जयपुर. श्रावण पूर्णिमा पर 3 अगस्त को विशेष संयोगों के बीच रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. इस बार आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग और रवि योग के संयोग बन रहे है. वहीं 2 अगस्त की रात 9 बजकर 29 बजे से 3 अगस्त सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक ही भद्रा रहेगी. इसके बाद पूरे दिन बहन अपने भाई को रक्षासूत्र बांध सकेंगी.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग, श्रवण नक्षत्र और उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र का विशेष संयोग सभी वर्गों के लिए सुख समृद्धि कारक रहेगा. वहीं इस बार 47 वर्षो के बाद रक्षाबंधन का पर्व पर अद्भुत संयोग देखने को भी मिल रहा है.
सोमवती पूर्णमासी पर आए रक्षाबंधन पर्व पर 47 साल बाद सर्वार्थसिद्धि योग और 29 वर्षो के बाद श्रावण का अंतिम दिन जहां आयुष्मान योग रक्षाबंधन के पर्व पर आ रहा है. ये रक्षाबंधन का पर्व विशेष खास रहने वाला है, क्योंकि भद्रा रहित इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त रहेगा.
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सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक भद्रा की छाया रहेगी. उसके बाद भद्रा हटा जाएगा. 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. बता दें कि इस बार सम्पूर्ण दिन बहन अपने भाई की दीर्घायु की कामना को लेकर के रक्षासूत्र कलावा बांध सकती हैं. इस बार चाइनीज की बजाय भाइयों की कलाइयों पर स्वदेशी राखियां ही नजर आएंगी.