का आपसी सम्पर्क ना हो सकें. उनके द्वारा उपयोग लिए जा रहे टॉयलेट की भी नियमित रूप से साफ-सफाई की जाए. अगर कोई बायोवेस्ट होता है तो उसके निस्तारण की भी प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवस्था होनी चाहिए.

जयपुर. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जयपुर के नोडल अधिकारी ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा और जिला कलेक्टर जोगाराम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले नए अधिग्रहित भवनों, फैसिलिटी का संयुक्त निरीक्षण किया. साथ ही यहां क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को रखे जाने के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल की शत प्रतिशत पालना के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में निर्देश दिए है.

शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जयपुर में कुल 98 संस्थानों को बेहतर नए क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम लेने के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है. इनमें शैक्षणिक संस्थानों के होस्टल्स, होटल और धर्मशालाएं शामिल हैं. इन सभी में कुल मिलाकर करीब 4600 कमरे हैं. जिनमें अटेच टायलेट की सुविधा हैं.

जयपुर में क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम आने वाले भवनों का निरीक्षण, दिए ये निर्देश

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ऐसी ही कुछ क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी सेंटर्स का उन्होंने निरीक्षण किया. जिनमें मनीपाल यूनिवर्सिटी अजमेर रोड, होटल कंचनदीप, होटल आशीष, कानजी पैलेस, होटल गोयल, शिवाज रॉयल, होटल माया इंटरनेशनल जैसे करीब एक दर्जन सेंटर्स शामिल हैं.

साथ ही उन्होंने इन सेंटर्स में समुचित व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त किए गए प्रभारी अधिकारी राज्य प्रशासनिक सेवा केअशोक कुमार योगी, रामरतन शर्मा, नीरज मीणा, रामखिलाड़ी मीणा, मानसिंह मीणा को इन सेंटर्स को प्राथमिकता से तैयार रखने को कहा है. जिससे आवश्यकता होते ही लोगों को यहां लाया जा सके.

उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रारम्भ होने के बाद इन सेंटर्स में क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल की शत प्रतिशत रूप से पालना की जाए. जिसमें यहां आने वाले व्यक्तियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, उनके भोजन की समुचित व्यवस्था भी रहनी चाहिए.

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साथ ही निर्देश दिए कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि यहां क्वॉरेंटाइन किए जाने वालों में किसी भी तरह का आपसी सम्पर्क ना हो सकें. उनके द्वारा उपयोग लिए जा रहे टॉयलेट की भी नियमित रूप से साफ-सफाई की जाए. अगर कोई बायोवेस्ट होता है तो उसके निस्तारण की भी प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवस्था होनी चाहिए.

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