जयपुर. कोरोना संकटकाल में बंद हुए प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर के कपाट रविवार से अनलॉक हो गए. जहां पहले दिन पुष्प नक्षत्र पर सीमित संख्या में भक्तों ने दर्शन किए. 6 महीने 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद भक्तों की तपस्या आखिरकार रविवार को खत्म हुई. लेकिन जीवन परीक्षा की घड़ी अभी भी चल रही है.
कोरोना संक्रमण के चलते सभी प्रोटोकॉल की पालना करते हुए भक्त मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. जहां दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश के समय भक्तों को मास्क आवश्यक तोर पर लगाना पड़ा. साथ ही प्रवेश द्रार पर सेंसरयुक्त सैनिटाइजर मशीन लगाई गई है, जिससे भक्त आसानी से सैनिटाइज होकर मंदिर में प्रवेश कर सके. वहीं मंदिर प्रशासन ने भक्तों के खड़े होने के लिए 2 मीटर की दूरी बनाए रखते हुए गोले बनाए हैं. जिसमें भक्त खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए.
वहीं भक्त दर्शन करते समय किसी से बातचीत ना कर सके उसके लिए फाइबर सीट लगाकर संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सुरक्षा के लिहाज से पुलिस का जाप्ता और मंदिर की ओर से गार्ड भी नियुक्त किए गए हैं. जिससे मंदिर में प्रवेश करते समय भक्त एक- दूसरे से दूरी बनाए रखेंगे. भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग कर ही प्रवेश दिया जा रहा है. सोमवार से मंदिर सुबह 5 बजे से रात 8 बजे के लिए खोला जाएगा. लेकिन बड़े आयोजन या विशेष अनुष्ठान पर फिलहाल किसी भी भक्त को प्रवेश नहीं मिलेगा.
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बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में 23 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था. इसके साथ ही सभी धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया. इसके बाद से ही प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे. जो रविवार को 6 महीने 18 दिन बाद खोले गए हैं. हालांकि अभी भी भक्तों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा.