जयपुर. मुस्लिम परिषद संस्थान ने राजस्थान मदरसा बोर्ड सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुस्लिम परिषद संस्थान ने बोर्ड सचिव को गैर जिम्मेदाराना अधिकारी बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेजा है. पत्र में कोरोना ड्यूटी के दौरान चारदीवारी इलाके से आने वाले 5 कर्मचारियों के साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप भी बोर्ड सचिव पर लगाया गया है.
पत्र में लगाए RMB की सचिव पर आरोप
पत्र में लिखा गया है कि राजस्थान मदरसा बोर्ड की सचिव पूनम प्रसाद सागर की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर लगातार नकारात्मक बातें सामने आ रही हैं. बोर्ड सचिव पूनम प्रसाद सागर की बोर्ड में नियुक्ति के बाद से ही कर्मचारियों के साथ बातचीत का तरीका गलत रहा है. अलग जगह से आने वाले फरियादियों और अन्य संबंधित कर्मचारियों से भी मिलना पसंद नहीं करती हैं. कई बार उनको बेइज्जत करके दफ्तर से बाहर भी निकाल देती हैं. ऐसे व्यवहार से बाहर से आने वाले लोग वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं.
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संविदाकर्मियों के साथ किया जाता है गलत व्यवहार
मुस्लिम परिषद संस्थान के अध्यक्ष यूनुस चौपदार ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तरों में सौ फीसदी उपस्थिति के आदेश के बाद चारदीवारी में रहने वाले 5 संविदाकर्मी मदरसा शिक्षा सहयोगी कार्यालय आए. ये संविदाकर्मी मदरसा बोर्ड में अपनी सेवाएं दे रहे थे. कार्यालय पहुंचने पर बोर्ड सचिव ने उनके साथ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. यहां तक ये भी कह डाला कि तुम लोग यहां कोरोना फैलाने आए हो क्या ?
मदरसा शिक्षा सहयोगियों में से एक को बुलाने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को यहां तक कह दिया कि उसे कॉलर पकड़कर मेरे पास लेकर आओ. बोर्ड सचिव ने इन पांचों मदरसा शिक्षा सहयोगियों को रामगंज का निवासी होने की उलाहना देते हुए मूल मदरसों में भेजने के आदेश जारी कर दिए.
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मदरसा बोर्ड सचिव को बर्खास्त करने की मांग
यूनुस चौपदार ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के मन में समुदाय विशेष के प्रति इस प्रकार की भावना बेहद निंदनीय है. राजस्थान मदरसा बोर्ड से जुड़े हुए अधिकांश लोग समुदाय विशेष से ही है और अगर बोर्ड प्रशासनिक मुखिया की मानसिकता ऐसी विकृत हो तो निश्चित रूप से मदरसा बोर्ड में मुस्लिम समुदाय के लिए नुकसानदेह साबित होगा. इससे पहले भी अनेक अधिकारियों ने इस पद पर सेवाएं दी हैं और उनका व्यवहार सकारात्मक रहा है. मुस्लिम परिषद संस्थान ने मदरसा बोर्ड सचिव को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है और मदरसा बोर्ड सचिव को बर्खास्त नहीं किया जाता है, तो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा. मुख्यमंत्री के साथ अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद और शासन सचिव को भी ये पत्र भेजा गया है.