जयपुर. कोरोना को लेकर सचिवालय प्रशासन की बड़ी लापरवाही (Negligence in Rajasthan Secretariat on Corona) सामने आई है. जहां एक ही दफ्तर के दो कर्मचारियों के पॉजिटिव (two corona positives found in secretariat) पाए जाने के बाद भी दफ्तर को बंद नहीं किया गया. इसको लेकर सचिवालय के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. उधर कार्मिक विभाग ने सचिवालय कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत कर दी है.
दरअसल, सचिवालय में पिछले 4 दिन में अलग-अलग विभागों के 30 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें दो आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं. लगातार कोरोना के मामले सामने आने के बावजूद भी यह आलम है कि जिन दफ्तरों में कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, उन्हें बंद तक नहीं किया जा रहा है. जबकि गृह विभाग की गाइड लाइन में साफ है कि किसी भी दफ्तर में कोई भी संक्रमित पाया जाते है तो उस दफ्तर को 72 घंटे के लिए बंद किया जाएगा. सचिवालय प्रशासन की ओर से बरती जा रही इस लापरवाही से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.
सचिवालय कर्मचारी नेता उपेंद्र सिंह ने कहा कि सचिवालय प्रशासन की ओर से इस तरह की लापरवाही करना कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ है. गृह विभाग की ओर से जो गाइड लाइन जारी करी गई है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर किसी भी दफ्तर या कमरे में कोई भी संक्रमित पाया जाता है तो उस कमरे और दफ्तर को अगले 72 घंटे के लिए सील कर दिया जाएगा.
लेकिन सचिवालय में गाइड लाइन की पूरी तरीके से अवहेलना की जा रही है. कई विभागों में कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन बावजूद उन विभागों में लगातार कर्मचारियों पर काम करने का दबाव बनाया जा रहा है. उपेंद्र सिंह ने मांग की है कि सचिवालय प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से ले और आदेश जारी करे कि अगर किसी भी दफ्तर में कोई भी कर्मचारी संक्रमित पाया जाता है तो उसे कोरोना गाइड लाइन के हिसाब से 72 घंटे के लिए बंद किया जाए.
कार्मिक विभाग ने 50 प्रतिशत उपस्थिति के जारी किए आदेश
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के बाद गृह विभाग ने सरकारी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने के निर्देश दिए थे. जिसकी पालना में कार्मिक विभाग प्रमुख सचिव हेमंत गेरा ने कार्मिक विभाग के सभी सेक्शनों के लिए आदेश जारी कर कल से 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ऑफिस आने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से ही काम करेंगे. वे सभी कर्मचारी विभागाध्यक्ष के संपर्क में रहेंगे. इसके साथ ही अपने मोबाइल फोन को चालू रखेंगे. आवश्यक होने पर ऑफिस भी बुलाया जा सकता है.