जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान को सफल बनाने के लिए स्वायत्त शासन विभाग पूरे जतन से लगा है लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम में कर्मचारियों और अफसरों की मनमानी और लापरवाही भी शुरू हो गई है. अफसर और कर्मचारी समय से दफ्तर नहीं आ रहे हैं.
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर शील धाभाई ने शुक्रवार को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया. यहां बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी अपनी सीट पर नहीं मिले. महापौर ने निर्देश (Mayor Strict Instruction) दिया कि 10:00 बजे बाद अटेंडेंस नहीं लगाई जा सकेगी.
महापौर ने कहा कि कई महत्वपूर्ण विभाग (पशुपालन, स्वास्थ्य, बिजली) से रिपोर्ट मांगी गई थी. अब तक जानकारी नहीं मिलने पर उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं और उपस्थिति सुनिश्चित की गई है. यह भी निर्देश दिए कि 10:00 बजे बाद किसी भी अफसर और कर्मचारी की अटेंडेंस नहीं लगाई जा सकेगी. उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को ग्रेटर नगर निगम छोड़कर जाना पड़ेगा.
महापौर ने प्रशासन शहरों के संग अभियान (prashasan shehron ke sang campaign) को लेकर कहा कि कोई 2007 से तो कोई 2014 से अपने भूखंड के पट्टे के लिए भटक रहा था. ग्रेटर नगर निगम के पार्षद महेश सैनी भी इन्हीं में से एक हैं जिन्हें अब जाकर पट्टा मिला है. प्रशासन शहरों के संग अभियान की गति को लेकर बीते दिनों स्वायत्त शासन विभाग ने ग्रेटर नगर निगम आयुक्त को नोटिस भी जारी किया था. हालांकि अब पेंडिंग प्रकरणों को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है.