जयपुर. डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया गया है. कोरोना संक्रमण के दौर में डॉक्टर्स ने अपनी जिंदगी की परवाह न करते हुए लाखों लोगों की जिंदगी बचाई. आज उन्हीं डॉक्टर्स को सम्मान देने या यूं कहें कि धन्यवाद देने का दिन है. जी हां, एक जुलाई को देश भर में नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctors Day) के रूप में मनाया जाता है. देश में तमाम प्रतिभाशाली डॉक्टर्स हैं जिन्होंने देश और विदेशों तक में ख्याति प्राप्त कर रखी है. इन डॉक्टर्स ने अपनी काबिलियत के दम पर देश का नाम रोशन किया है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के विशेषज्ञ सर्जन डॉ. जीवन कांकरिया (SMS hospital doctor Jeevan Kankaria) जिन्होंने रिकॉर्ड ऑपरेशन कर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाया है.
जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल उत्तर भारत के सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां प्रति दिन हजारों मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं तो वहीं हजारों की संख्या में ऑपरेशन भी किए जाते हैं. SMS अस्पताल के सर्जन डॉक्टर जीवन कांकरिया भी ऐसे ही चिकित्सकों में से एक हैं जिन्होंने कई जटिल ऑपरेशन कर मरीजों को नई जिंदगी प्रदान की है. खास बात ये है कि डॉक्टर जीवन कांकरिया ने अस्पताल में रिकॉर्ड ऑपरेशन कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है. इसके अलावा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी डॉ. जीवन अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं.
डॉक्टर कांंकरिया ने एसएमएस अस्पताल में सबसे अधिक उम्र और सबसे छोटी उम्र के मरीज के गॉल ब्लैडर की सर्जरी का रिकॉर्ड कायम किया है. डॉक्टर जीवन कांकरिया का कहना है कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि उन्होंने न सिर्फ लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बल्कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज करवाया है और इसका श्रेय वे अपनी पूरी टीम और एसएमएस अस्पताल को देते हैं. इनका कहना है कि हमने एसएमएस अस्पताल में तकरीबन 20 हजार गॉल ब्लैडर के विभिन्न ऑपरेशन किए हैं जिनमें से सबसे लंबा गॉलब्लैडर के ऑपरेशन का रिकॉर्ड, 109 साल के मरीज के गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन, 217 दिन की बच्ची का गॉल ब्लैडर की सर्जरी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
24 हजार सर्जरी
डॉ. जीवन कांकरिया का कहना है कि अब तक उन्होंने अस्पताल में 24 हजार पेट से जुड़ी सर्जरी की है और 20 हजार गॉल ब्लैडर निकाले हैं. यही नहीं करीब 6 साल पहले डॉ. जीवन कांकरिया ने एक अनोखे ऑपरेशन को अंजाम दिया था जिसके तहत मरीज के पेट से 11000 स्टोंस निकाले थे. डॉक्टर कांकरिया का कहना है कि लोगों की लाइफ स्टाइल बदलने के साथ ही उनको बीमारियों ने घेरना शुरू कर दिया है. खासकर पेट की बीमारियों से जुड़े मरीज पिछले कुछ वर्षों में अधिक सामने आने लगे हैं. इनका कहना है कि गॉल ब्लैडर में होने वाले स्टोन यदि लंबे समय तक नहीं निकाले जाते हैं तो कैंसर का रूप ले लेते हैं और पिछले कुछ समय से इस तरह के मामले भी सामने आए हैं.