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टिकट वितरण फार्मूले में विवाद के बाद विधायकों की इच्छा पर ही बटेंगे टिकट - Municipal election 2020

टिकट वितरण फार्मूले में विवाद के बाद यह साफ हो गया है कि ज्यादातर टिकट विधायकों की इच्छा पर ही दिए जाएंगे. लेकिन इसके लिए विधायकों को एआईसीसी कमेटी को नाम देने होंगे. वहीं, जहां विधायक नहीं हैं वहां विधायक प्रत्याशी के साथ ही अन्य नेताओं की राय को भी तवज्जो मिलेगी.

Municipal corporation elections in Rajasthan,   Rajasthan Congress News
विधायकों की इच्छा पर ही बटेंगे टिकट
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Published : Oct 17, 2020, 9:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान में तीनों नगर निगम में सबसे ज्यादा अगर टिकट को लेकर माथापच्ची कांग्रेस पार्टी को करनी पड़ रही है तो वह है जयपुर के दोनों नगर निगम. हालात यह हुए कि जयपुर के विधायकों ने जब यह कहा कि एआईसीसी की कमेटी उन्हें खाली सिंबल दे दे और वह अपने हिसाब से जिताऊ कैंडिडेट को वह सिंबल दे देंगे. इसके बाद यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया.

विधायकों की इच्छा पर ही बटेंगे टिकट

मुख्यमंत्री आवास पर चर्चा के दौरान यह बात तय हो गई कि विधायकों की टिकट में चलेगी, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों को यह बात बिल्कुल साफ कह दी कि विधायकों को खाली सिंबल नहीं मिलेंगे. उन्हें पहले कांग्रेस पार्टी को अपनी लिस्ट सौंपनी पड़ेगी. अब शनिवार शाम या रविवार दिन तक सभी पांचों विधायक अपनी लिस्ट एआईसीसी की कमेटी को सौंपेंगे, उसके बाद ही उन्हें सिंबल दिए जाएंगे.

पढ़ें- निकाय चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी कार्यालय में मंथन जारी, अगले 24 घंटे में जारी हो सकती है सूची

बताया जा रहा है कि विधायकों के दिए गए नामों में ज्यादा काटछांट नहीं होगी, लेकिन फिर भी 10 से 20 फीसदी टिकटों के नाम एआईसीसी की कमेटी बाकी नेताओं की राय से देगी. यह भी तय हो गया है कि जिन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक नहीं हैं, वहां पर विधायक प्रत्याशियों के दिए गए नामों के साथ अन्य नेताओं के नामों को भी ध्यान में रखा जाएगा.

विधायक के प्रत्याशियों ने जो नाम दिए हैं उनमें बड़ी संख्या में काटछांट हो सकती है, लेकिन अब यह बिल्कुल साफ हो चुका है कि चाहे टिकट विधायकों की इच्छा से दिए जाएं लेकिन उन्हें भी इसका नाम पैनल को देना होगा. वहीं, टिकट की घोषणा को लेकर शनिवार दिन भर इंतजार होता रहा, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं हुए. अब कहा जा रहा है कि जिन सीटों पर कोई विवाद नहीं है, वहां रविवार शाम तक टिकट घोषित कर दिए जाएंगे. साथ ही जहां विवाद की स्थिति है वहां पर टिकट नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक गुपचुप तरीके से दिए जाएंगे.

पढ़ें- जोधपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा बसपा, रालोपा और आप ने भी ठोकी ताल

टिकट को लेकर चल रही माथापच्ची पर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जहां ज्यादा टिकट मांगने वाले होते हैं, वहां छोटी मोटी बातें हो जाती है. भाजपा में इसलिए तकरार नहीं है क्योंकि वहां टिकट मांगने वाले उम्मीदवार ही ना के बराबर हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि केंद्र के नेताओं ने यहां पर टिकट बांटने के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है, जबकि पार्षदों का चुनाव लोकल लीडर का काम है.

वहीं, राजस्थान के परिवहन मंत्री और जयपुर के निवर्तमान जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि टिकटों को लेकर किसी तरीके की कोई लड़ाई नहीं है. इस मामले में एआईसीसी की कमेटी की ओर से नाम पीसीसी को दिए जाएंगे और पीसीसी जिला अध्यक्ष को सिंबल देगी. इसके बाद जिलाध्यक्ष विधायकों या अन्य नेताओं को वह सिंबल दे देंगे.

जयपुर. राजस्थान में तीनों नगर निगम में सबसे ज्यादा अगर टिकट को लेकर माथापच्ची कांग्रेस पार्टी को करनी पड़ रही है तो वह है जयपुर के दोनों नगर निगम. हालात यह हुए कि जयपुर के विधायकों ने जब यह कहा कि एआईसीसी की कमेटी उन्हें खाली सिंबल दे दे और वह अपने हिसाब से जिताऊ कैंडिडेट को वह सिंबल दे देंगे. इसके बाद यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया.

विधायकों की इच्छा पर ही बटेंगे टिकट

मुख्यमंत्री आवास पर चर्चा के दौरान यह बात तय हो गई कि विधायकों की टिकट में चलेगी, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायकों को यह बात बिल्कुल साफ कह दी कि विधायकों को खाली सिंबल नहीं मिलेंगे. उन्हें पहले कांग्रेस पार्टी को अपनी लिस्ट सौंपनी पड़ेगी. अब शनिवार शाम या रविवार दिन तक सभी पांचों विधायक अपनी लिस्ट एआईसीसी की कमेटी को सौंपेंगे, उसके बाद ही उन्हें सिंबल दिए जाएंगे.

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बताया जा रहा है कि विधायकों के दिए गए नामों में ज्यादा काटछांट नहीं होगी, लेकिन फिर भी 10 से 20 फीसदी टिकटों के नाम एआईसीसी की कमेटी बाकी नेताओं की राय से देगी. यह भी तय हो गया है कि जिन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक नहीं हैं, वहां पर विधायक प्रत्याशियों के दिए गए नामों के साथ अन्य नेताओं के नामों को भी ध्यान में रखा जाएगा.

विधायक के प्रत्याशियों ने जो नाम दिए हैं उनमें बड़ी संख्या में काटछांट हो सकती है, लेकिन अब यह बिल्कुल साफ हो चुका है कि चाहे टिकट विधायकों की इच्छा से दिए जाएं लेकिन उन्हें भी इसका नाम पैनल को देना होगा. वहीं, टिकट की घोषणा को लेकर शनिवार दिन भर इंतजार होता रहा, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं हुए. अब कहा जा रहा है कि जिन सीटों पर कोई विवाद नहीं है, वहां रविवार शाम तक टिकट घोषित कर दिए जाएंगे. साथ ही जहां विवाद की स्थिति है वहां पर टिकट नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक गुपचुप तरीके से दिए जाएंगे.

पढ़ें- जोधपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा बसपा, रालोपा और आप ने भी ठोकी ताल

टिकट को लेकर चल रही माथापच्ची पर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जहां ज्यादा टिकट मांगने वाले होते हैं, वहां छोटी मोटी बातें हो जाती है. भाजपा में इसलिए तकरार नहीं है क्योंकि वहां टिकट मांगने वाले उम्मीदवार ही ना के बराबर हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि केंद्र के नेताओं ने यहां पर टिकट बांटने के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है, जबकि पार्षदों का चुनाव लोकल लीडर का काम है.

वहीं, राजस्थान के परिवहन मंत्री और जयपुर के निवर्तमान जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि टिकटों को लेकर किसी तरीके की कोई लड़ाई नहीं है. इस मामले में एआईसीसी की कमेटी की ओर से नाम पीसीसी को दिए जाएंगे और पीसीसी जिला अध्यक्ष को सिंबल देगी. इसके बाद जिलाध्यक्ष विधायकों या अन्य नेताओं को वह सिंबल दे देंगे.

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