जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-5 ने पचास लाख रुपए की फिरौती के लिए सात साल की भांजी का अपहरण करने और बाद में उसकी हत्या करने वाले मामा अभियुक्त निशांत सेन और उसके साथी गौरव छीपा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर दो लाख नब्बे हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
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अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश चौधरी ने बताया कि नयना श्याम नगर थाना इलाका में अपने नाना राजेन्द्र सेन के घर पर रहती थी. दूर के रिश्ते में मामा लगने वाले निशांत और उसके साथी गौरव ने 28 नवंबर 2012 को उसका अपहरण कर लिया. अभियुक्तों की योजना पचास लाख रुपए की फिरौती मांगने की थी, लेकिन पुलिस के डर से अभियुक्तों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को बोरे में डालकर आग लगा दी.
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इसके बाद अभियुक्तों ने बोरे को कलवाडा गांव में खुदे कुए में फैंक दिया. पुलिस को पांच दिसंबर को कुए से शव बरामद हुआ. वहीं कुए के पास निशांत का विजिटिंग कार्ड मिलने के बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की. पूछताछ में अभियुक्त ने घटना का खुलासा करते हुए अपना कर्ज उतारने के लिए अपहरण और बाद में उसकी हत्या की बात कबूली. अभियुक्त की सूचना पर पुलिस ने 9 दिसंबर 2012 को उसके साथी गौरव को गिरफ्तार किया.