जयपुर. शहर में सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बुधवार को जिला स्तर पर पदस्थापित अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से संवाद किया. इस बैठक में उन्होंने पंत कृषि भवन में कृषि प्रसंस्करण, खरीफ फसली ऋण, उपज रहन ऋण योजना, एमएसपी पर सरसों और चना खरीद सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की क्रय विक्रय सहकारी समितियों और ग्राम सेवा सरकारी समितियों में कोल्ड स्टोरेज गोदाम निर्माण प्रोसेसिंग यूनिट सहित कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए समितियों से क्षेत्रवाद स्थितियों की जानकारी प्राप्त की जाएगी. जिससे कृषि गतिविधियों की चेन सप्लाई सिस्टम को विकसित किया जा सके.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान सहकारी अधिनियम 2001, राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 और स्पोर्ट्स एक्ट के तहत पंजीकृत संस्थाओं का डेटा 31 जलाई तक ऑनलाइन कर दिया जाए. जिससे पारदर्शिता के साथ सूचनाऐं आमजन को मिल सके और बेहतर मॉनिटरिंग भी संभव हो सके. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला उप रजिस्ट्रार प्राथमिकता के साथ इस कार्य को पूरा करें.
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि फसली ऋण वितरण में ऑनलाइन प्रणाली अपनाने से अच्छे रिजल्ट आए हैं. इस प्रणाली के कारण दो माह में ही लगभग 20 लाख किसानों को 6 हजार 18 करोड़ रुपये की खरीफ फसली ऋण का वितरण किसानों को हो चुका है. उन्होंने निर्देश दिए कि नए किसानों को भी फसली ऋण प्रदान किया जाए और जो जिले अपने यहां फसली ऋण के लिए और नए किसानों को जोड़ना चाहते हैं. वे प्रस्ताव भेजें, तो उन्हें अनुमति प्रदान की जाएगी.
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उन्होंने 50 प्रतिशत से कम ऋण वितरण वाले 5 जिलों के प्रबंध निदेशकों को सख्त लहजे में कहा कि 30 जून तक प्रदर्शन सुधारें, अन्यथा अनुशासत्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि फसली ऋण वितरण के दौरान कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करें.
उन्होंने निर्देश दिए कि 30 जून तक पात्र समिति कम से कम एक किसान को उपज रहन ऋण प्रदान करे. जिससे आने वाली सीजन में किसानों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को गौण मंडी का दर्जा देने से किसानों और समितियों को फायदा हुआ है. इसे स्थायित्व दिया जाए.
गंगवार ने बताया कि योजनाओं की जिलेवार बेहतर मॉनिटरिंग के लिए विभाग में पदस्थापित अधिकारियों को रिव्यू के लिए जिलों में भेजा जाएगा. उन्होंने खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिए कि जिला अनुसार रिव्यू करें. गंगवार ने कहा कि एमएसपी पर चना खरीद के भारत सरकार द्वारा आवंटित लक्ष्य को पूरा करें. जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके.
बैठक में मौजूद राजफैड की प्रबंध निदेशक प्रबंध निदेशक राजफैड, सुषमा अरोड़ा ने कहा कि 2 लाख 91 हजार 936 किसानों से सरसों और चना की 7 लाख 36 हजार 186 मीट्रिक टन उपज खरीदी गई है. जिसकी राशि 3 हजार 452 करोड़ रुपये है.
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उन्होंने कहा कि बाजार में सरसों के भाव एमएसपी से ऊपर होने की वजह से खरीद केन्द्रों पर आवक कम है. जबकि चना की आवक ज्यादा है. उन्होंने निर्देश दिए कि उपज का समय पर उठाव करें और ईडब्लयूआर समय पर जनरेट करें. एफएक्यू मानक से खरीद नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. वीसी के दौरान अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) जीएल स्वामी और अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) भोमाराम ने भी संबंधित बिन्दुओं पर अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए.