जयपुर. भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद सतीश पूनिया ने मीडिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खूबियां गिनाना शुरू कर दी है. पूनिया की माने तो इस देश में आरएसएस नहीं होता तो यह देश नहीं होता. पूनिया के अनुसार आरएसएस एक ऐसी परंपरा का संगठन है जिसने हिंदुत्व संस्कृति के इतिहास को सहेज कर बहुसंख्यक हिंदुओं के जागरण और समरसता का काम किया है.
दुनिया को दिशा देने की ताकत रखता है संघ- पूनिया
संघ पृष्ठभूमि से आने वाले सतीश पूनिया ने रविवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि आरएसएस देश ही नहीं दुनिया को दिशा देने की ताकत रखता है. उनके अनुसार संस्कारों से मजबूत संगठन आरएसएस ने राष्ट्रीय शक्ति तैयार की है जिससे देश में लोकतंत्र बचाया जा सके.
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पूनिया ने इस दौरान संघ की खूबियां और ताकत तो गिनाई साथ ही अपने बयानों में अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस पर भी निशाना साधा. पूनिया के अनुसार इतिहास और तथ्य किसी से छुपा नहीं है कि देश में विभाजन किसने कराया, मुगल और अंग्रेजों से सांठगांठ किसने की और देश में बाबरी मस्जिद का मुद्दा किसने बनाया. मतलब पूनिया का निशाना कांग्रेस नेता थे.
पूनिया का भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने में संघ का रहा है योगदान
सतीश पूनिया संघनिष्ठ नेता माने जाते हैं यही कारण है कि मदन लाल सैनी के निधन के बाद जब प्रदेशाध्यक्ष पद खाली हुआ तो संघ निष्ठ नेताओं के खेमे की ओर से सतीश पूनिया का नाम आगे किया गया. जिस पर आरएसएस की भी सहमति थी. यही कारण है अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सतीश पूनिया अपने बयानों में संघ की खूबियां और ताकत भी गिनाने लगे हैं.