जयपुर. सरकारी शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा की गुणवत्ता, उपलब्ध संसाधन और शिक्षकों की संख्या को आधार मानकर किए गए सर्वे में राजस्थान की सरकारी स्कूलों को तीसरी रैंक मिली है. नीति आयोग ने नेशनल अचीवमेंट सर्वे में राजस्थान की सरकारी स्कूलों में किए गए बदलावों की सराहना करते हुए तीसरी रैंक दी है. रिपोर्ट देखिये...
इस सर्वे में राजस्थान से ऊपर दिल्ली को पहला और कर्नाटक को दूसरा स्थान मिला है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की बदहाली की कहानी हमने कई बार देखी और सुनी है. लेकिन नीति आयोग के नेशनल अचीवमेंट सर्वे की ताजा रिपोर्ट राजस्थान ने सरकारी स्कूलों की बदलती तस्वीर बयां की है. नीति आयोग के नेशनल अचीवमेंट सर्वे में राजस्थान को तीसरी रैंक मिली है
बदल रहे हैं राज्य के सरकारी स्कूल
यह सर्वे स्कूलों में किए गए बदलाव के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, बच्चों के सीखने का स्तर और शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर का किया गया. इसी आधार पर रैंकिंग दी गई है. राजस्थान से ऊपर इस रैंकिंग में पहले स्थान पर दिल्ली और दूसरे स्थान पर कर्नाटक ही हैं. ताजा सर्वे में राजस्थान ने आईटी हब के रूप में मशहूर आंध्रप्रदेश को पछाड़कर तीसरा पायदान हासिल किया है.
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राजस्थान केरल और आन्ध्रप्रदेश से भी आगे
नेशनल अचीवमेंट सर्वे में दिल्ली ने 44.73 अंक हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है. जबकि कर्नाटक 43.64 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा है. राजस्थान 43.16 अंक के साथ एनएएस में तीसरे स्थान पर रह है. खास बात यह है कि देश के सबसे साक्षर राज्य केरल और आईटी हब के रूप में पहचान रखने वाले आंध्रप्रदेश को पीछे छोड़ते हुए राजस्थान ने नेशनल अचीवमेंट सर्वे में तीसरा पायदान हासिल किया है.
कक्षा 3, 5 के सर्वे में राजस्थान था नंबर 2
जानकारी के अनुसार पहले कक्षा 3 और 5 में इंफ्रास्ट्रक्चर, बच्चों के सीखने के स्तर और शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर के आधार पर नेशनल अचीवमेंट सर्वे हुआ था. जिसमें राजस्थान दूसरे स्थान पर रह था. अब कक्षा 10 के बच्चों की पढ़ाई के लिए उपलब्ध संसाधन, बच्चों के सीखने के स्तर और शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर के आधार पर यह सर्वे किया गया है. जिसमें राजस्थान को तीसरा स्थान मिला है.
शिक्षा मंत्री ने की शिक्षकों की सराहना
राज्य की सरकारी स्कूलों को नेशनल अचीवमेंट सर्वे में राजस्थान की सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सराहा है. उनका कहना है कि दिल्ली केंद्र शाषित प्रदेश है और जितनी सरकारी स्कूल पूरे दिल्ली में हैं. उतनी राजस्थान के अकेले जयपुर जिले में हैं. ऐसे में दिल्ली से राजस्थान की तुलना करना बेमानी है. ऐसे में राज्यों की बात करें तो राजस्थान को कर्नाटक के बाद दूसरा स्थान मिला है.
डोटासरा ने कहा कि हमारे शिक्षकों ने बेहतर काम किया है. इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश का नाम बढ़ा है. उनका यह भी कहना है कि कोरोना काल में राजस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम पहल की थी. शिक्षा विभाग ने घर से सीखें, ई-कक्षा, स्माइल प्रोजेक्ट और टीवी-रेडियो से पढ़ाई की व्यवस्था की. उन्होंने यह भी कहा है कि 18 जनवरी को कोरोना काल में पहली बार स्कूल खुलने पर वह खुद भी कई स्कूलों में निरीक्षण करने पहुंचे. तो 10वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों ने कहा कि अप्रैल के बाद कभी भी परीक्षा हो तो वे पिछड़ेंगे नहीं.
राष्ट्रीय औसत से 7.5 अंक आगे राजस्थान
राष्ट्रीय स्तर पर एनएएस का औसत स्कोर 35.66 है. राजस्थान इससे 7.5 अंक आगे है. राजस्थान को इस सर्वे में 43.16 अंक मिले हैं. इससे पहले सरकारी स्कूलों में कक्षा 3 और 5 के बच्चों के लिए भी ऐसा सर्वे किया गया था. जिसमें राजस्थान का दूसरा स्थान रहा था.
नेशनल अचीवमेंट सर्वे : शीर्ष राज्य
नेशनल अचीवमेंट सर्वे : पिछड़े राज्य