जयपुर. राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को घर की लाइट बंद करके दीया, मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील को व्यापक जनसमर्थन मिला. इससे रविवार रात 9 बजे से 9 मिनट तक करीब 40% तक बिजली के लोड में कमी आई. वहीं, घरों की लाइट बंद किए जाने पर संभावित तकनीकी खामियों को लेकर जताई गई ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला की शंका निराधार साबित हुई. इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने जो अपील की थी, उस पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने पुनर्विचार करने का सुझाव दिया था. कल्ला ने इस संबंध में रविवार सुबह केंद्रीय ऊर्जा सचिव को फोन करके ये भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी एक बार तकनीकी विशेषज्ञों से राय लेकर ही कोई अपील करें. इसके पीछे कल्ला ने तर्क दिया था कि लोड कम होकर एकदम बढ़ेगा तो कई पावर ग्रिड स्टेशन के साथ ही 1100 और 3300 केवी जीएसएस पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
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वहीं, केंद्र सरकार ये मानकर चल रही थी कि इससे सिर्फ 10 फीसदी तक का प्रभाव पड़ेगा. घरों में स्विच ऑफ के दौरान राजस्थान में 3600 मेगावाट पावर की डिमांड रही. जबकि, इसी समय पिछले दिनों 5800 मेगावाट तक की बिजली की खपत दर्ज की गई थी. यानी स्विच ऑफ के दौरान 2200 मेगावाट तक का लोड कम हुआ. खास बात यह है कि इस दौरान कहीं पर भी लोड कम-ज्यादा होने के बावजूद कोई तकनीकी समस्या या अप्रिय घटना नहीं हुई.