जयपुर. जिला कलेक्टर और जिला जन आधार योजना अधिकारी अंतर सिंह नेहरा ने राजस्थान जन आधार योजना के अंतर्गत जिले में प्राप्त होने वाले जन आधार नामांकन और अपडेशन प्रकरणों के संबंध में 1 अप्रैल से प्रभावी हुई नवीन व्यवस्था के अनुसार प्राप्त प्रकरणों का जल्द से जल्द समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं. शहरी क्षेत्र में प्रथम सत्यापन नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी अथवा आयुक्त और ग्रामीण क्षेत्र में (ब्लाॅक स्तर) पर प्रथम सत्यापन ग्राम विकास अधिकारी करेंगे.
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नेहरा ने 31 मार्च 2021 से पूर्व के लंबित प्रकरणों को पुरानी व्यवस्था से 10 दिन में निस्तारित करने के सभी एसडीओ, बीडीओ, तहसीलदार, अधिशाषी अधिकारियों को निर्देश दिए. नेहरा ने गुरुवार को नगर निगम हेरिटेज और नगर निगम ग्रेटर के आयुक्तों को भी इस संबंध में निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 'राजस्थान जन आधार योजना' राज्य की एक फ्लैगशिप योजना है. इसके माध्यम से राज्य की विभिन्न लोककल्याणकारी योजनाओं के लाभ पात्र लाभार्थियों को हस्तांतरित किए जा रहे हैं. जितनी जल्द जनाधार कार्ड पात्र व्यक्तियों तक पहुंचेंगे, वे लोक कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
उन्होने बताया कि नई व्यवस्था के अनुसार राजस्थान जन आधार योजना के प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में (ब्लाॅक स्तर) पर प्रथम सत्यापन ग्राम विकास अधिकारी और द्वितीय सत्यापन ब्लाॅक विकास अधिकारी की ओर से किया जाएगा. इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में प्रथम सत्यापन नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी अथवा आयुक्त और द्वितीय सत्यापन उपखण्ड अधिकारी करेंगे.
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नेहरा ने निर्देशित किया कि दोनों क्षेत्रों में प्रकरण निर्धारित समयावधि में ही प्रथम स्तर से द्वितीय स्तर को सत्यापन के लिए अग्रेषित किए जाए. इसी प्रकार जब कोई प्रकरण द्वितीय स्तर से सत्यापन हो जाए तो उसे निर्धारित समायावधि में अनुलिपीकरण के लिए भेजा जाए, जिससे लाभार्थी को उससे संबंधित योजनाओं का लाभ मिल सके. नेहरा ने बताया कि नगर निगम जयपुर हेरिटेज के सभी 5 जोन उपायुक्तों और जयपुर नगर निगम ग्रेटर के 7 उपायुक्तों की एसएसओ आईडी की मैपिंग भी की जा चुकी है.
31 मार्च से पहले के लंबित प्रकरणों का निस्तारण पूर्व व्यवस्था के अनुसार
नेहरा ने बताया कि 1 अप्रैल से पहले योजना के अंतर्गत प्रथम सत्यापन के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया गया था और द्वितीय सत्यापन के लिए ग्रामीण क्षेत्र में विकास अधिकारी और शहरी क्षेत्र में उपखण्ड अधिकारी को अधिकृत किया गया था. लेकिन, लंबित प्रकरणों की अधिक संख्या के कारण नवीन व्यवस्था प्रभावी की गई है. उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2021 तक के लंबित प्रकरणों का निस्तारण पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही किया जाएगा.