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प्रदेश की सबसे कम मतदाता वाली नगर पालिका 'नसीराबाद', परिवार में 20 सदस्य हैं तो वार्ड पार्षद बनना तय - जयपुर न्यूज

अजमेर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा नसीराबाद प्रदेश की सबसे कम मतदाताओं वाली नगर पालिका है. बड़ी बात यह है कि 20 वार्डों की इस नगर पालिका में वो प्रत्याशी भी वार्ड पार्षद बन सकता है, जिसके परिवार में 20 मतदाता है. यानि प्रत्येक वार्ड में लगभग सिर्फ 40 ही मतदाता हैं.

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Published : Oct 23, 2019, 7:07 PM IST

जयपुर. प्रदेश में नवंबर महीने में निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे में जयपुर, कोटा और जोधपुर शहर का इन निकाय चुनाव से बाहर होते ही चुनावों की तस्वीर पहले से अलग हो गई है. अब चुनावों में सर्वाधिक मतदाता वाला निकाय बीकानेर नगर निगम रह जाएगा. लेकिन बात अगर सबसे कम मतदाताओं वाली नगर पालिका की किया जाए तो सबसे पहले नाम आता है अजमेर की नसीराबाद नगरपालिका का. यहां मतदाताओं की संख्या सबसे कम है.

सबसे कम मतदाताओं वाली नगर पालिका नसीराबाद

हाल ही में गठित अजमेर जिले की नसीराबाद नगर पालिका प्रदेश की एक मात्रा ऐसी नगर पालिका है, जहां महज 957 मतदाता है. 20 वार्डों की इस नगर पालिका में वो प्रत्याशी भी वार्ड पार्षद बन जायेगा, जिसके परिवार में 20 मतदाता है. यानि प्रत्येक वार्ड में सिर्फ 40 के करीब ही मतदाता हैं.

पढ़ें: Exclusive : राजस्थान के इन कर्मवीरों ने अमिताभ बच्चन के इस प्रस्ताव को ठुकराया, जल्द नजर आएंगे KBC की हॉट सीट पर

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा नसीराबाद प्रदेश की सबसे कम मतदाता वाली नगर पालिका में शुमार हो गया है. इस नगर पालिका में महज 957 मतदाता हैं, जो नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. 20 वार्डों की इस नगर पालिका में हजार से भी कम मतदाता होने के चलते यह नगर पालिका चर्चा का विषय बन गई है. एक वार्ड में अगर एक ही परिवार के 20 मतदाता हैं, तो समझो उसकी जीत तय है.

जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो निगम बना दिए जाने से अगले माह 52 की जगह 49 शहरों में ही चुनाव होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग की सूची के अनुसार 49 निकायों में कुल 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता वोट डालेंगे. इसमें 17 लाख 1 हजार 292 पुरुष मतदाता और 15 लाख 97 हजार 998 महिला मतदाता हैं. वहीं 47 थर्ड जेंडर हैं. 49 निकायों के 2 हजार 105 वार्ड में मतदान होगा और मतदान के लिए 3 हजार 479 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. वहीं अजमेर जिले की नसीराबाद में सबसे कम 957 मतदाता हैं. इनमें 498 पुरुष और 459 महिला मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.

आर्मी छावनी के वार्ड बनने से यहां सबसे कम मतदाता

राज्य सरकार की ओर से नसीराबाद को नगर पालिका बनाने के बाद यहां पहली बार हो रहे निकाय चुनाव की तैयारी पूरी कर ली गई है. लेकिन सबसे रोचक बात यह है कि इस नगर पालिका के 20 वार्डों की जनसंख्या महज 957 ही है. नसीराबाद में जिन वार्डों को दर्शाया गया है वे हाउसिंग बोर्ड से संबधित हैं. इन वार्डों में यहां अच्छी खासी जनसंख्या है, वे छावनी बोर्ड के अधीन हैं. नसीराबाद नगर पालिका की घोषणा तत्कालीन भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे ने चुनावों से पूर्व कर दी थी. इसके बाद छावनी बोर्ड का संबंधित क्षेत्र और वार्डों को पालिका के अन्तर्गत लाने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से क्रियान्वित नहीं हो पाई. यही वजह है कि नगर पालिकाओं की आरक्षण लॉटरी में छावनी बोर्ड के वार्डों के अतिरिक्त को ही जनसंख्या में दर्शाया गया है.

उधर, पालिका चुनाव से पहले प्रशासन की ओर से इन वार्डों में दोबारा जनगणना कराने की कवायद भी की गई. ताकि नई जुड़ी जनसंख्या को भी नगर पालिका चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किया जा सके. लेकिन मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक ये कवायद तकनीकी कारणों के चले पूरी नहीं हो पाई.

पढ़ें: Exclusive : बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनने के बाद सौरव गांगुली ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

छावनी बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद हो पाएगा विलय

नगर पालिका क्षेत्र में नसीराबाद की सम्पूर्ण जनसंख्या को शामिल करने के लिए छावनी बोर्ड से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पात्र आवश्यक है. इसके लिए सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी अनुमति मिलना आवश्यक है. हालांकि इसके लिए जन प्रतिनिधियों और सरकार के नुमाइंदों ने सम्पर्क साधा है और कार्रवाई चल रही है. लेकिन नगर पालिका के नवंबर तक प्रस्तावित चुनाव से पहले यह मुमकिन नहीं हो सका. अब जब तक छावनी बोर्ड से एनओसी जारी नहीं होती, तब तक निकाय चुनावों में संबंधित जनसंख्या की भागीदारी भी सुनिश्चित नहीं हो सकेगी.

जयपुर. प्रदेश में नवंबर महीने में निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे में जयपुर, कोटा और जोधपुर शहर का इन निकाय चुनाव से बाहर होते ही चुनावों की तस्वीर पहले से अलग हो गई है. अब चुनावों में सर्वाधिक मतदाता वाला निकाय बीकानेर नगर निगम रह जाएगा. लेकिन बात अगर सबसे कम मतदाताओं वाली नगर पालिका की किया जाए तो सबसे पहले नाम आता है अजमेर की नसीराबाद नगरपालिका का. यहां मतदाताओं की संख्या सबसे कम है.

सबसे कम मतदाताओं वाली नगर पालिका नसीराबाद

हाल ही में गठित अजमेर जिले की नसीराबाद नगर पालिका प्रदेश की एक मात्रा ऐसी नगर पालिका है, जहां महज 957 मतदाता है. 20 वार्डों की इस नगर पालिका में वो प्रत्याशी भी वार्ड पार्षद बन जायेगा, जिसके परिवार में 20 मतदाता है. यानि प्रत्येक वार्ड में सिर्फ 40 के करीब ही मतदाता हैं.

पढ़ें: Exclusive : राजस्थान के इन कर्मवीरों ने अमिताभ बच्चन के इस प्रस्ताव को ठुकराया, जल्द नजर आएंगे KBC की हॉट सीट पर

जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा नसीराबाद प्रदेश की सबसे कम मतदाता वाली नगर पालिका में शुमार हो गया है. इस नगर पालिका में महज 957 मतदाता हैं, जो नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. 20 वार्डों की इस नगर पालिका में हजार से भी कम मतदाता होने के चलते यह नगर पालिका चर्चा का विषय बन गई है. एक वार्ड में अगर एक ही परिवार के 20 मतदाता हैं, तो समझो उसकी जीत तय है.

जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो निगम बना दिए जाने से अगले माह 52 की जगह 49 शहरों में ही चुनाव होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग की सूची के अनुसार 49 निकायों में कुल 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता वोट डालेंगे. इसमें 17 लाख 1 हजार 292 पुरुष मतदाता और 15 लाख 97 हजार 998 महिला मतदाता हैं. वहीं 47 थर्ड जेंडर हैं. 49 निकायों के 2 हजार 105 वार्ड में मतदान होगा और मतदान के लिए 3 हजार 479 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. वहीं अजमेर जिले की नसीराबाद में सबसे कम 957 मतदाता हैं. इनमें 498 पुरुष और 459 महिला मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.

आर्मी छावनी के वार्ड बनने से यहां सबसे कम मतदाता

राज्य सरकार की ओर से नसीराबाद को नगर पालिका बनाने के बाद यहां पहली बार हो रहे निकाय चुनाव की तैयारी पूरी कर ली गई है. लेकिन सबसे रोचक बात यह है कि इस नगर पालिका के 20 वार्डों की जनसंख्या महज 957 ही है. नसीराबाद में जिन वार्डों को दर्शाया गया है वे हाउसिंग बोर्ड से संबधित हैं. इन वार्डों में यहां अच्छी खासी जनसंख्या है, वे छावनी बोर्ड के अधीन हैं. नसीराबाद नगर पालिका की घोषणा तत्कालीन भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे ने चुनावों से पूर्व कर दी थी. इसके बाद छावनी बोर्ड का संबंधित क्षेत्र और वार्डों को पालिका के अन्तर्गत लाने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से क्रियान्वित नहीं हो पाई. यही वजह है कि नगर पालिकाओं की आरक्षण लॉटरी में छावनी बोर्ड के वार्डों के अतिरिक्त को ही जनसंख्या में दर्शाया गया है.

उधर, पालिका चुनाव से पहले प्रशासन की ओर से इन वार्डों में दोबारा जनगणना कराने की कवायद भी की गई. ताकि नई जुड़ी जनसंख्या को भी नगर पालिका चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किया जा सके. लेकिन मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक ये कवायद तकनीकी कारणों के चले पूरी नहीं हो पाई.

पढ़ें: Exclusive : बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनने के बाद सौरव गांगुली ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

छावनी बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद हो पाएगा विलय

नगर पालिका क्षेत्र में नसीराबाद की सम्पूर्ण जनसंख्या को शामिल करने के लिए छावनी बोर्ड से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पात्र आवश्यक है. इसके लिए सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी अनुमति मिलना आवश्यक है. हालांकि इसके लिए जन प्रतिनिधियों और सरकार के नुमाइंदों ने सम्पर्क साधा है और कार्रवाई चल रही है. लेकिन नगर पालिका के नवंबर तक प्रस्तावित चुनाव से पहले यह मुमकिन नहीं हो सका. अब जब तक छावनी बोर्ड से एनओसी जारी नहीं होती, तब तक निकाय चुनावों में संबंधित जनसंख्या की भागीदारी भी सुनिश्चित नहीं हो सकेगी.

Intro:प्रदेश की सबसे मतदाता वाली नगर पालिका का ख़िताब नसीराबद को , परिवार में 20 सदस्य तो वार्ड पार्षद तय

एंकर :- प्रदेश में नवम्बर में निकाय चुनाव होने है , जयपुर ,कोटा और जोधपुर के इस निकाय चुनाव से बाहर होते ही चुनावों की तस्वीर पहले से अलग हो गई है , अब चुनावों में सर्वाधिक मतदाता वाला निकाय बीकानेर नगर निगम रह जाएगा , लेकिन बात यहां उस नगर पालिका की जहाँ सबसे कम मतदाता है , हाल ही में गठित अजमेर जिले की नसीराबाद नगर पालिका प्रदेश की एक मात्रा ऐसी नगर पालिका है जहां महज 957 ही मतदाता है , 20 वार्डों की इस नगर पालिका में वो प्रत्याशी वार्ड पार्षद बन जायेगा जिसके परिवार में 20 मतदाता है , यानि प्रत्येक वार्ड में सिर्फ 40 के करीब ही मतदाता है ....
ओपेनिंग पीटीसी - जसवंत सिंह
VO :1:- अजमेर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा नसीराबाद , प्रदेश की सबसे कम मतदाता वाली नगर पालिका में शुमार हो गई , इस नगर पालिका में महज 957 मतदाता , जो नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे , 20 वार्डों की इस नगर पालिका में हजार से भी कम मतदाता होने के चलते रोचक और सबकी चर्चा का विषय बन गई , एक वार्ड में अगर एक ही परिवार के 20 मतदाता है तो समझो उसकी जीत तय है , जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो निगम बना दिए जाने से अगले माह 52 की जगह 49 शहरों में ही चुनाव होंगे , राज्य निर्वाचन आयोग की सूची के अनुसार 49 निकायों में कुल 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता वोट डालेंगे , जिसमे 17 लाख 1292 पुरुष मतदाता और 15 लाख 97998 महिला मतदाता हैं। वहीं 47 थर्ड जेंडर हैं। 49 निकायों के 2105 वार्ड में मतदान होगा और मतदान के लिए 3479 मतदान केंद्र बनाए गए हैं , 49 में सबसे अधिक मतदाता अब बीकानेर में 4 लाख 41 हजार 294 मतदाता है , वहीँ अजमेर जिले की नसीराबाद में सबसे कम 957 मतदाता हैं , जिनमे 498 पुरुष और 459 महिला मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे ,
नसीराबाद को हाल ही में गठित किया है और आर्मी छावनी के वार्ड आने से यहाँ सबसे कम मतदाता है ,
:- राज्य सरकार की ओर से नसीराबाद को नगर पालिका बनाने के बाद यहां पहली बार हो रहे निकाय चुनाव की तैयारी पूरी क्र ली गई , मगर सबसे रोचक बात यह है कि इस नगर पालिका के 20 वार्डों की जनसंख्या महज 957 ही है, नसीराबाद में जिन वार्डों को दर्शाया गया है वे हाउसिंग बोर्ड से संबधित हैं, जिन वार्डों में यहां अच्छी खासी जनसंख्या है वे छावनी बोर्ड के अधीन हैं , नसीराबाद नगर पालिका की घोषणा तत्कालीन भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा राजे ने चुनावों से पूर्व कर दी थी , इसके बाद छावनी बोर्ड का संबंधित क्षेत्र एवं वार्डों को पालिका के अन्तर्गत लाने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से क्रियान्वित नहीं हो पाई , यही वजह है कि नगर पालिकाओं की आरक्षण लॉटरी में छावनी बोर्ड के वार्डों के अतिरिक्त को ही जनसंख्या में दर्शाया गया है , यह जो जनसंख्या है वह वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक है , उधर, पालिका चुनाव से पूर्व प्रशासन की ओर से इन वार्डों में पुन: जनगणना कराने की कवायद भी गई , ताकि जो नए जुड़ी जनसंख्या है उसे भी नगर पालिका चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किया जा सके , लेकिन मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक ये कवाद तकनिकी कारणों के चले पूरी नहीं हो पाई ,
छावनी बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद हो पाएगा विलय

नगर पालिका क्षेत्र में नसीराबाद की सम्पूर्ण जनसंख्या को शामिल करने के लिए छावनी बोर्ड से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पात्र आवश्यक है , इसके लिए सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय से भी अनुमति मिलाना आवश्यक है , हालाँकि इसके लिए जनप्रतिनिधियों और सरकार के नुमाइंदों ने सम्पर्क साधा है और कार्यवाही चल रही है , लेकिन नगर पालिका के नवम्बर तक प्रस्तावित चुनाव से पूर्व यह मुमकिन नहीं हो सका , अब जब तक छावनी बोर्ड से एनओसी जारी नहीं होती तब तक निकाय चुनावों में संबंधित जनसंख्या की भागीदारी भी सुनिश्चित नहीं हो सकती है ,
क्लोजिंग पीटीसी - जसवंत सिंह Body:VoConclusion:Vo
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