जयपुर. प्रदेश के नगरीय निकायों में 40 प्रतिशत सफाई कर्मचारी महिलाएं हैं. केवल राजधानी जयपुर में 4 हजार महिला सफाई कर्मचारी हर दिन शहर को साफ करने के लिए घरों से निकलती हैं. इनके सामने परिवार को संभालने के साथ ही सड़कों पर सफाई करते समय भी कई चुनौतियां (jaipur female cleaning workers issues) आती हैं, जिन पर पार पाते हुए ये सालों से शहर की गंदगी साफ कर रही हैं. इन्हीं स्वच्छता सैनिकों के दम पर राजधानी के दोनों निगम सहित प्रदेशभर के निकाय स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
महिलाओं के सुरक्षा से जुड़े नियमों का नहीं हो रहा पालन : इस बीच राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष किशनलाल जैदिया ने सफाई कार्य में जुटी आधी आबादी को पूरा न्याय दिलाने की बात कही है. जैदिया ने (Rajasthan Safai Karamcharis Commission Kishanlal Zaidiya statement) आरोप लगाया है कि महिला सफाई कर्मचारियों को क्षमता से ज्यादा काम कराया जाता है.
इसके अलावा उनकी ड्यूटी काम के लिए उनके क्षेत्र से अन्यत्र भी लगाई जाती है. इतना ही नहीं महिलाओं से जुड़े सुरक्षा मानक नगरीय निकायों में फॉलो नहीं किए जा रहे हैं. इसीलिए आयोग को निकायों के अधिकारियों से चर्चा कर महिला कर्मचारियों के लिए सभी सुरक्षा नियमों को लागू करवाना चाहिए.
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इससे पहले महिला सफाई कर्मचारियों के लिए ग्रेटर निगम मेयर ने हेल्थ चेकअप, योगा शिविर लगाने का फैसला किया था. साथ ही मुख्यालय और जोन कार्यालय पर एक गुलाबी पेटी भी लगाई जाएगी, जिसमें महिला कार्मिक अपनी समस्याओं और शिकायतों को साझा कर सकेंगी.